Category: राज्य कृषि समाचार (State News)

भारत में नवीनतम राज्य कृषि समाचार (State News)। पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश (यूपी), झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश से राज्य कृषि समाचार (State News) और किसानों से संबंधित नवीनतम समाचार और अपडेट। कृषि और किसानों से संबंधित केंद्र सरकार की खबरें और अपडेट। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और उसके भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) जैसे संस्थान से समाचार। भारत के कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा से जुड़ी खबर. सब्सिडी, सरकारी योजनाओं से संबंधित समाचार और अपडेट। खरीफ और रबी क्षेत्र कवरेज, सरकार द्वारा बीज वितरण आदि से संबंधित अपडेट। मध्य प्रदेश के लिए मानसून पूर्वानुमान से संबंधित समाचार। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संबंधित समाचार। राज्य कृषि विभाग से जुड़ी खबर।

  • कृषि संचालनालय में श्री श्रीवास्तव सहित 6 कर्मचारी सेनानिवृत्त

    कृषि संचालनालय में श्री श्रीवास्तव सहित 6 कर्मचारी सेनानिवृत्त

    2 अगस्त 2022, भोपाल: कृषि संचालनालय में श्री श्रीवास्तव सहित 6 कर्मचारी सेनानिवृत्त – कृषि संचालनालय में पदस्थ प्रभारी संयुक्त संचालक श्री डी.के. श्रीवास्तव सहित 5 अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गत 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो गए। इस मौके पर संचालनालय में करोनो काल के बाद पहली बार विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल ने सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया तथा उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।

    सेवानिवृत्त होने वालों में श्री श्रीवास्तव के अतिरिक्त निज सहायक श्री राजेन्द्र कुमार मिश्रा, संभागीय लेखापाल श्रीमती गायत्री खन्ना, सहायक ग्रेड-1 द्वय श्रीमती सुशीला पाल एवं श्री दिनेश पाठक तथा वाहन चालक मो. आबिद खान शामिल है।

    इस अवसर पर अपर संचालक श्री एस.सी. सिंगादिया, श्री बी.एस. धुर्वे एवं श्री बी.एम. सहारे सहित संचालनालय के समस्त अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

    महत्वपूर्ण खबर: कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

  • फसल बीमा क्षेत्र के सटीक आकलन के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकी पर प्रशिक्षण

    फसल बीमा क्षेत्र के सटीक आकलन के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकी पर प्रशिक्षण

    02 अगस्त 2022, भोपाल: फसल बीमा क्षेत्र के सटीक आकलन के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकी पर प्रशिक्षण – कृषि विभाग द्वारा,फसलों की स्थिति एवं उत्पादकता के सटीक और त्वरित आकलन के लिये रिमोट सेसिंग तकनीक के उपयोग पर केन्द्रित राज्य स्तरीय मास्टर्स ट्रेनर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में कृषि अधिकारियों, फसल बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि तथा कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

    इस अवसर पर संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल ने बताया कि नेशनल रिमोट सेन्सिंग केंद्र – इसरो तथा प्रदेश की तकनीकी संस्थाओं म.प्र. विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी परिषद एवं म.प्र. इलेक्ट्रॉनिक डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन के समन्वय से एग्री-जीआईएस पोर्टल कृषि उन्नति निर्मित किया गया है। संचालक कृषि ने कहा कि रिमोट सेंसिंग तकनीक की आधुनिक प्रणाली फसल क्षेत्र आकलन तथा फसलों की उत्पादकता ज्ञात करने के लिए विकसित की गई है। इस वर्ष से, प्रदेश में रिमोट सेसिंग तकनीकी का शत-प्रतिशत रकबे में प्रयोग किया जाएगा। इस दिशा में पहल करने वाला मध्यप्रदेश राज्य पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।

    अपर संचालक कृषि श्री बीएम सहारे ने बताया कि भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल का भू-अभिलेख से इंटीग्रेशन किया गया है।  इससे भू अभिलेख मे दर्ज जानकारी सीधे फसल बीमा पंजीयन में लायी जा सकेगी। किसान स्वयं भी, मोबाइल ऐप के माध्यम से सैटेलाइट डेटा तथा रिमोट सैंसिंग तकनीकी का उपयोग कर अपने खेत पर लगाई गई फसल के रकबे की पुष्टि एवं संशोधन कर सकेंगे। 

