फसल की खेती (Crop Cultivation)

Kharif MSP 2025: रामतिल का एमएसपी 820 रुपये बढ़ा, सभी खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा

02 जून 2025, नई दिल्ली: Kharif MSP 2025: रामतिल का एमएसपी 820 रुपये बढ़ा, सभी खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा – केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है. रामतिल (Nigerseed) की एमएसपी में इस साल सबसे बड़ी छलांग देखने को मिली है. सरकार ने इसके समर्थन मूल्य को ₹8717 से बढ़ाकर ₹9537 प्रति क्विंटल कर दिया है, यानी ₹820 प्रति क्विंटल की सीधी वृद्धि. यह 9.4% की बढ़ोतरी है. रामतिल मुख्यतः आदिवासी इलाकों में उगाई जाती है और तेल निकालने के काम आती है.

रामतिल एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है और इसका उत्पादन बढ़ने से देश में खाद्य तेल की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.

Advertisement
Advertisement

यह निर्णय आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में में लिया गया, जिसमे 14 खरीफ फसलों के नए एमएसपी को मंजूरी दी गई.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
रामतिल3500669569307287773487179537635850

क्यों खास है रामतिल की यह बढ़ोतरी?

रामतिल (नाइजर) एक तिलहन फसल है जिसकी खेती सीमित क्षेत्रों में की जाती है, खासकर जनजातीय और सूखे इलाकों में. यह फसल जलवायु सहनशील होती है और कम लागत में उगाई जा सकती है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, रामतिल की उत्पादन लागत ₹6358 प्रति क्विंटल आंकी गई है. इस पर 50% लाभ मार्जिन जोड़कर MSP ₹9537 तय किया गया है.

Advertisement8
Advertisement

हालांकि अन्य कई फसलों में भी 50% तक मार्जिन सुनिश्चित किया गया है, लेकिन रकम के लिहाज़ से रामतिल की वृद्धि सभी फसलों में सबसे अधिक है.

Advertisement8
Advertisement

केंद्र सरकार का रामतिल को बढ़ावा देने का कारण

केंद्र सरकार द्वारा रामतिल के एमएसपी में वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

  1. घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा: भारत में खाद्य तेलों की मांग बहुत अधिक है और इसका अधिकांश हिस्सा आयात पर निर्भर है. रामतिल के एमएसपी में वृद्धि से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी. 
  2. किसानों की आय में वृद्धि: उच्च एमएसपी से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
  3. पोषण सुरक्षा: रामतिल का तेल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. इसका उत्पादन बढ़ाकर सरकार पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहती है.
  4. कृषि क्षेत्र की स्थिरता: एमएसपी में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी और किसानों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी.

रामतिल एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है जो मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में उगाई जाती है. इसकी उच्च तेल सामग्री और कृषि संबंधी लाभों के कारण इसकी मांग बनी रहती है. सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने और तेलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामतिल के एमएसपी में यह अभूतपूर्व वृद्धि की है.

अन्य प्रमुख फसलों के मुकाबले स्थिति

रामतिल के बाद MSP वृद्धि के मामले में रागी (₹596 प्रति क्विंटल), कपास (₹589) और तिल (₹579) का स्थान रहा. मुख्य अनाज फसलों जैसे धान, मक्का, और दालों की तुलना में इस बार तिलहन और पोषक अनाजों को प्राथमिकता दी गई है. यह रुझान सरकार की उस नीति के अनुरूप है, जिसमें धान और गेहूं से आगे बढ़कर पोषणयुक्त और विविध कृषि को बढ़ावा देने की बात कही गई है.

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement