फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन में बीजोपचार का क्या कोई लाभ है?

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रमेश वर्मा

10 मई 2024, नई दिल्ली: सोयाबीन में बीजोपचार का क्या कोई लाभ है? – अधिकांश किसान सोयाबीन की खेती वर्षों से एक ही खेत में करते चले आ रहे हैं। लगातार खेती होने के कारण सोयाबीन के खेतों में सोयाबीन फसल के रोगों के जीवाणु, फफूंद भी भूमि व बीज में स्थापित हो गये हैं। सोयाबीन फसल के रोग भूमि व बीज जनित रहते हैं। फसल को रोगों से बचाने के लिए हमें भूमि तथा बीज जनित रोगों से फसल को बचाना होगा अत: बीजोपचार लाभकारी होगा।

पौधों की प्रारम्भिक अवस्था में रोगों से बचाने के लिए बीज उपचार एक कम खर्च का साधन है। इसलिए बीज उपचार आवश्यक है।

सोयाबीन के बीज को भूमि जनित रोगों से बचाने के लिए थायरम 2 ग्राम प्रति किलो बीज तथा बीज जनित रोगों से बचाने के लिए कार्बोक्सिन 2 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें।

थायरम तथा कार्बोक्सिन का मिश्रण बाजार में भी ा उपलब्ध करा रही है। इसका 2 ग्राम प्रति किलो बीज का उपयोग करने से फसल 20-25 दिन तक रोगों से सुरक्षित रहती है और प्रारम्भिक अवस्था में रोग के कारण नहीं मरते। बीजों का अंकुरण भी एक समान होता है।

इससे उपचार 1-2 माह पूर्व भी किया जा सकता है।

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