सोयाबीन में लगने वाले प्रमुख कीट-रोग का नियंत्रण करें
कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ की सलाह
7 सितम्बर 2022, टीकमगढ़ । सोयाबीन में लगने वाले प्रमुख कीट-रोग का नियंत्रण करें – प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार, डॉ. आर.के. प्रजापति, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. आई.डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा किसानों के साथ सोयाबीन फसल का अवलोकन कर किसानों को सोयाबीन में लगने वाले प्रमुख कीड़े बीमारियों के प्रबंधन के बारे में बताया गया। बरसात में फसलों में निंदाओं की समस्या सबसे ज्यादा रहती है और इस समय पर फसल की निंदाई या नींदानाशक दवाओं का छिडक़ाव नहीं करने से उत्पादन बहुत ही कम हो जाता है। फसल में हरी सेमीलूपर, तना मक्खी, चक्र भृंग कीट के नियंत्रण हेतु क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी दवा 60 मिली या इमामेक्टिन बेंजोएट 1.90 ईसी 170 मिली या ब्रोफ्लनिलिडे 300 एससी दवा 20 ग्राम और सभी प्रकार की पत्ती खाने वाली इल्लियों के नियंत्रण हेतु फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एससी 60 मिली प्रति एकड़ की दर से छिडक़ाव करें। पीला मोजेक की समस्या में रोग ग्रस्त पौधों को तत्काल खेत से निकालकर गड्ढे में गड़ा दें और खड़ी फसल में रोग फैलाने वाली सफेद मक्खी नियंत्रण हेतु पूर्व मिश्रित कीटनाशक थयोमिथोक्सम़+लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 60 मिली या बीटा सायफ्लुथ्रिऩ+ $ इमिडाक्लोप्रिड 140 मिली प्रति एकड़ की दर से छिडक़ाव करें। सोयाबीन में फफूंद जनित रोगों रायजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट तथा एंथ्रेक्नोज के नियंत्रण हेतु फफूंदनाशक दवा टेबुकोनाजोल 25.9 ई.सी. दवा 250 मिली या टेबुकोनाजोल+सल्फर 500 ग्राम या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्लू.पी. 150-200 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें।
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