अमानक पेस्टीसाइड्स
उम्मीद से बेहतर मानसून ने किसानों को खुश कर दिया है तो उनकी जवाबदारी भी बढ़ा दी है। किसानों ने खरीफ फसलों की लगभग बुवाई कर दी है।
किसान के लिए फसल अपने बच्चे की तरह होती है। कोई भी किसान संतान अर्थात फसलों के लालन-पालन में असावधानी नहीं बरतता। वह ऐसा पेस्टीसाइड या अन्य रासायनिक दवा नहीं खरीदता जो अमानक है, या प्रभावी नहीं है। भरपूर बरसात के साथ अपने श्रम, समय व पैसे का पूरा रिटर्न यानी भरपूर फसल प्राप्त करना है तो किसानों को भी यही करना होगा। उन्हें भी सावधान, सतर्क व समझदार मां-पिता बनना पड़ेगा।
पेस्टीसाइड्स के चयन में रखें ध्यान : धरती मां की कोख से पौधा बाहर निकलेगा तो उस पर खरपतवार, कीटों व रोगों का हमला होगा। नई पौध को इस हमले से पेस्टीसाइड्स ही बचाते हैं, इसीलिए पेस्टीसाइड्स को प्लांट प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स यानी पौधे के रक्षक भी कहते हैं। गलत उत्पाद का चयन फसल के साथ ही आर्थिक रूप से भी हानि पहुंचाता है।
अधिकृत विक्रेता से ही खरीदें : किसान केवल अधिकृत विके्रता से ही पेस्टीसाइड्स खरीदें और गारंटीशुदा पेस्टीसाइड्स का ही छिड़काव करें।
बिना बिल नहीं खरीदें पेस्टीसाइड्स : बिना बिल खरीदी करके हम नकली अथवा निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि बिना बिल उत्पाद की कोई गारंटी नहीं होती। बिना बिल पेस्टीसाइड्स खरीदेंगे और उत्पाद नकली हुआ, घटिया निकला तो आपकी उपभोक्ता संरक्षण अदालत में भी सुनवाई नहीं होगी।
बहकावे में न आएं : मुनाफाखोरी ने अनैतिकता बढ़ा दी है। ऐसे व्यापारी अकसर ग्राहकों को समझाते हैं- ‘ब्रांडनेम या पैकेजिंग का पैसा मत चुकाओ। उत्पाद समान हैं।Ó अर्थात विक्रेता किसानों को यह कह कर भरमाते हैं कि सस्ता या अनब्रांडेड पेस्टीसाइड खरीद लें। लोकल उत्पाद भी उतना ही प्रभावी होता है, जितना कि जाने-माने ब्रांड। जबकि ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि इस तरह मिलने वाले उत्पाद की जवाबदारी कोई नहीं लेता।
विक्रेता नहीं देते हैं बिल? : वे कृषि आदान विक्रेता जो अमानक खरपतवारनाशकों का विक्रय करते हैं, अकसर बिल नहीं देते हैं। कई स्थानों पर तो बिल मांगने वालों को खरपतवारनाशक दवा ही नहीं दी जाती है। वहीं, बिना बिल के इन दवाओं पर किसानों से मनमानी राशि वसूली की जाती है। ऐसी स्थिति में किसानों को चाहिए कि वे जिला कलेक्टर, उप संचालक कृषि अथवा नजदीकी कृषि अधिकारी को इसकी जानकारी दें।
किस तरह करें उपयोग : खरपतवारनाशकों के डिब्बे, शीशी अथवा पाउच पर लिखे निर्देशों तथा उसके साथ दिये गये पर्चे को पढ़कर उनका पालन करें। छिड़काव के समय खेत में पर्याप्त नमी रखें। खरपतवारनाशक रसायनों का घोल तैयार करने के लिये सही मात्रा में सक्रिय तत्व के साथ पानी की पर्याप्त मात्रा का उपयोग अवश्य करें। पानी की कम मात्रा होने पर फसल को हानि हो सकती है। एक खरपतवारनाशक दवा को दूसरी खरपतवारनाशक दवा से मिलाकर छिड़काव न करें। पम्प द्वारा एक खरपतवारनाशक दवाई का छिड़काव करने के बाद उसे साफ करके ही दूसरी दवाई का उपयोग करें। नींदानाशक का उपयोग नींदाओं की पत्ती के आकार के अनुसार ही करें।
ये सावधानी आवश्यक : किसान जब भी कोई उत्पाद खरीदें उस पर निर्माण की तिथि (एक्सपायरी डेट) अवश्य देखें। एक्सपायरी डेट खत्म होने के बाद उसके रसायन प्रभावी नहीं रहेंगे।
स्वास्थ्य का रखें ध्यान : खरपतवारनाशकों का उपयोग करते समय अधिकांश किसान बिना सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किए छिड़काव करते नजर आते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। दवाओं को शरीर के सीधे सम्पर्क में न आने दें। छिड़काव यंत्रों की साफ-सफाई के साथ ही लीकेज आदि समस्याओं को दूर करें। छिड़काव करते समय हवा के रुख का ध्यान रखें, ताकि दवा नाक, मुंह में न जाएं।