सोयाबीन विरुद्ध मानसून
हालांकि देश एवं प्रदेश में तिलहनी फसलों की बोनी गत वर्ष से अधिक रकबे में हुई है। देश में तिलहनी फसलों की बुवाई 182 लाख हेक्टेयर में की गई है इसमें सोयाबीन की बोनी 115 लाख हेक्टेयर में होने का
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हालांकि देश एवं प्रदेश में तिलहनी फसलों की बोनी गत वर्ष से अधिक रकबे में हुई है। देश में तिलहनी फसलों की बुवाई 182 लाख हेक्टेयर में की गई है इसमें सोयाबीन की बोनी 115 लाख हेक्टेयर में होने का
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने लोगों के आर्थिक विकास और प्रदेश की समृद्धि के लिये सहकारिता के नये क्षेत्र तलाशने की जरूरत बताई है। श्री भार्गव अपेक्स बैंक समन्वय भवन में सहकारिता में नवाचार विषय पर दो दिवसीय
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनिजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक है, इस दिशा में सरकार-प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। संभवत: निजी क्षेत्र व शासन, प्रशासन के मध्य संवाद की कमी से ऐसा हो रहा है इसी कमी को दूर करने के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार के नीतिगत फैसलों का क्रियान्वयन तेजी से करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान उच्च-स्तरीय बैठक में राज्य सरकार की प्राथमिकता पर विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा कर रहे
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपंधाना। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत स्थानीय भगवंतराव मंडलोई कृषि महाविद्यालय द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वावधान में सांसद आदर्श ग्राम आरूद में कृषक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर पंधाना की विधायक योगिता बोरकर मुख्य अतिथि के
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंइंदौर। कृषि के विकास में नारी शक्ति सर्वोपरि है। हमें नारी शक्ति, मातृशक्ति को आगे लाना होगा। भारतीय खेती में महिलाओं की भागीदारी 80 से 90 प्रतिशत है। गांव की महिलाएं संयुक्त परिवार में रहकर पारिवारिक कार्यों के साथ-साथ पशुओं
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंहोशंगाबाद। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पवारखेड़ा फार्म में कृषि अभियांत्रिकी के हलधर सेवा केंद्र का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने कहा कि विश्व में सबसे पहले कृषि का नाम आता
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजलवायु पालक की सफलतापूर्वक खेती के लिए ठण्डी जलवायु की आवश्यकता होती है। ठण्ड में पालक की पत्तियों का बढ़वार अधिक होता है जबकि तापमान अधिक होने पर इसकी बढ़वार रूक जाती है, इसलिए पालक की खेती मुख्यत: शीतकाल में
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपौध संरक्षण को लेकर देश में की जा रही कवायद अभी अधूरी है। इसके लिये सरकारी प्रयासों के साथ जागरूकता की जरूरत है। माना जाता है कि भारत में पौध संरक्षण के लिये औसतन 600 ग्राम प्रति हेक्टेयर दवाओं का
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनई दिल्ली। प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते सरकार ने पाकिस्तान, चीन, मिस्र सहित विभिन्न देशों से 10 हजार टन प्याज आयात करने का आदेश दिया है। हालांकि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि जहां तक प्याज कीमतों का
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