    प्रशिक्षण में म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्यो्गिकी विभाग के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.जीडी बैरागी ने फसलों के वास्तविक क्षेत्र निर्धारण के लिए स्थलों को चिन्हित करने में सावधानियां तथा व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। अन्य विशेषज्ञों में प्रमुख रूप से एग्रीकल्चर क्राप इन्श्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री पुष्कर प्रियदर्शी, एमपीईडीसी के परियोजना संचालक श्री शफीक मतीन, एमपीसीएसटी प्रतिनिधि श्री मनोज पाटीदार, उप संचालक कृषि श्री कमल कुमार जैन एवं डॉ. अजय कौशल शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन श्री एस.वी.श्रीवास्तव ने किया।

    ये लाभ होंगे

    किसानों के त्रुटि रहित पंजीयन होने से पात्र किसानों को बिना किसी परेशानी के सीधे उनके आधार पंजीकृत खाते मे लाभ मिल सकेगा। नुकसान एवं आपदा की स्थिति में फसल बीमा की दावा राशि का समुचित भुगतान अल्प समय में मिल सकेगा।कृषि संबंधी विभिन्न सूचनायें एक ही स्थान पर होने से आंकड़ा आधारित कृषि कार्यक्रम बनाना तथा मॉनीटरिंग का कार्य सरलता से संभव होगा।

    महत्वपूर्ण खबर: कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

  • स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न उत्पादन करना ही वैज्ञानिक तकनीक का मुख्य लक्ष्य : श्री पटेल

    स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न उत्पादन करना ही वैज्ञानिक तकनीक का मुख्य लक्ष्य : श्री पटेल

    2 अगस्त 2022, भोपाल: स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न उत्पादन करना ही वैज्ञानिक तकनीक का मुख्य लक्ष्य : श्री पटेल – कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि किसी भी वैज्ञानिक तकनीक का मुख्य लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण और स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न उत्पादन होना चाहिये। श्री पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में ‘फसल सुधार के लिये जीन एडिटिंगÓ पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का हरदा से वर्चुअली शुभारंभ किया। कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने अपने विचार व्यक्त किये एवं जीन एडिटेड फसलों के विकास और विस्तार की संभावनाओ पर गहन चिंतन किया।

    कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिये वैज्ञानिकों द्वारा फसलों की नवीन किस्मों को तैयार करने के लिए नवीन तकनीकों का विकास किया जा रहा है। फसल सुधार के लिये जीन एडिटिंग एक प्रभावशाली तकनीक है। इस तकनीक से फसलों की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ ही रासायनिक तत्वों के न्यूनतम उपयोग के साथ स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न का उत्पादन किया जा सकता है। वैज्ञानिकों को इस ओर अधिक ध्यान देना चाहिये। श्री पटेल ने कहा कि जीन एडिटिंग से जलवायु परिवर्तन, फसलों में आमतौर पर होने वाली बीमारियों और कीट-प्रकोप पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के प्रयास भी होने चाहिये।

    श्री पटेल ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि निश्चित ही इस कार्यशाला में किये गये चिंतन और मंथन से प्राप्त होने वाले निष्कर्षों का लाभ कृषि और किसानों को मिलेगा।

    कार्यशाला में राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति प्रो. एस.के. राव, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी के कुलपति डॉ. एस.के. चतुर्वेदी, बॉयो टेक्नालॉजी सेंटर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के डायरेक्टर प्रो. शरद तिवारी, बॉयोटेक कंसोर्टियम इण्डिया लिमिटेड की चीफ जनरल मैनेजर डॉ. विभा आहूजा, नेशनल इंस्टीट्यूट फार प्लांट बॉयो टेक्नालॉजी के पूर्व संचालक डॉ. एन.के. सिंह, फेडरेशन ऑफ सीड इण्डस्ट्री ऑफ इण्डिया के डायरेक्टर जनरल श्री राम कौंडिन्य सहित कई अन्य वैज्ञानिक और शोधार्थी मौजूद थे |

