Category: राज्य कृषि समाचार (State News)

भारत में नवीनतम राज्य कृषि समाचार (State News)। पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश (यूपी), झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश से राज्य कृषि समाचार (State News) और किसानों से संबंधित नवीनतम समाचार और अपडेट। कृषि और किसानों से संबंधित केंद्र सरकार की खबरें और अपडेट। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और उसके भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) जैसे संस्थान से समाचार। भारत के कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा से जुड़ी खबर. सब्सिडी, सरकारी योजनाओं से संबंधित समाचार और अपडेट। खरीफ और रबी क्षेत्र कवरेज, सरकार द्वारा बीज वितरण आदि से संबंधित अपडेट। मध्य प्रदेश के लिए मानसून पूर्वानुमान से संबंधित समाचार। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संबंधित समाचार। राज्य कृषि विभाग से जुड़ी खबर।

  • इंदौर में 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज़

    इंदौर में 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज़

    30 जुलाई 2022, इंदौर ।  इंदौर में 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज़ – मौसम केंद्र , भोपाल के अनुसार आज दिनांक 30.07.2022 को प्रातः 06:30 बजे भारतीय मानक .समयानुसार भूस्थानिक केंद्र 22.59 डिग्री उत्तर अक्षांश, 75.79 डिग्री पूर्व देशांतर इंदौर, मध्य प्रदेश में 2.9 तीव्रता  का भूकंप दर्ज हुआ है, जिसका हाइपोसेंटर 10 किमी गहराई पर था।

    इंदौर में जो लोग आज सुबह जल्दी नहीं उठे, उन्हें तो इस बात की खबर भी नहीं होगी कि आज इंदौर में आज हल्का भूकंप भी आया था। हालाँकि इस भूकंप की तीव्रता कम थी, इसलिए अधिकांश लोगों ने इसे महसूस नहीं किया। इस भूकंप से अभी तक किसी जान -माल के नुकसान की खबर नहीं है। गनीमत रही कि इस भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं थी,अन्यथा जन-धन की बहुत हानि हो जाती।

    महत्वपूर्ण खबर:सोयाबीन मंडी रेट (30 जुलाई 2022 के अनुसार)

  • मध्यप्रदेश के चार संभागों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज़

    मध्यप्रदेश के चार संभागों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज़

    30 जुलाई 2022, इंदौर । मध्यप्रदेश के चार संभागों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज़ – मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के जबलपुर, सागर,ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा हुई , जबकि रीवा, भोपाल और शहडोल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर और नर्मदापुरम , इंदौर और उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं -कहीं वर्षा दर्ज़ की गई। पूर्वी मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के कुंडम में सर्वाधिक  93.4  मिमी वर्षा दर्ज़ की गई। बीते 24  घंटों में राज्य में हुई वर्षा के आंकड़े इस प्रकार हैं –

    पश्चिमी मध्य प्रदेश –विदिशा (कुरवाई एनआर  – 67, कुरवाई ओआर   – 51.8, पठारी – 12, लटेरी – 6, गंजबासौदा – 3.2, सिरोंज – 3, ग्यारसपुर – 1),मुरैना  (सिटी – 62.6, पोरसा – 6),ग्वालियर (भितरवार – 55, सिटी – 1.6),अशोकनगर (मुंगावली – 48, चंदेरी – 15),भिण्ड (अटेर – 42, सिटी – 31, लहार – 20, मौ – 17.6, गोहद बीज निगम एआरजी  – 7, मिहौना – 5, गोरमी – 3),रायसेन (बाड़ी – 41, सुल्तानपुर – 19, बरेली – 18.2, उदयपुरा – 5, सिलवानी – 4.8, गौहरगंज – 0.4),गुना (राघौगढ़ – 32, आरोन – 19, कुम्भराज – 16,केवीके  – 14, सिटी – 6),सीहोर ( एग्रो -ओब्स  – 26.5, सिटी – 7.2),नर्मदापुरम (पिपरिया – 22),दतिया (सिटी – 19.2, इंदरगढ़ – 10, सेवढ़ा – 5, भांडेर – 3),राजगढ़ (जीरापुर – 15, नरसिंहगढ़ – 10,केवीके  – 1.5, सिटी – ट्रेस ),श्योपुर कलां (कराहल – 15, बड़ौदा – 8.2, वीरपुर – 2),मंदसौर (सिटी – 15),शिवपुरी (खनियाधाना – 13, पोहरी – 13, नरवर – 12, बदरवास – 11, पिछोर – 6, करैरा – 5, बैराड़ – 4, सिटी – 1),देवास (उदयनगर – 13, बागली – 1),आगर (नलखेड़ा – 11.2),रतलाम (पिपलौदा – 8, सिटी – 2),धार (नालछा – 6.4, सिटी – 2.2),झाबुआ (थांदला – 6.2, एग्रो ओब्स  – 2.8, पेटलावद – 0.6),उज्जैन (घट्टिया – 1),बड़वानी (ठीकरी – 0.2),भोपाल (सिटी – ट्रेस ),पचमढ़ी – 2.8 मिमी वर्षा दर्ज़ की गई।

