फसल की खेती (Crop Cultivation)

मूल्य श्रृंखला विकास के लिए मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्में

20 नवम्बर 2023, भोपाल: मूल्य श्रृंखला विकास के लिए मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्में – मूल्य श्रृंखला विकास के लिए मसूर की दो बायोफोर्टिफाइड किस्में विकसित और अधिसूचित की गई हैं। प्रीमियम मूल्य निर्धारण के लिए उपभोक्ताओं, कॉर्पोरेट क्षेत्र और किसानों के बीच पोषण गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्हें लोकप्रिय बनाना आवश्यक है। बीज इंडेंटिंग के लिए इन प्रौद्योगिकियों के संबंध में राज्य अधिकारियों को मूल्यांकन और संवेदनशील बनाया जाना है। ये किस्में कृषि विभाग, नई दिल्ली और आईसीएआर के प्री-रबी इंटरफेस 2023 के दौरान प्रस्तावित की गई हैं।

आईपीएल 220: मसूर की सामान्य किस्मों में 45-50 पीपीएम आयरन और 35-40 पीपीएम जिंक होता हैं। अन्य किस्मों की तुलना में मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म आईपीएल 220 में आयरन (73 पीपीएम) और जिंक (51 पीपीएम) भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। 

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अनाज की उपज: मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म आईपीएल 220 14-18 क्विंटल/हेक्टेयर उपज प्रदान करती हैं। 

परिपक्वता: मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म आईपीएल 220, 119-122 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती हैं। 

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अनुकूलन: मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म आईपीएल 220 को आईसीएआर- भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा रबी मौसम के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल क्षेत्रों के उपयुक्त हैं।

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पूसा अगेती मसूर (एल 4717): मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म पूसा अगेती मसूर (एल 4717) में आयरन (65.0 पीपीएम) की भरपूर मात्रा पाई जाती है। 

अनाज की उपज: मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म पूसा अगेती मसूर (एल 4717) से13-15 क्विंटल/हेक्टेयर उपज प्राप्त होती हैं।

 परिपक्वता:मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म पूसा अगेती मसूर (एल 4717), 96-106 दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं।

अनुकूलन: मसूर की बायोफोर्टिफाइड किस्म आईपीएल 220 को आईसीएआर- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा रबी मौसम के लिए विकसित किया गया है। यह किस्म उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ क्षेत्रों के उपयुक्त हैं।

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