मक्का की नई प्रजातियाँ: अधिक उपज और कम समय में
25 मई 2024, खरगोन: मक्का की नई प्रजातियाँ: अधिक उपज और कम समय में – मक्का की उन्नत खेती के लिए नई प्रजातियों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने उच्च उपज देने वाली और जल्दी पकने वाली मक्का की नई किस्मों को विकसित किया है, जिनसे किसानों को बेहतर उत्पादन मिल सकता है। इन प्रजातियों की खेती से न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति के अनुसार उपयुक्त प्रजातियों का चयन करें।
उन्नत प्रजातियाँ
1. एच.क्यू.पी.एम. (QPM): यह प्रोटीन युक्त मक्का है, जो 110-115 दिनों में पकती है और 60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है। इसमें उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन होता है, जो पशुधन के लिए उत्तम चारा साबित होता है।
2. वीएल-42: यह 100-105 दिनों में पक जाती है और इसकी उपज 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। यह प्रजाति सूखा सहिष्णु है और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
3. पी.एच.एम.-3: यह प्रजाति 95-100 दिनों में पक जाती है और 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देती है। यह प्रजाति अच्छी वृद्धि दर और रोग प्रतिरोधी गुणों के लिए जानी जाती है।
4. एच.एम.-4: यह 90-95 दिनों में तैयार होती है और इसकी उपज 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। यह प्रजाति कम समय में अच्छी उपज देने के लिए प्रसिद्ध है।
5. सरताज-10: यह सबसे जल्दी पकने वाली प्रजाति है, जो 85-90 दिनों में पक जाती है और 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहां फसल चक्र को तेजी से पूरा करना आवश्यक होता है।