    पूर्वी मध्य प्रदेश –जबलपुर (कुंडम – 93.4, सिहोरा – 69.4, मझौली – 42.8, रांझी – 9, सिटी – 5.4, पाटन – 3.4, पनागर – 2.4),पन्ना (देवेन्द्रनगर – 90.3, गुनौर – 17, सिमरिया – 15, अमानगंज – 6.3, पवई – 5.6),सीधी (रामपुर नैकिन – 46.5, चुरहट – 10, मझौली – 2, सिटी केवीके1),सागर (गढ़ाकोटा – 43.2, बीना – 30.4, रहली – 25, खुरई – 21.8, मालथौन – 20.3, शाहगढ़ – 13.3, देवरी – 10, बंडा – 10),दमोह (बटियागढ़ – 42, पटेरा – 28, सिटी – 25, मड़ियाहार केवीके  – 20.5, जबेरा – 9),सिंगरौली (चितरंगी – 41.7, देवरा केवीके – 11, सिटी – 2.2),डिंडोरी (शहपुरा – 38.4, सिटी – 20.2, करांजिया – 10.2, बजाग – 4, मेहदवनी – 3),सिवनी (सिटी – 36.6, कुरई – 11, बरघाट – 8, छपारा – 5.2, लखनादौन – 3.3, घनसौर – 3),छतरपुर (सिटी – 33, राजनगर – 16.2, बड़ामलहरा – 15.2, लवकुशनगर – 10, बक्स्वाहा – 8, गौरिहार – 3),छिंदवाड़ा (तमिया – 33, बिछुआ – 10, अमरवाड़ा – 2.4, पाण्ढुर्णा – 2.3, सिटी – 1.2, जुन्नारदेव – 1.2, उमरेठ – 0.6),बालाघाट (तिरोड़ी – 31.1, सिटी – 24.6, बैहर – 11, लालबर्रा – 11, वारासिवनी – 8.2, खैरलांजी – 6.2, बिरसा – 4.6, परसवाड़ा – 4.2, किरनापुर – 2.2, मलाजखंड – 0.8, पाला केवीके0.5),टीकमगढ़ (खरगापुर – 30, बल्देवगढ़ – 21, मोहनगढ़ – 16, बड़ागांव धंसान – 12, लिधौरा – 12, पलेरा – 11, सिटी – 2, जतारा – 2),कटनी (बाकल – 30, बरही – 14, ढीमरखेड़ा – 12.5, सिटी – 12.2, विजयराघवगढ़ – 12, उमरियापान – 7.2, बहोरीबंद – 6, पिपरौंध केवीके – 2, स्लीमनाबाद – 1.1),नरसिंहपुर (गाड़रवारा – 30),अनूपपुर (पुष्पराजगढ़ – 28, सिटी साऊथ  – 9.5, जैतहरी – 4.2, सिटी – 1.3),निवाड़ी (सिटी – 22),शहडोल (ब्यौहारी – 17, सोहागपुर – 1, कल्याणपुर केवीके  – 0.5),सतना (रामनगर – 12.2, बिरसिंहपुर – 12, रघुराजनगर – 9, नागौद – 7, अमरपाटन – 3, रामपुर बाघे. – 2, जसो – 2, जीतनगर_मैहर – 1.5),रीवा (नईगढ़ी – 11, मनगवां – 3, मऊगंज – 0.5),मंडला (नैनपुर – 10, निवास – 8.2, मटियारी – 4, सिटी – 3.4, नारायणगंज – 1)उमरिया (चंदिया – 7),अमरकंटक – 23.2, पेंच – 11.9,   खजुराहो – 9.0,   ओरछा – 7.0,   मैहर – 5.4  मिमी वर्षा दर्ज़ की गई।

    मौसम केंद्र ने 31जुलाई की सुबह तक आगर, सागर ,दमोह,बैतूल ,छिंदवाड़ा,बड़वानी, बालाघाट,टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर,सिवनी, भिंड,सतना,रीवा, जबलपुर और मंडला में मध्यम से तेज़ वर्षा और क्रमिक वज्रपात की संभावना व्यक्त की है, जबकि सीहोर,राजगढ़, भोपाल, विदिशा, रायसेन शाजापुर, इंदौर, नरसिंहपुर,अलीराजपुर, झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन खरगोन,डिंडोरी,ग्वालियर, देवास,शिवपुरी, दतिया, बुरहानपुर, मुरैना,पन्ना, सिंगरौली, उमरिया, श्योपुर, कटनी और नर्मदापुरम जिलों में हल्की वर्षा और वज्रपात की संभावना व्यक्त की है।   

    महत्वपूर्ण खबर: सोयाबीन मंडी रेट (30 जुलाई 2022 के अनुसार)

  • म.प्र. के मुरैना, श्योपुर में 45 करोड़ से सुधरेगी 98 हजार हेक्टेयर भूमि

    म.प्र. के मुरैना, श्योपुर में 45 करोड़ से सुधरेगी 98 हजार हेक्टेयर भूमि

    • (अतुल सक्सेना)

    30 जुलाई 2022, भोपाल । म.प्र. के मुरैना, श्योपुर में 45 करोड़ से सुधरेगी 98 हजार हेक्टेयर भूमि  – म.प्र. के मुरैना और श्योपुर जिलों की 98 हजार हेक्टेयर भूमि पर सतत कृषि, जैव विविधता संरक्षण एवं भूमि सुधार की दिशा में कार्य करने के लिए 45 करोड़ का विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन (एफएओ) के माध्यम से ग्लोबल इन्वायरमेंट फेसलिटी (जीईएफ) के तहत तैयार यह प्रोजेक्ट ”ग्रीन एग्रीकल्चर : ट्रांसफार्मिंग इंडियन एग्रीकल्चर फॉर ग्लोबल इन्वायरमेंट बेनिफिट्स एण्ड दि कन्सर्वेशन ऑफ क्रिटिकल बायोडायवर्सिटी एण्ड फारेस्ट लैण्ड स्केप” वर्ष 2019 से प्रारंभ कर दिया गया है जो वर्ष 2026 तक चलेगा। इसके क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया अगले माह अगस्त में की जाएगी।

    कार्यक्षेत्र एवं विभाग

    कृषि विभाग के शीर्ष पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इसके लिए म.प्र. कृषि विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके साथ ही वन, उद्यानिकी एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ अन्य सम्बंधित विभाग प्रोजेक्ट में काम करेंगे। प्रोजेक्ट क्षेत्र में आने वाले ब्लॉक एवं गांव में जिस विभाग के तहत काम की आवश्यकता होगी उसे सम्बंधित विभाग द्वारा कराया जाएगा।

    प्रोजेक्ट अवधि

    यह प्रोजेक्ट वर्ष 2019 से प्रारंभ किया जा चुका है तथा 2026 तक चलेगा। प्रोजेक्ट को शुरु हुए तीसरा वर्ष चल रहा है परन्तु कोरोना संकट के कारण अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। सूत्रों ने बताया कि अब प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन गति पकड़ेगा।

