राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

माँ, बाबूजी का कैंसर से निधन, बेटी ने प्रण कर अपनाई जैविक खेती

  • पुष्पेंद्र वास्कले,
    मो. : 7354020310

14 फरवरी 2022, खरगोन । माँ, बाबूजी का कैंसर से निधन, बेटी ने प्रण कर अपनाई जैविक खेती – प्रकृति भी कैसे-कैसे दिन दिखाती है। टेमला की ज्योति कभी अपनों के लाड़ प्यार से घिरी रहती थी। उसको छींक भी आये तो माँ-बाबूजी सेवा में लग जाते थे। लेकिन कुदरत को यह सब मंजूर नहीं था। वर्ष 2011 में ऐसा कहर टूटा कि पूरा परिवार बिखर कर रह गया। छोटे भाई की बचपन में ही मृत्यु हो चुकी थी, इसके बाद बाबूजी का 2011 में गले के कैंसर के कारण देहांत हो गया। बाबूजी की मृत्यु के समय ही ज्योति ने जहरयुक्त खेती छोड़ जैविक खेती करने का निर्णय कर लिया था।

इसके बाद माँ और बेटी ने मिलकर कुछ वर्षों तक घर के खाने के लिए जैविक खेती प्रारम्भ कर दी। सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर कर चुकी ज्योति ने धीरे-धीरे जैविक खेती का ज्ञान संग्रहित किया और 5 एकड़ में जैविक खेती प्रारम्भ कर दी। वर्ष 2019 में गांव टेमला के ही नौजवान कड़वा पाटीदार से ज्योति का विवाह हो गया। अब ससुराल और मायके दोनों की बखूबी जिम्मेदारी संभालने लगी। ससुराल आते ही जैविक खेती का फार्मूला देकर पति के साथ किसान बन गई। लेकिन 2020 में माँ भी ब्लड कैंसर के कारण चल बसी। ज्योति उदास रहने लगी तो पति सहारा बने और एक दूसरे के सहयोग से आगे बढऩे लगे। ज्योति के रसोई घर मे खाने के लिए बाहर की कोई भी सामग्री नहीं लायी जाती है। उसकी रसोई में उसके खेत की ही पूरी तरह जैविक सामग्री अपनाई जाती है।

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