IARI की सलाह: 2025 में लू से फसलों को बचाने की स्मार्ट रणनीति
02 मई 2025, नई दिल्ली: IARI की सलाह: 2025 में लू से फसलों को बचाने की स्मार्ट रणनीति – गर्मी का मौसम किसानों के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आता है, खासकर जब तापमान बढ़ने और लू चलने की संभावना हो। लेकिन सही समय पर सही कदम उठाकर आप अपनी फसलों को न सिर्फ बचा सकते हैं, बल्कि बंपर पैदावार भी हासिल कर सकते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की ताजा कृष’i मौसम सलाह के आधार पर यहाँ हम आपके लिए लाए हैं कुछ महत्वपूर्ण टिप्स, जो सब्जियों, जायद फसलों, फलों के बगीचों और रबी फसलों के लिए कारगर साबित होंगे। आइए, जानते हैं क्या करें और कैसे करें!
1. लू से फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई
तापमान बढ़ने और लू की संभावना को देखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों और फलों के बगीचों में नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई करें। यह नमी बनाए रखने में मदद करेगा और पौधों को गर्मी से होने वाले नुकसान से बचाएगा। खासकर टमाटर, मिर्च और बैंगन जैसी फसलों के लिए 2% Naphthalene Acetic Acid (NAA) का घोल बनाकर छिड़काव करें। इससे फलों का विकास सुचारू रहेगा और गर्मी का असर कम होगा।
2. रबी फसलों के बाद हरी खाद की तैयारी
अगर आपकी रबी फसल की कटाई हो चुकी है, तो खेत में पलेवा करें और हरी खाद के लिए बुवाई की तैयारी शुरू करें। ढैंचा, सनई या लोबिया की बुवाई इसके लिए उपयुक्त है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी सुनिश्चित करें। हरी खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और अगली फसल के लिए जमीन को तैयार करने का शानदार तरीका है।
3. मूंग की बुवाई के लिए उन्नत बीज और उपचार
मूंग की फसल के लिए यह समय बुवाई के लिए अनुकूल है। उन्नत किस्मों जैसे पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा-5931, पूसा बैसाखी, पी.डी.एम-11, एस.एम.एल-32, एस.एम.एल-668, सम्राट का चयन करें। बुवाई से पहले बीजों को राइजोबियम और फॉस्फोरस सॉल्यूबलाइजिंग बैक्टीरिया से उपचारित करें। यह बीजों के अंकुरण और पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देगा। बुवाई के लिए खेत में नमी का स्तर सही होना चाहिए।
4. सब्जियों की तुड़ाई और भंडारण
गर्मी में टमाटर, मटर, बैंगन जैसी सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम के समय करें, जब तापमान कम हो। तुड़ाई के बाद इन्हें छायादार स्थान में रखें ताकि ये खराब न हों। इससे सब्जियों की गुणवत्ता बनी रहेगी और बाजार में अच्छा दाम मिलेगा।
5. फल छेदक कीट से बचाव
टमाटर, मटर, बैंगन जैसी फसलों में फल छेदक कीट का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिए:
- खेत में पक्षी बसेरा लगाएं, जो कीटों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
- कीट से प्रभावित फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें।
- फेरोमोन ट्रैप (2-3 प्रति एकड़) लगाकर कीटों की निगरानी करें।
- अगर कीटों की संख्या बढ़े, तो बी.टी. (1 ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें।
- प्रकोप अधिक होने पर 15 दिन बाद स्पिनोसैड 48 ई.सी. (1 मिली/4 लीटर पानी) का छिड़काव सुबह या शाम करें।
6. गर्मी के लिए उपयुक्त सब्जियों की बुवाई
वर्तमान तापमान फ्रेंच बीन, सब्जी लोबिया, चौलाई, भिंडी, लौकी, खीरा, तुरई और गर्मी वाली मूली की बुवाई के लिए आदर्श है। निम्नलिखित उन्नत किस्मों का चयन करें:
- फ्रेंच बीन: पूसा पार्वती, कोंटेनडर
- सब्जी लोबिया: पूसा कोमल, पूसा सुकोमल
- चौलाई: पूसा किरण, पूसा लाल चौलाई
- भिंडी: ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका
- लौकी: पूसा नवीन, पूसा संदेश
- खीरा: पूसा उदय
- तुरई: पूसा स्नेह
- मूली: पूसा चेतकी
बुवाई के लिए प्रमाणित स्रोत से बीज लें और खेत में पर्याप्त नमी सुनिश्चित करें।
7. चारे के लिए मक्का और लोबिया की बुवाई
गर्मी के मौसम में मक्का (अफ्रीकन टाल) और लोबिया चारे के लिए बुवाई के लिए उपयुक्त हैं। साथ ही बेबी कॉर्न (एच.एम.-4) की बुवाई भी की जा सकती है। ये फसलें पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित होंगी।
8. खेत की गहरी जुताई और कीट नियंत्रण
रबी फसलों की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई करें और जमीन को खुला छोड़ दें। सूर्य की तेज धूप से मिट्टी में छिपे कीटों के अंडे और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाएंगे। यह अगली फसल के लिए खेत को स्वच्छ और तैयार रखने का प्रभावी तरीका है।
9. अनाज भंडारण के लिए सावधानियाँ
अनाज को भंडारण में रखने से पहले:
- भंडारघर की अच्छी तरह सफाई करें।
- छत या दीवारों की दरारों को भरकर ठीक करें।
- अनाज को अच्छी तरह सुखाएं, ताकि नमी 12% से कम रहे।
- बोरियों को 5% नीम तेल के घोल से उपचारित करें और धूप में सुखाएं।
- कटी हुई फसलों और अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें।
गर्मी का मौसम चुनौतियाँ तो लाता है, लेकिन सही सलाह और तकनीकों के साथ आप अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं और अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की इन सलाहों को अपनाकर न सिर्फ अपनी फसलों को लू और कीटों से बचाएं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और खेत की उत्पादकता भी बढ़ाएं। समय रहते इन उपायों को अपनाएं और बंपर पैदावार की ओर कदम बढ़ाएं!
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