    बजट व्यवस्था- इस प्रोजेक्ट की कुल राशि 58 लाख 52 हजार यूएस डालर रखी गई अर्थात् भारतीय रुपये में यह राशि लगभग 45 करोड़ 95 लाख रुपये होगी। बजट की पूरी व्यवस्था फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन (एफ.ए.ओ.) नई दिल्ली करेगा।

    नियुक्तियां- प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए अगले माह विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा। इसके तहत राज्य स्तर पर स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) में स्टेट टेक्नीकल कोऑर्डीनेटर होगा जिसका मुख्यालय भोपाल रहेगा इसके लिए साक्षात्कार 16 अगस्त 2022 को होगा। इसी प्रकार जिला स्तर पर ग्रीन लैण्डस्केप इम्पिलमेंटेशन यूनिट (जीएलआईयू) के तहत मुरैना जिले के लिए एक पद का साक्षात्कार 18 अगस्त 2022 को तथा श्योपुर जिले के लिए 10 पदों का साक्षात्कार 17 एवं 18 अगस्त 2022 को होगा। यह साक्षात्कार राज्य स्तरीय कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीएट) भोपाल में होंगे। अधिक जानकारी के लिए https://siaet.nic.in पर विजिट किया जा सकता है।

    क्या है जीईएफ- ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) एक पर्यावरण केन्द्रित वित्तीय संगठन है, जो जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण, ओजोन परत, खाद्य सुरक्षा से सम्बंधित परियोजनाओं के लिए अनुदान देता है।

    महत्वपूर्ण खबर:सोयाबीन मंडी रेट (30 जुलाई 2022 के अनुसार)

  • डॉ. तोमर एग्रीकल्चर ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने

    डॉ. तोमर एग्रीकल्चर ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने

    30 जुलाई 2022, इंदौर । डॉ. तोमर एग्रीकल्चर ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने – कृषि महाविद्यालय के पूर्व छात्रों  के संगठन ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (ओएसए )  की बैठक गत दिनों संयुक्त निदेशक  कृषि ग्वालियर के कार्यालय पर आयोजित हुई।इसमें अन्य विषयों  के साथ मुख्य रुप से दिवंगत अध्यक्ष स्व डॉ जी एस भारद्वाज के स्थान पर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता कृषि संकाय तथा एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ सुरेश सिंह तोमर को सर्व सम्मति से एसोसिएशन का नया अध्यक्ष चुना गया।

    इसके साथ ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रिक्त हुए पद पर सर्व सम्मति से डॉ दामोदर प्रसाद शर्मा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। नव निर्वाचित पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई  देते हुए आशा व्यक्त की गई कि अधिक सक्रिय होकर संस्था की गतिविधियो को सकारात्मक रुप आगे बढ़ाएंगे। इस मौके पर श्री सुरेंद्र शर्मा और सहित कई पुराने कृषि स्नातक साथी उपस्थित थे।

    महत्वपूर्ण खबर:सोयाबीन मंडी रेट (30 जुलाई 2022 के अनुसार)

  • कृषि छात्रों की अनूठी कावड़ यात्रा

    कृषि छात्रों की अनूठी कावड़ यात्रा

    30 जुलाई 2022, इंदौर । कृषि छात्रों की अनूठी कावड़ यात्रा  – सावन माह में शिव भक्तों द्वारा कई कावड़ यात्राएं निकाली जा रही है। लेकिन कृषि कॉलेज के वर्तमान और पूर्व छात्रों द्वारा कृषि कॉलेज की ज़मीन को बचाने के लिए अनूठी कावड़ यात्रा निकाली गई , जिसमें कावड़ में दोनों तरफ जल कलश के बजाय छात्र -छात्राएं पौधे लेकर चल रहे थे। छात्रों का कहना था कि इस कावड़ यात्रा में जल कलश की जगह जो पौधे लेकर जा रहे हैं , उन्हें कलेक्टर परिसर में लगाकर आएँगे।  बड़ी संख्या में शामिल हुए कृषि छात्रों की यह अनूठी कावड़ यात्रा लोगों का ध्यान आकृष्ट कराने में सफल रही।

    कृषि छात्रों की अनूठी कावड़ यात्रा

    महत्वपूर्ण खबर: सोयाबीन मंडी रेट (29 जुलाई 2022 के अनुसार)

