फसल की खेती (Crop Cultivation)

देरी से बोई सोयाबीन भी दे सकती है बंपर उपज, बस अपनाएं ये टिप्स

14 जुलाई 2025, नई दिल्ली: देरी से बोई सोयाबीन भी दे सकती है बंपर उपज, बस अपनाएं ये टिप्स – जुलाई का महीना सोयाबीन किसानों के लिए बेहद अहम होता है, खासकर तब जब मानसून अपने चरम पर होता है और खेतों में नई फसल की नींव डाली जा रही होती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने जुलाई 2025 के लिए सोयाबीन किसानों को कुछ खास सलाह दी है, जो उनकी फसल को बेहतर बनाने और अच्छी उपज सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है। इस लेख में हम इन सुझावों को आधुनिक और सरल हिंदी में आपके सामने पेश कर रहे हैं, ताकि हर किसान इसे आसानी से समझ सके और अपने खेतों में लागू कर सके।

मानसून के साथ कदम मिलाएं, बुवाई को दें नई दिशा

अधिकतर इलाकों में सोयाबीन की बुवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ किसान अभी भी सही समय का इंतजार कर रहे हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो संस्थान का कहना है कि बुवाई तब करें जब आपके क्षेत्र में मानसून आ चुका हो और कम से कम 100 मिमी बारिश हो जाए। इससे मिट्टी में नमी बनी रहेगी, जो बीज के अंकुरण के लिए जरूरी है। विलंब से बुवाई कर रहे किसानों के लिए सलाह है कि कतारों की दूरी 30 सेमी रखें और बीज की मात्रा 90-100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाएं। इससे पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी और उपज भी बेहतर होगी। साथ ही, अगर बुवाई में देरी हो रही है, तो जल्दी पकने वाली सोयाबीन किस्मों को चुनें, जो कम समय में तैयार हो जाती हैं और मौसम के जोखिम से बचाती हैं।

सोया किस्म का प्रकार/सस्य क्रियाशीघ्र पनेवाली/सीधी बढवार वाली सोया किस्मेंमध्यम समयावधी/फैलने वाली किस्में
कतारों की दुरी row spacing30 सेमी/cm45 सेमी/cm
पौधों की दूरी plant spacing5-7 सेमी.cm5-10 सेमी/cm
बीज दर seed rate80-90 किग्रा/हे (kg/ha65-70 किग्रा/हे kg/ha
बीज की गहराई sowing depth2-3 सेमी cm2-3 सेमी cm
बोवनी की पद्धति Sowing methodबी.बी.एफ./रिज-फरों/रेज बेड/ परंपरागत सीड ड्रिल द्वारा Using BBF/FIRB/Raised Bed method

विलंबित बुवाई में खरपतवार भी एक बड़ी चुनौती हो सकते हैं। इसके लिए खेत में कल्टीवेटर चलाकर खरपतवारों को नियंत्रित करें और उसके बाद ही बुवाई शुरू करें। यह तरीका न सिर्फ खरपतवारों को कम करेगा, बल्कि आपकी फसल को मजबूत शुरुआत भी देगा।

फसल की विविधता और बीज की ताकत

किसानों को सलाह दी गई है कि वे एक ही किस्म पर निर्भर न रहें। इसके बजाय, अलग-अलग समय पर पकने वाली 2-3 किस्मों का इस्तेमाल करें। इससे मौसम की मार से फसल को बचाने में मदद मिलेगी और हर हाल में अच्छी उपज की उम्मीद बनी रहेगी। जो किसान साल में तीन फसलें लेते हैं, उनके लिए जल्दी पकने वाली किस्में बेहतर हैं, जबकि दो फसलें लेने वाले मध्यम या लंबी अवधि वाली किस्मों को चुन सकते हैं। बीज की गुणवत्ता पर भी खास ध्यान दें। केवल वही बीज इस्तेमाल करें जिनकी अंकुरण क्षमता कम से कम 70% हो, ताकि अधिकतर बीज अंकुरित हों और स्वस्थ पौधे तैयार हों।

