राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

इस माह करें सरसों की खेती, होगी बंपर कमाई

09 अक्टूबर 2024, भोपाल: इस माह करें सरसों की खेती, होगी बंपर कमाई – इस अक्टूबर माह के दौरान यदि किसान सरसों की खेती करें तो निश्चित ही किसानों को बंपर कमाई हो सकती है। 

सरसों भारत की प्रमुख रबी फसल है, जिसे मुख्य रूप से खाद्य तेल निकालने के लिए उगाया जाता है। सरसों की उन्नत किस्मों से किसान बेहतर उपज और उच्च गुणवत्ता वाला तेल प्राप्त कर सकते हैं। इन किस्मों का सही इस्तेमाल करके खेती को अधिक फायदेमंद बनाया जा सकता है।  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा द्वारा विकसित सरसों की 5 प्रमुख उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिन्हें खासकर अक्टूबर माह में बोया जा सकता है।

टॉप 5 सरसों की किस्में  

इन किस्मों को विभिन्न क्षेत्रों में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में लगाया जा सकता है, लेकिन उनके लिए उपयुक्त जलवायु और मृदा की आवश्यकता होती है। हालांकि, ध्यान रहे है की किसानों को अपने क्षेत्र के अनुसार सरसों की किस्मों का चयन करना चाहिए और उचित खेती प्रदर्शन का पालन करना चाहिए।

सरसों की पूसा बोल्ड किस्म

पूसा बोल्ड सरसों एक लोकप्रिय और उच्च उत्पादकता वाली सरसों की किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद   के पूसा संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। पूसा बोल्ड सरसों की उच्च उत्पादकता और तेल सामग्री के कारण किसानों को अधिक आय होती है। यह किस्म कम लागत में अधिक उत्पादन देती है। पूसा बोल्ड सरसों का तेल बेहतर गुणवत्ता वाला होता है और यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है। किसान भाई इसकी बीजाई अक्टूबर-नवंबर में करें।

सरसों की पूसा ज्वालामुखी किस्म

पूसा ज्वालामुखी सरसों एक उच्च उत्पादकता वाली और बीमारी प्रतिरोधक सरसों की किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  के पूसा संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। किसान भाई पूसा ज्वालामुखी सरसों की बीजाई अक्टूबर-नवंबर में करें। पूसा ज्वालामुखी सरसों की उच्च उत्पादकता और तेल सामग्री के कारण किसानों को अधिक आय होती है। यह किस्म कम लागत में अधिक उत्पादन देती है। पूसा ज्वालामुखी सरसों का तेल बेहतर गुणवत्ता वाला होता है। यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है। यह किस्म उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में विशेष रूप से उपयुक्त है।

अग्रनी किस्म

पूसा अग्रणी सरसों एक उच्च उत्पादकता वाली और बीमारी प्रतिरोधक सरसों की किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  के पूसा संस्थान द्वारा विकसित किया गया है।  
 पूसा अग्रणी सरसों की उच्च उत्पादकता और तेल सामग्री के कारण किसानों को अधिक आय होती है। यह किस्म कम लागत में अधिक उत्पादन देती है। पूसा अग्रणी सरसों का तेल बेहतर गुणवत्ता वाला होता है। यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है। पूसा अग्रणी सरसों की बीजाई अक्टूबर-नवंबर में करें। यह किस्म उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में विशेष रूप से उपयुक्त है।

सरसों की आरएलसी-1 किस्म

आरएलसी 1 सरसों एक उच्च उत्पादकता वाली और बीमारी प्रतिरोधक सरसों की किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के द्वारा विकसित किया गया है। आरएलसी 1 सरसों की उच्च उत्पादकता और तेल सामग्री के कारण किसानों को अधिक आय होती है। यह किस्म कम लागत में अधिक उत्पादन देती है। आरएलसी 1 सरसों का तेल बेहतर गुणवत्ता वाला होता है। यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है। आरएलसी 1 सरसों की बीजाई अक्टूबर-नवंबर में करें। यह किस्म उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में विशेष रूप से उपयुक्त है।

सरसों की पीएल 501 किस्म

पीएल 501 सरसों एक उच्च उत्पादकता वाली और बीमारी प्रतिरोधक सरसों की किस्म है, जिसे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है।  पीएल 501 सरसों की उच्च उत्पादकता और तेल सामग्री के कारण किसानों को अधिक आय होती है। यह किस्म कम लागत में अधिक उत्पादन देती है। पीएल 501 सरसों का तेल बेहतर गुणवत्ता वाला होता है। यह किस्म जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील है। पीएल 501 सरसों की बीजाई अक्टूबर-नवंबर में करें। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में विशेष रूप से उपयुक्त है।

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