  • एग्रीस्टेक के तहत किसानों के डिजिटल डेटाबेस तैयार करें : मुख्य सचिव राजस्थान

    एग्रीस्टेक के तहत किसानों के डिजिटल डेटाबेस तैयार करें : मुख्य सचिव राजस्थान

    30 जुलाई 2022, रायपुर । एग्रीस्टेक के तहत किसानों के डिजिटल डेटाबेस तैयार करें : मुख्य सचिव राजस्थान मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने निर्देश दिये कि राज्य के सभी किसानों के डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए। श्रीमती शर्मा शासन सचिवालय में केन्द्रीय कृषि मंत्रलय द्वारा डिजिटल एग्रीकल्चर को लेकर आयोजित पहली बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के एग्रीस्टेक प्लान के अंतर्गत किसानों को अधिक से अधिक और शीघ्र ही डिजिटली जोड़ा जाए ताकि उन्हें फसल बीमा क्लेम, फसल ऋण तथा विभिन्न सरकारी अनुदानों की जानकारी ऑनलाइन मिलती रहे। उन्होंने कहा कि डिजिटली लिंक होने से काश्तकारों को कृषि संबंधि परामर्श तुरन्त जारी किया जा सकेगा।

    बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार ने बताया कि राज साथी पोर्टल के माध्यम से किसानों के कल्याणार्थ चलायी जा रही सभी योजनाओं में ऑनलाइन काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को बीज और फर्टीलाइजर के लाइसेंस ऑनलाइन दिये जा रहे हैं तथा नि:शुल्क सीड मिनिकिट्स का वितरण भी इसी पोर्टल के माध्यम से किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 75 लाख किसानों की जमाबंदी के रिकार्ड के साथ उनके आधार को जोड़ा जा चुका तथा 1 हजार 400 गांवों मे किसानों कि यूनिक आईडी भी जारी की जा चुकी है।

    कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से ’’एग्रीस्टेक डिजिटल एग्रीकल्चर’’ के सम्बंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार का यह प्रयास किसानों को कृषि कार्य से होने वाले लाभ में वृद्वि करने की दिशा में एक कदम है। बैठक में राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनंद कुमार, सहकरिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा, सूचना प्रोद्योगिकी और संचार विभाग के आयुक्त श्री आशीष गुप्ता सहित अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

    महत्वपूर्ण खबर: जयपुर में मनरेगा परतीन दिवसीय कार्यशाला

  • आधुनिक तकनीक आधारित खेती से बढ़ेगी किसानों की आय : मुख्यमंत्री राजस्थान

    आधुनिक तकनीक आधारित खेती से बढ़ेगी किसानों की आय : मुख्यमंत्री राजस्थान

    राजस्थान राज्य कृषि बजट समीक्षा बैठक

    29 जुलाई 2022, जयपुर । आधुनिक तकनीक आधारित खेती से बढ़ेगी किसानों की आय : मुख्यमंत्री राजस्थान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया। हमारी पूरी कोशिश है कि कृषि बजट में की गई घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित कर इन्हें धरातल पर उतारा जाए। श्री गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने चाहिए जिससे कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लघु और सीमांत किसानों को मिल सकें। उन्होंने योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाकर प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में वृद्धि करने के भी निर्देश दिए। (शेष पृष्ठ 3 पर)

    • 1000 ड्रोन करेंगे किसानों की मदद
    • ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई का भविष्य
    • राज्य में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता

    ड्रिप इरिगेशन ही राज्य में सिंचाई का भविष्य : मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। राजस्थान जैसे मरूस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है। किसानों का इस तरफ रूझान बढ़ा है। सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित करने के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है। इसी क्रम में बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी के अंतर्गत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वहीं, किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन सोलर पंपों पर सरकार द्वारा 61.58 करोड़ का अनुदान किया जा रहा है।

    1000 ड्रोन खरीदे जाएंगे : बैठक में बताया गया कि 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है। इससे किसान प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिडक़ाव कर सकेंगे, जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी एवं कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।