मौसम से जंग जीतने की तैयारी

सूखा हो या फिर ज्यादा बारिश, मौसम की चुनौतियों से निपटने के लिए सोयाबीन की बुवाई चौड़ी क्यारी प्रणाली (BBF), रिज-फरो पद्धति या रेज्ड बेड तरीके से करें। ये विधियां मिट्टी में नमी को बनाए रखती हैं और जल निकासी को बेहतर करती हैं, जिससे फसल को नुकसान का खतरा कम हो जाता है। साथ ही, इन तरीकों से बनी नालियों में सुवा या मेरीगोल्ड जैसी कीट आकर्षक फसलें बोएं। ये फसलें कीटों को अपनी ओर खींचती हैं और सोयाबीन को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।

बीजोपचार और उर्वरक: फसल की मजबूत नींव

फसल को रोगों और कीटों से बचाने के लिए बीजोपचार बेहद जरूरी है। संस्थान ने FIR पद्धति से बीजोपचार की सलाह दी है, जिसके लिए कई रासायनिक विकल्प उपलब्ध हैं। किसान अपनी सुविधा के हिसाब से इनमें से किसी एक को चुन सकते हैं। इसके अलावा, मध्य क्षेत्र के लिए उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा 25:60:40:20 किलोग्राम NPKS प्रति हेक्टेयर है। इसे पूरा करने के लिए यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश या मिश्रित उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

विकल्प निम्नानुसार हैं:

1. यूरिया 56 कि.ग्रा. + 375-400 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा

2. डी.ए.पी 140  किग्रा. + 67  किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश+ 25  किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा

3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @200  किग्रा +  25  किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर  

4. आवश्यकतानुसार 25 kg जिंक सलफेट (Zinc Sulphate) +50 kg आयरन सल्फेट (Iron Sulphate)

खरपतवारों से छुटकारा, फसल को राहत

खरपतवार फसल की सेहत के लिए बड़ा खतरा हैं। इनसे निपटने के लिए बुवाई से पहले, बुवाई के तुरंत बाद या फिर बुवाई के 10-20 दिन बाद इस्तेमाल होने वाले खरपतवारनाशकों का प्रयोग करें। छिड़काव के दौरान पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करें और पोस्ट-इमर्जेंस (POE) खरपतवारनाशकों के लिए फ्लड जेट या फ्लैट फैन नोजल का उपयोग करें। इससे खरपतवारों पर असर बेहतर होगा और फसल सुरक्षित रहेगी।

बुवाई के बाद की देखभाल

कई इलाकों से खबरें आई हैं कि बुवाई के बाद सोयाबीन का अंकुरण कमजोर रहा है। ऐसे में किसानों को फिर से बुवाई करने या पौधों में अधिक अंतराल वाली कतारों में बीज डालकर गैप फिलिंग करने की सलाह दी गई है।

मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में अलसी की इल्ली का प्रकोप देखा गया है। इसके लिए फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी. (250-300 ग्रा/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी (150 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 EC (333 मिली/हे) में से किसी एक कीटनाशक का छिड़काव करें।

साथ ही, तना मक्खी का खतरा भी इस समय बढ़ सकता है, जिसके लिए थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50%  जेड.सी. (125 मिली./हे.) का इस्तेमाल करें।

सावधानी ही सफलता की कुंजी

संस्थान ने किसानों से अपील की है कि वे ऐसे कीटनाशकों या खरपतवारनाशकों के मिश्रण का इस्तेमाल न करें, जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध न हों। इससे फसल को नुकसान हो सकता है। जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए भी अनुशंसित बीजोपचार विधियों का पालन करना जरूरी है।

जुलाई 2025 में सोयाबीन की खेती को सफल बनाने के लिए ये सलाह आपकी मेहनत को सही दिशा दे सकती है। इन तरीकों को अपनाकर न सिर्फ फसल की सेहत सुधरेगी, बल्कि आपकी मेहनत का फल भी दोगुना होगा। तो देर न करें, अपने खेतों को तैयार करें और इस मानसून में सोयाबीन की बंपर पैदावार का सपना पूरा करें!

