फसल की खेती (Crop Cultivation)

मध्य प्रदेश के लिए उच्च उपज देने वाली ज्वार की किस्में

15 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के लिए उच्च उपज देने वाली ज्वार की किस्में – मध्य प्रदेश ज्वार की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां पूरे राज्य के लिए CSH 16, CSH 17, CSH 18, CSH 23, और CSH 25 जैसी संकर (हाइब्रिड) किस्मों की सिफारिश की जाती है। ये संकर अपनी उच्च उपज और विभिन्न प्रकार की मिट्टियों के अनुकूल होने के लिए जाने जाते हैं। किसान CSV 15, CSV 17, SPV 235, JJ 741, और JJ 938 जैसी उच्च उपज वाली किस्मों पर भी विचार कर सकते हैं।

अनुशंसित संकर किस्में

  • CSH 16
  • CSH 17
  • CSH 18
  • CSH 23
  • CSH 25

अनुशंसित किस्में

  • CSV 15
  • CSV 17
  • SPV 235
  • JJ 741
  • JJ 938

बुवाई की विधि

ज्वार की बुवाई बैल या ट्रेक्टर द्वारा खींचे जाने वाले दो या तीन नोक वाले बीज ड्रिल से की जाती है, जिसमें बीज को मिट्टी में 7 सेमी की गहराई पर बोया जाता है। बीज ड्रिल से बुवाई के बाद एक हल्की जुताई करके बीज को ढक दिया जाता है। इसके अलावा, ट्रैक्टर द्वारा खींचे जाने वाले चार नोक वाले बीज ड्रिल से भी बुवाई की जाती है, जिसमें बीज ड्रिल के साथ लगे ब्लेड से बीज को तुरंत ढक दिया जाता है।

बुवाई का समय

खरीफ ज्वार के लिए सबसे उपयुक्त बुवाई का समय मई के अंतिम सप्ताह से जुलाई के दूसरे पखवाड़े तक है।

बीज दर, अंतराल और पौधों की संख्या

  • बीज दर: 8-10 किग्रा/हेक्टेयर
  • अंतराल: पंक्ति से पंक्ति 45 सेमी और पौधे से पौधा 15 सेमी
  • पौधों की संख्या: 2.1 से 2.2 लाख/हेक्टेयर

उर्वरक प्रबंधन

बुवाई के समय 50% नाइट्रोजन और पूरी फॉस्फोरस मात्रा दी जाए, शेष 50% नाइट्रोजन बुवाई के 30 दिन बाद दी जाए।

80 किग्रा नाइट्रोजन (N), 40 किग्रा फॉस्फोरस (P2O5)/हेक्टेयर

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