    राज्य में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लघु एवं सीमांत किसानों को 10 लाख बाजरा मिनीकिट्स एवं 2 लाख सूक्ष्म तत्व व जैव कीटनाशक किट का वितरण शुरू किया जा चुका है। राज्य में 0.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 0.37 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक भंडारित किया जा चुका है। इस वर्ष अभी तक मानसून सामान्य रहने से 11 जिलों में सामान्य वर्षा एवं 22 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है तथा राज्य में 76 प्रतिशत बुवाई का कार्य किया जा चुका है।

    प्रदेश में खोले जाएंगे 29 कृषि महाविद्यालय : बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 29 कृषि महाविद्यालय हेतु अस्थायी भवन की व्यवस्था एवं भूमि आवंटन की कार्यवाही जारी है। ये कृषि महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित होंगे। वहीं देवली, टोंक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

    बदलते समय के साथ बदलने होंगे खेती के तौर-तरीके : श्री गहलोत ने कहा कि उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि किसानों को उन्नत किस्मों के बीज सस्ती दर पर उपलब्ध कराए जाएं। कृषि में नवाचार कर रहे किसानों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्नत खेती तकनीकों का डेमों शहरों के प्रमुख स्थानों पर करवाकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत ग्रीन हाउस, शेडनेट, लॉटनल, प्लास्टिक मल्चिंग आदि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है।

    सरकार लघु व सीमांत किसानों के उत्थान के लिए संकल्पित : श्री गहलोत ने कहा कि लघु व सीमांत किसानों का हित सरकार की प्रत्येक कृषि योजना के केन्द्र में है। राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के अंतर्गत 12 लाख लघु व सीमांत किसानों को 78 करोड़ की लागत से बीज मिनीकिट्स के वितरण का कार्य किया जा रहा है। राजस्थान कृषि बीज स्वाम्बलन योजना से राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर 108.80 करोड़ रूपए अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान में संचालित 371 कस्टम हायरिंग केन्द्रों से सस्ती दरों पर किसानों को ट्रेक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर आदि कृषि यंत्रा व उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

    फलों व मसालों की खेती को मिल रहा प्रोत्साहन : मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किया जा रहा है। फल बगीचों की स्थापना के लिए अनुदान सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करने का कार्य जारी है। साथ ही खजूर की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा खजूर बगीचा स्थापित करने तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति हेतु अनुदान दिया जा रहा है।

    कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों के हित में एक से बढक़र एक फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें किसानों की ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्रा योजना के तहत बिजली बिल में छूट, तारबंदी के लिए अनुदान, मशीनरी खरीद के लिए अनुदान सहित कई अहम निर्णय शामिल हैं।

    बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार, उद्यानिकी आयुक्त श्री चेतन राम देवड़ा एवं कृषि आयुक्त श्री काना राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

    महत्वपूर्ण खबर: जयपुर में मनरेगा परतीन दिवसीय कार्यशाला

  • बेड़िया के दीपांशु की कल पीएम मोदी से चर्चा, बताएंगे ऊर्जा योजना की हक़ीकत  

    बेड़िया के दीपांशु की कल पीएम मोदी से चर्चा, बताएंगे ऊर्जा योजना की हक़ीकत  

    29 जुलाई 2022, इंदौर: बेड़िया के दीपांशु की कल पीएम मोदी से चर्चा, बताएंगे ऊर्जा योजना की हक़ीकत  खरगोन जिले का ग्राम बेड़िया एशिया की सबसे बड़ी मिर्च मंडी के लिए विख्यात है। यहाँ देश विदेश के लिए मिर्च की खरीदी की जाती है।बेड़िया मंडी में वर्ष भर मिर्च संबंधी कारोबार चलता रहता है। मिर्च को मंडी तक लाने से पहले फसल के लिए सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए बिजली की ज़रूरत रहती है। ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा की उपलब्धता और ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं से लाभान्वित लोगों से शनिवार 30 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस से चर्चा करेंगे। जिसमें खरगोन जिले के बेड़िया गांव के युवा उद्यमी मिर्च मसाला लघु उद्योग चलाने वाले श्री दीपांशु पटेल भी शामिल है।

