Crop Cultivation (फसल की खेती)Industry News (कम्पनी समाचार)

ग्रोइट इंडिया के क्रॉप कवर-खीरे को कीटों और मुरझाने के खतरे से बचाएं

Share

21 नवम्बर 2022, भोपाल ग्रोइट इंडिया के क्रॉप कवर-खीरे को कीटों और मुरझाने के खतरे से बचाएं – भारत में सुरक्षात्मक खेती के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली  ग्रोइट इंडिया के क्रॉप कवर ने विभिन्न पर्यावरणीय, जैविक और रसायनिक खतरों की चिंता किए बिना बेहतर गुणवत्ता वाले खीरे उगाना अब संभव बना दिया है। ग्रोइट के क्रॉप कवर यूवी-उपचारित होने के साथ-साथ नॉन-वोवन सामग्री के बने होते हैं, जिसकी वजह से वे पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। ग्रोइट के क्रॉप कवर ग्रोइट की ही प्लास्टिक मल्च फिल्मों के साथ मिलकर कुछ इस प्रकार काम करते हैं कि सबसे वैज्ञानिक और स्वस्थ तरीके से खीरे उगाने के लिए पूरी तरह से योग्य बन जाते हैं।

खीरे की खेती में प्रमुख समस्याएं

मौसम-संबंधी विसंगतियों के अलावा, खीरे की फसलों को पोटीवायरसर्, ZYMV, WMV, MWMV, PRSV, CMV, बैक्टीरियल विल्ट, ऐंगुलर लीफ स्पॉट, रुट नॉट डिजीज, डाऊनी मिल्ड्यू, पाऊडरी मिल्ड्यू, ककंबर अल्टरनेरिया लीफ, धारीदार और चित्तीदार ककंबर बीटल, और एफिड्स से खतरा रहता है। इनमें से बैक्टीरियल विल्ट खीरे की खेती करने वालों के समक्ष आने वाली प्रमुख समस्याओं में से एक है। बैक्टीरियल विल्ट का अटैक तब होता है जब वसंत ऋतु में ककंबर बीटल खीरे के पौधों पर चरते हैं। वे पौधे को बैक्टीरिया से संक्रमित करते हैं जो पौधे को धीरे-धीरे सुखा कर मार डालते हैं।

बचाव का तरीका

इस का समाधान ग्रोइट के क्रॉप कवर्स, जो खीरे के पौधे में बैक्टीरिया का कारण बनने वाले कीटों, और उनके कारण फसल को होने वाले नुकसान के खिलाफ काफी प्रभावी हैं, की स्थापना में निहित है। खीरे की खेती के लिए ग्रोइट के क्रॉप कवर का उपयोग करने से ये बीटल पौधों से दूर रहते हैं, जिससे पौधों के मुरझाने का खतरा कम हो जाता है।

क्रॉप कवर कब और क्यों हटायें

ग्रोइट के क्रॉप कवर बीजों को विधिवत तैयार की गई क्यारियों में लगाए जाने के बाद खड़े किए जाते हैं। फाईबर स्टिक्स एक दूसरे से कम से कम 12 से 15 फीट की दूरी पर रखी जाती हैं, और तीनों तरफ एग्री थ्रेड बाँधा जाता है। नॉन-वॉवन क्रॉप कवर इनके ऊपर लगाया जाता है, जिसे स्थिर रखने के लिए इसके बाद प्लास्टिक क्लिप को लगाए जाते हैं। इन्हें अक्सर पौधों पर नर और मादा फूल दिखाई देने पर हटाया जाता है ताकि पौधों के मित्र कीटों  को परागण की प्रक्रिया का अनुसरण करने का अवसर प्राप्त हो सके, जिसके बिना हमें हमारे खीरे नहीं मिल पाएंगे। लेकिन, उत्पन्न होते ही क्रॉप कवर को हटाने पर भी बैक्टीरियल विल्ट खतरे पर पूर्ण नियंत्रण के लिए फूलों के प्रकट होने के बाद इन क्रॉप कवर्स को थोड़ी देर तक लगे रहने दें। क्रॉप कवर के अंदर परागणकों (मधुमक्खियों) को सम्मिलित करना खीरे के किसानों के लिए अन्य विकल्प हैं ।

ग्रोइट के नॉन-वोवन क्रॉप कवर के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- वेबसाइट https://www.thegrowit.com या ग्रोइट ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण खबर: निजी उर्वरक विक्रेताओं की दुकान पर शासकीय सेवक तैनात

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *