फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन की खेती से लाखों कमाएं: बरसात में अपनाएं ये वैज्ञानिक तकनीकें

28 जून 2025, नई दिल्ली: सोयाबीन की खेती से लाखों कमाएं: बरसात में अपनाएं ये वैज्ञानिक तकनीकें – बरसात का मौसम सोयाबीन की खेती के लिए सबसे मुफीद माना जाता है. किसान इस फसल को अपनाकर लगभग प्रति कट्ठा 8 क्विंटल तक उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उन्हें 25,000 रुपये तक की शानदार कमाई हो रही है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजकुमार जाट, जो बोरोलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया के प्रमुख हैं, बताते हैं कि सोयाबीन की खेती न केवल कम लागत वाली है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह फसल तेल और सब्जी के रूप में इस्तेमाल होती है, और इसके पोषक तत्व शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं.

सोयाबीन की खेती का सुनहरा अवसर

डॉ. जाट के मुताबिक, सोयाबीन की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है. इसे अन्य फसलों के साथ भी उगाया जा सकता है, और इसके लिए ज्यादा उर्वरक या सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती. अगर किसान वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल करें, तो वे सालाना अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह फसल खासकर उन किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो कम निवेश में ज्यादा मुनाफा चाहते हैं.

मिट्टी और मौसम की सही जानकारी

सोयाबीन की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसमें मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. अगर क्षेत्र में 60 से 70 सेंटीमीटर बारिश होती है, तो यह फसल के लिए आदर्श स्थिति है. बुआई का सही समय 15 जून से 15 जुलाई के बीच है. डॉ. जाट सलाह देते हैं कि खेत की अच्छी जुताई के लिए रोटावेटर का उपयोग करें और प्रति कट्ठा एक किलो सोयाबीन बीज बोएं. बुआई के बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए एक बार निकौनी जरूरी है. अगर फसल पर कली झुलसा रोग या कीटों का हमला हो, तो वैज्ञानिक दवाओं का छिड़काव कर फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है.

कितना होगा मुनाफा?

सोयाबीन की खेती से प्रति बीघा करीब 8 क्विंटल उत्पादन हो सकता है, जिससे किसानों को 25,000 रुपये तक की आमदनी हो सकती है. इसकी लागत मात्र 10,000 रुपये के आसपास आती है, जिससे यह फसल कम समय में बड़ा मुनाफा देती है. यह न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. सोयाबीन में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं और यह कोशिकाओं के विकास के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.

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