    बेड़िया के दीपांशु की कल पीएम मोदी से चर्चा, बताएंगे ऊर्जा योजना की हक़ीकत  

    श्री दीपांशु पटेल ने कृषक जगत को बताया कि वे मिर्च की खेती नहीं करते हैं, लेकिन बेड़िया की मिर्च मंडी से अच्छी किस्म की मिर्च को पसंद कर फिर खरीदने के बाद उसकी सफाई की जाती है , फिर लघु उद्योग में स्थापित मिर्च की मशीन से पिसाई करके मिर्च पाउडर को सीबीएम ब्रांड के नाम से पैक कर बेचा जाता है। बीबीए कर चुके श्री पटेल ने बताया कि नवाचार के तहत दो साल पहले ही यह लघु उद्योग शुरू किया था, लेकिन लॉक डाउन के कारण कार्य प्रभावित हुआ। लेकिन अब गति पकड़ रहा है। फ़िलहाल 40 -50 क्विंटल मिर्च पाउडर प्रति माह बेचा जा रहा है। आमदनी भी ठीक हो रही है। मेरा लघु उद्योग बिजली पर निर्भर है। फीडर सेपरेशन के बाद गांव में बिजली पर्याप्त वोल्टेज के साथ ही 24 घंटे मिलने से मिर्च का यह लघु उद्योग चलाने में कोई परेशानी नहीं हो रही है।

    उल्लेखनीय है कि खरगोन जिले में  मिर्च का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। बेड़िया की मिर्च मंडी में किसान अपनी मिर्च की फसल को बेचने आते हैं। लेकिन इसके पूर्व मिर्च के पौधे की देखभाल, कीटों से बचाव, खाद, पानी देने के लिए समय पर बिजली की जरूरत होती है। खरगोन जिले में किसानों को राज्य शासन के मुताबिक प्रतिदिन दस घंटे बिजली दी जा रही है। नौ से दस माह की मिर्च की फसल के लिए लगभग 50 बार सिंचाई करना पड़ती है। इस क्षेत्र की खड़ी लाल सुर्ख मिर्च 50 से लेकर 175 रूपए किलो तक बिकती है। मिर्च की फसल क्षेत्र के किसानों को आर्थिक मज़बूती प्रदान करती है।

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  • जयपुर में मनरेगा पर तीन दिवसीय कार्यशाला

    जयपुर में मनरेगा पर तीन दिवसीय कार्यशाला

    माइक्रो सिंचाई परियोजना, छोटे बांध एवं मॉडल तालाब बनाएं  –  ग्रामीण विकास मंत्री

    29 जुलाई 2022, जयपुर: जयपुर में मनरेगा पर तीन दिवसीय कार्यशाला – पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रमेश चन्द मीना ने कहा है कि विभाग के अभियंता एवं अधिकारी आपसी समन्वय एवं अन्य विभाग के सहयोग से ऎसे गुणवत्तापूर्ण कार्य करे जिनसे विभाग की छवि और बेहतर हो। वाटरशेड में ऎसे कार्य हाथ में लिए जाने चाहिए जिनसे बहते हुए सतही जल को रोका जा सके और ग्राउण्ड वाटर टेबल को बढाया जा सके। इस उद्देश्य के साथ माइक्रो सिंचाई परियोजनाछोटे बांध एवं मॉडल तालाबों के कार्य किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कम लागत मेंनई सोच और नवाचारों के साथअच्छी गुणवत्ता के ऎसे उपयोगी निर्माण कार्य किए जाएं जो धरातल पर वास्तव में नजर आएं और आने वाले कई दशकों तक विभाग की पहचान बने।

    श्री मीना इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में मनरेगा कार्यों के मॉडल डिजाइनमॉडल एस्टीमेट व गुणवत्ता बेहतर करने के लिए गुरूवार से प्रारम्भ हुई तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

    कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री मीना कहा कि कोई भी नवाचार करने से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में परीक्षण कर उसकी व्यावहारिकता की परख कर ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता में कमी एक बड़ी समस्या है। परियोजना से क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आमजन को नजर आना चाहिए।

