फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन फसल के दुश्मनों पर प्रहार: चक्र भृंग से पाए निजात

30 जुलाई 2024, भोपाल: सोयाबीन फसल के दुश्मनों पर प्रहार: चक्र भृंग से पाए निजात – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा 30 से 40 दिनों की हो चुकी सोयाबीन की फसल हेतु विशेष सलाह जारी की है। भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने फसल में चक्र भृंग के नियंत्रण पर सलाह जारी की है। 

चक्र भृंग नियंत्रण

सोयाबीन की फसल घनी होने पर फसल में चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। इसके लिए प्रारंभिक अवस्था में ही (एक सप्ताह के अंदर) दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई/लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करे।

किसानों को कीट-रोग से होने वाले नुकसान से फसल की सुरक्षा करने के लिए कीटनाशक/फफूंदनाशक का छिड़काव करना चाहिए, भले ही यह फसल के फूल आने के चरण में हो।

चक्र भृंग के नियंत्रण के लिए अकेले प्रभावित पौधे/भाग को नष्ट करने और आइसोसायक्लोसरम 9.2% W/W Dc (10% W/V) DC (600 मिली/हेक्टेयर) या एसेटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्राम/हेक्टेयर) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 SC (250-300 मिली/हेक्टेयर) या थियाक्लोप्रिड 21.7 S.C. (750 मिली/हेक्टेयर) या प्रोफेनोफोस 50 E.C. (1 लीटर/हेक्टेयर) या एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC (425 मिली/हेक्टेयर) या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.50% SC (150 मिली/हेक्टेयर) का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर/तम्बाकू/चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट जैसे सफ़ेद मक्खी/जसीड एवं तना छेदक कीट (तना मक्खी/चक्र भृंग) के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक जैस क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहलोथ्रिन 04.90% CS (300 मिली/हेक्टेयर) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टेयर)  का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements