धान में भूरे फुदके का प्रभावी नियंत्रण: सर्वोत्तम उत्पाद, मात्रा और उपयोग विधि
06 अक्टूबर 2025, भोपाल: धान में भूरे फुदके का प्रभावी नियंत्रण: सर्वोत्तम उत्पाद, मात्रा और उपयोग विधि – धान की खेती में भूरा फुदका (ब्राउन प्लांट हॉपर) और व्हाइट बैकेड प्लांट हॉपर (WBPH) एक गंभीर समस्या है, जो फसल की वृद्धि और उत्पादन को सीधा नुकसान पहुंचाता है। समय पर नियंत्रण न हो तो पूरा खेत प्रभावित हो सकता है।
इस समस्या के समाधान के लिए श्रीराम साइशो (Shriram Saisho) को कृषि विशेषज्ञ सर्वोत्तम विकल्प मानते हैं। यह उत्पाद कीटों की चूसने की क्षमता को तुरंत रोकता है जिससे पौधे को नुकसान नहीं होता और कीटों की मृत्यु सुनिश्चित होती है। यह अनेक हानिकारक कीटों से फसल को सुरक्षा देता है, बहुआयामी है और कम डोज़ में भी बहुत प्रभावी है। इसके अतिरिक्त श्रीराम साइशो फसल को स्वस्थ रखता है।
उपयोग विधि – धान में:
- छिड़काव का सही समय: रोपाई के 55 से 60 दिन बाद।
- मात्रा: 34.8 ग्राम प्रति एकड़। इसे 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- छिड़काव करते समय सुनिश्चित करें कि पूरा पौधा स्प्रे से भीग जाए ।[SD1]
अन्य फसलें जहाँ राम साइशो उपयोगी है:
- कपास: हरा तेला (जैसिड) को नियंत्रित करता है।
- बैंगन: हरा तेला (जैसिड) को नियंत्रित करता है।
श्रीराम साइशो को अन्य कीटनाशकों और फफूंद नाशक के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है।
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