    उन्हाने कहा कि हर पंचायत समिति में कुछ बड़ी ग्राम पंचायतों में मॉडल पार्क तैयार किए जाएंजिनमें रनिंग ट्रेकफलदार पौधेशौचालयबैठक व्यवस्थाफलदार पौधे और फेंसिंग हों। ऎसे ही कामों से विभाग की छवि और बेहतर होगी। श्री मीना ने बताया कि हर ग्राम पंचायत पर एक किलोमीटर के गांधी पथ का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क भी अच्छी गुणवत्ता के साथ विभाग के कामों की पहचान बनेगी।

    उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग में थोडी सी त्रुटि भी निर्माण कार्य को शत प्रतिशत खराब कर देती है जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। इंजीनियर्स को सजग रहकर निर्माण की लागतडिजायनउपयोगफिजिबिलिटीउसके सर्वाईवलमेटेरियल लागत की तुलनात्मकता सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी हैजिससे कम से कम संसाधनों में अधिकतम गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। कार्यशाला में सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री के.के. पाठक सहित विभिन्न जिलों से ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी और अभियंता शामिल हुए। इस मौके पर मंत्री श्री मीना के समक्ष मनरेगा में किये जा रहे कार्यों में नवाचारों का प्रस्तुतीकरण एवं डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया।

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  • बूंदी जिले के हिण्डोली-नैनवां में तेजी से ग्रामीण विकास कार्य

    बूंदी जिले के हिण्डोली-नैनवां में तेजी से ग्रामीण विकास कार्य

    29 जुलाई 2022, जयपुर: बूंदी जिले के हिण्डोली-नैनवां में तेजी से ग्रामीण विकास कार्य – सूचना एवं जनसंपर्क राज्यमंत्री श्री अशोक चांदना ने कहा कि राजस्थान के सर्वांगीण विकास के साथ ही बूंदी जिले के हिण्डोली-नैनवां में तीव्र गति से ग्रामीण विकास कार्य हो रहे हैं। हर रोज राज्य सरकार से क्षेत्र की जनता को विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। श्री चांदना गुरूवार को बूंदी जिले के हिण्डोली-नैनवां क्षेत्र के गोठडानैनवां में आयोजित कार्यक्रम में आमजन को सम्बोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसी सप्ताह में 32 करोड़  बांधों, 10 करोड़ की सड़कों तथा 22 करोड़ की लागत से पुराने बांधों के जीर्णाेद्धार कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति देकर क्षेत्र की जनता को विकास का अहसास कराया है। विकास की यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी और 30 जुलाई को राजस्थान के मुख्यमंत्री हिडोली के नये खेल स्टेडियम में 1500 करोड़ से होने वाले विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे।

    उन्होंन कहा कि राज्य में पहली बार किसी ग्रामीण विधानसभा में 1500 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्यों का शिलान्यास होने जा रहा है। राजस्थान में हिण्डोली-नैनवां ऐसा क्षेत्र हैजहां एक दिन में 5 सरकारी कॉलेजों के शिलान्यास होंगे। पांच कॉलेज एक ही तहसील में होना अपने आप में बहुत बडी मिसाल है। उन्होंने कहा कि 150 करोड़ की सड़कों के कार्य हो चुके है और 175 करोड़ की सड़कों का कार्य और होने जा रहे है।

    श्री चांदना ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे गांवों की सड़कों को आपस में जोड़ने का कार्य अब हाथ में लिया जाएगा। विकास के लिए सबसे आवश्यक शिक्षा और पानी है। शिक्षा और पानी ही जीवन की शुरूआत जरूरत होती है। इसके लिए इलाके में 150 करोड़ से अधिक की राशि के बांध और एनीकट बनाकर सिंचाई सुविधा को मजबूत किया है। 

    उन्होंने कहा कि चम्बल पेयजल परियोजना से क्षेत्र में अब टैंकरों की जरूरत नहीं मिलेगी। गर्मी के मौसम में भूमिगत जलस्तर में कमी आने पर भी अब क्षेत्र में जनता को पेयजल की समस्या का सामना नहीं करना पडेगा। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या का समाधान चम्बल पेयजल परियोजना से होने जा रहा है। 

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