तालिका 1: सोयाबीन में बीजोपचार के विकल्प तथा केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा जारी सूची (31 मार्च 2025) में शामिल रसायन  

विकल्प 1एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 2.5%+ थायोफिनेट मिथाईल 11.25%+ थायामेथोक्साम 25% एफ. एस.  (10 मिली/किग्रा बीज)+रायजोबियम जापोनिकम/पी.एस.बी. कल्चर (5 ग्रा./किग्रा बीज)/ ट्रायकोडर्मा विरिड़े (10 ग्रा/किग्रा बीज)
विकल्प 2 पेनफ्लूफेऩ़+ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन FS (0.8-1.0 मिली/किग्रा.बीज) या  कार्बोक्सिन 37.5% +थायरम 37.5% (3 ग्रा/किग्रा.बीज) या कार्बेन्डाजिम 25%+ मेन्कोजेब 50% डब्ल्यू.एस. (3 ग्रा/किग्रा.बीज) या फ्लुक्सापय्रोक्साड 333 g/l SC (1 मिली/किग्रा.बीज)+अनुशंसित कीटनाशक थायामिथोक्साम 30 FS (10 मिली/किग्रा बीज) या इमिडाक्लोप्रिड 48 FS (1.25 मिली/किग्रारायजोबियम जापोनिकम/पी.एस.बी. कल्चर (5 ग्रा./किग्रा बीज)/ ट्रायकोडर्मा विरिड़े (10 ग्रा/किग्रा बीज)
विकल्प 3 जैविक सोयाबीन उत्पादन में बीजोपचार रायजोबियम जापोनिकम/पी.एस.बी. कल्चर (5 ग्रा./किग्रा बीज)/ ट्रायकोडर्मा विरिड़े 10 ग्रा/किग्रा बीज)

सोयाबीन की फसल में अनुशंसित खरपतवारनाशक Recommended PPPI and Pre-emergence Herbicides in Soybaen (as per the list of CIB released on 31.03.2025)

