फूलगोभी में सड़न रोग से हैं परेशान? ये छिड़काव बचाएगा आपकी पूरी फसल
12 जुलाई 2025, नई दिल्ली: फूलगोभी में सड़न रोग से हैं परेशान? ये छिड़काव बचाएगा आपकी पूरी फसल – अगर आपकी फूलगोभी की फसल में तनों की सड़न (स्टॉक रॉट) और गीली सड़न (सॉफ्ट रॉट) जैसी बीमारियों के लक्षण दिखने लगे हैं, तो सतर्क हो जाइए। पूसा कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो ये दोनों गंभीर रोग हैं, जो फसल को एक साथ नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि समय रहते एक आसान उपाय से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं।
क्या है स्टॉक रॉट और सॉफ्ट रॉट?
फूलगोभी में स्टॉक रॉट एक कवक जनित रोग है, जबकि सॉफ्ट रॉट जीवाणु जनित रोग होता है। जब ये दोनों एक साथ हमला करते हैं, तो पौधों की तने सड़ने लगते हैं, फूल गलने लगते हैं और पूरी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच जाती है।
संयुक्त संक्रमण की रोकथाम कैसे करें?
पूसा संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों बीमारियों से फसल को बचाने के लिए कटाई से 10 से 15 दिन पहले एक विशेष छिड़काव करना बेहद जरूरी है।
इसके लिए किसान भाइयों को चाहिए कि वे:
- रीडोमिल (Ridomil) 30 ग्राम
- स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (Streptocycline) 1.5 ग्राम
को 15 लीटर पानी में मिलाकर अच्छे से घोल तैयार करें और फसल पर छिड़काव करें।
क्यों जरूरी है यह छिड़काव?
यह मिश्रण फंगस और बैक्टीरिया
दोनों पर असरदार है। रीडोमिल फसल में मौजूद फफूंद को खत्म करता है, वहीं स्ट्रेप्टोसाइक्लिन जीवाणुओं के प्रभाव को रोकता है। दोनों मिलकर फसल को सड़न से बचाते हैं और फूलगोभी की गुणवत्ता बनी रहती है।
अगर समय रहते यह छिड़काव कर लिया जाए, तो फसल की कटाई के समय तक पौधे स्वस्थ बने रहते हैं और बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है। इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फूलगोभी की फसल को इन रोगों से बचाने के लिए समय पर छिड़काव अवश्य करें।
छिड़काव के दौरान मौसम का ध्यान रखें, बारिश से पहले या सूखे दिन में ही छिड़काव करना बेहतर रहेगा।
अगर आप फूलगोभी की खेती कर रहे हैं, तो इस सुझाव को अपनाकर न केवल फसल को सड़न से बचा सकते हैं, बल्कि उपज की गुणवत्ता और बाजार भाव दोनों को बढ़ा सकते हैं। यह छोटा सा कदम आपको बड़ी आर्थिक हानि से बचा सकता है।
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