क्र.खरपतवारनाशक का प्रकार Type of Herbicideरासायनिक नाम Technical Ingredientमात्रा/हेक्टे. Dose/he
1बौवनी पूर्व उपयोगी (पीपीआई) Herbicides PPIडायक्लोसुलम + पेण्डीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रीय तत्व/ha) Diclosulam 0.9% + Pendimethalin 35% SE (22.5 + 875 a.i./ha)2.51 ली.
पेण्डीमिथालीन इमेझेथापायर2.5-3.0 ली.
फ्लूक्लोरलिन Fluchloralin 45% EC2.22-3.33 ली.
2बौवनी के तुरन्त बाद (पीई) Herbicides PEडायक्लोसुलम + पेण्डीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रीय तत्व/ha) Diclosulam 0.9% + Pendimethalin 35% SE2.5 ली.
डायक्लोसुलम 84 डब्ल्यू.डी. जी. Diclosulam 84% WDG26 ग्राम
सल्फेन्ट्राझोन 39.6 एस.सी. Sulfentrazone 39.6% w/w SC0.75 ली.
क्लोमोझोन 50 ई.सी. Clomazone 50% EC1.50-2.00 ली.
पेण्डीमिथालीन 30 ई.सी. Pendimethalin 30% EC2.50-3.30 ली.
पेण्डीमिथालीन 38.7 सी.एस. Pendimethalin 38.7% CS1.50-1.75 कि.ग्रा.
फ्लूमिआक्साझिन 50 एस.सी. Flumioxazin 50% SC0.25 ली.
मेट्रीब्युझिन 70 डब्ल्यू.पी. Metribuzin 70% WP0.75-1.00 कि.ग्रा.
सल्फेन्ट्राझोन क्लोमोझोन Sulfentrazone 28% + Clomazone 30% WP1.25 ली.
पायरोक्सासल्फोन 85 डब्ल्यू.जी. Pyroxasulfone 85% w/w WG150 ग्रा.
मेटालोक्लोर 50 ई.सी. Metalochlor 50 EC2.00 ली.
3अ. बौवनी के 10-12 दिन बाद (POE)ब.. बौवनी के 15 – 20 दिन बाद उपयोगी (POE)क्लोरीम्यूरान इथाईल 25 डब्ल्यू.पी. +सर्फेक्टेन्ट Chlorimuron Ethyl 25% WP + Surfactant36 ग्राम
बेन्टाझोन 48 एस.एल. Bentazone 480 g/l SL2.00 ली
इमेलेथापायर 10 एस.एल. Imazethapyr 10% SL1.00 ली.
इमेझेथापायर 70% डब्ल्यू. जी+सर्फेक्टेन्ट Imazethapyr 70% WG + Surfactant100 ग्रा
क्विजालोफाप इथाईल 5 ई.सी. Quizalofop-ethyl 5% EC0.75-1.00 ली
क्विजालोफाप-पी-इथाईल 10 ई.सी. Quizalofop-ethyl 10% EC375-450 मि.ली.
फेनाक्सीफाप-पी-इथाईल 9.3 ई.सी. Fenoxaprop-p-ethyl 9.3% w/w EC (9% w/v)1.11 ली.
क्विजालोफाप-पी-टेफ्युरिल 4.41 ई.सी. Quizalofop-p-tefuryl 4.41% EC0.75-1.00 ली.
फ्ल्यूआजीफॉप-पी-ब्युटाईल 13.4 ई.सी. Fluazifop-p-butyl 13.4% EC1.00-2.00 ली.
हेलाक्सिफॉप आर मिथाईल 10.5 ई.सी Haloxyfop R Methyl 10.5% w/w EC1.0-1.25 ली.
प्रोपाक्विजाफॉप 10 ई.सी. Propaquizafop 10% EC0.50-0.75 ली
क्लेथोडियम 25 ई.सी. Clethodim 25% w/w (240 g/L) EC0.50-0.70 ली
फ्लूथियासेट मिथाईल 10.3 ई.सी. Fluthiacet Methyl 10.3% EC125 मि.ली.
ब पूर्वमिश्रित खरपतवारनाशक (Pre-mixed POE)फ्लूआजिआफॉप-पी-ब्युटाईल+फोमेसाफेन Fluazifop-p-butyl 11.1% w/w + Fomesafen 11.1% w/w SL1.00 ली.
इमाझेथापायर इमेजामॉक्स Imazethapyr 35% + Imazamox 35% WG100 ग्रा.
प्रोपाक्विजाफॉप इमाझेथापायर Propaquizafop 2.5% + Imazethapyr 3.75% w/w ME2.00 ली.
सोडियम एसीफ्लोरफेन+क्लोडिनाफाप प्रोपारगील Sodium Acifluorfen 16.5% + Clodinafop Propargyl 8% EC1.00 ली.
फोमेसाफेन + क्विजालोफाप इथाईल Fomesafen 12% + Quizalofop ethyl 3% w/w SC1.50 ली.
क्विजालोफाप इथाईल + क्लोरीम्यूरान इथाईल + सर्फेक्टेन्ट Quizalofop Ethyl 10% EC + Chlorimuron Ethyl 25% WP + Surfactant (0.2) (Herbicide) (Twin pack)375 मिली+36 ग्रा.+0.2%
हेलाक्सिफॉप आर मिथाईल इमाझेथापायर Haloxyfop-R Methyl 12.8% + Imazethapyr 10% (w/w) ME0.825 ली.
फोमेसाफेन+ फेनाक्सीफाप-पी- इथाईल + क्लोरीम्यूरान इथाईल Fomesafen 12.5% + Fenoxaprop-p-Ethyl 10% + Chlorimuron Ethyl 0.9% ME (125+100+9 a.i./ha)1.00 ली.
फ्लूथियासेट मिथाईल + क्विजालोफाप इथाईल Fluthiacet-methyl 2.5% + Quizalofop-ethyl 10% EC0.50 ली.
क्विजालोफाप इथाईल इमाझेथापायर Quizalofop ethyl 7.5% + Imazethapyr 15% w/w EC0.50 ली.
फेनाक्सीफाप-पी- इथाईल + क्लोरीम्यूरान इथाईल + इमाझेथापायर Fenoxaprop-p-ethyl 6% + Chlorimuron ethyl 0.9% + Imazethapyr 10% SC1.00 ली.

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