    महत्वपूर्ण खबर: कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

  • केवीके में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन

    केवीके में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन

    2 अगस्त 2022, टीकमगढ़ । केवीके में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, टीकमगढ़ में संचालक विस्तार सेवायें, ज.ने.कृ.वि.वि., जबलपुर के निर्देशन में 27वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक मुख्य अतिथि डॉ. टी. आर. शर्मा, प्रोफेसर, संचालक विस्तार सेवायें, ज.ने.कृ.वि.वि. का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. व्ही. के. सिंह, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, टीकमगढ़, उपसंचालक कृषि डी. के. जाटव, डीडीएम नाबार्ड से मिर्जा फैसल बैग, उद्यान विभाग से एन. के. अत्रे, पशु चिकित्सक विभाग से डॉ. दीपक कुमार नाग, सहायक संचालक मत्स्य- आर. के. मिश्रा, प्रक्षेत्र प्रबंधक-एस. आर. मुवेल, एनआरएलएम रमेशचन्द्र जैन, कृषि व्यवसायी राकेश जैन, सह- प्राध्यापक डॉ. डी. एस. तोमर, सहायक प्राध्यापक डॉ. ए. के. श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक डॉ. एल. एम. बल एवं प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी. एस. किरार ने रबी 2021-22 की प्रगति प्रतिवेदन एवं खरीफ 2022 की कार्ययोजना का विस्तृत रूप से प्रस्तुतिकरण किया।

    उपसंचालक कृषि ने सभी विकासखण्डों में एक-एक समन्वित कृषि पद्धति/आईएफ.एस के मॉडल विकसित करने का सुझाव दिया। अंत में धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. एस. के. जाटव ने प्रस्तुत किया।

    महत्वपूर्ण खबर:सोयाबीन मंडी रेट (01 अगस्त  2022 के अनुसार)

  • मध्यप्रदेश में मौसमी गतिविधियां कम सक्रिय, हल्की वर्षा दर्ज़

    मध्यप्रदेश में मौसमी गतिविधियां कम सक्रिय, हल्की वर्षा दर्ज़

    2 अगस्त 2022, इंदौर: मध्यप्रदेश में मौसमी गतिविधियां कम सक्रिय, हल्की वर्षा दर्ज़ – मौसम केंद्र, भोपाल के अनुसार मध्यप्रदेश में मौसमी गतिविधियां कम सक्रिय होने से राज्य में वर्षा कम दर्ज़ की गई। पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश में शहडोल संभाग के जिलों में कुछ जगह और रीवा, जबलपुर, सागर,इंदौर, भोपाल,उज्जैन और ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं -कहीं वर्षा दर्ज़ की गई। नर्मदापुरम और चंबल संभागों में मौसम शुष्क रहा। पिछले 24 घंटों में राज्य में हुई वर्षा के आंकड़े इस प्रकार हैं –

    पश्चिमी मध्य प्रदेश – गुना (सिटी – 12.4, आरोन – 5, केवीके  – 5),राजगढ़ (केवीके  – 12, सिटी – 5.3, खिलचीपुर – 5),रायसेन (गौहरगंज – 6.2),भिंड (मिहौना – 6, रौन – 4),झाबुआ (रामा – 4.2, राणापुर – 1, पेटलावद – 0.4)धार (सरदारपुर – 4),अलीराजपुर (कट्ठीवाड़ा – 3, जोबट – 2.4, सिटी – 1.4, उदयगढ़ – 1),खरगोन (सेगांव – 2, सिटी – 1.2),रतलाम (सिटी – 2),शिवपुरी (सिटी – 1.1, करैरा – 1),सीहोर (श्यामपुर – 1),बड़वानी (तलुन केवीके  – 0.5) मिमी वर्षा दर्ज़ की गई।

    पूर्वी मध्य प्रदेश –शहडोल (सोहागपुर – 28, ब्यौहारी – 8, बुढ़ार – 2, जैतपुर – 2, कल्याणपुर केवीके – 1.5),सीधी (रामपुर नैकिन – 12.5),बालाघाट (पाला केवीके – 11.5, किरनापुर – 2.2),उमरिया (नौरोजाबाद – 11.2, पाली – 4.6, मानपुर – 1),डिंडोरी (मेहदवनी – 10.2, बजाग – 10, सिटी – 6, शहपुरा – 2),रीवा (हनुमना – 8.3, मऊगंज – 0.5),सागर (मालथौन – 4),टीकमगढ़ (सिटी – 4),मंडला (बिछिया – 3, नैनपुर – 2.5, निवास – 2, सिटी – ट्रेस ),सिंगरौली (चितरंगी – 1.7, देवरा केवीके  – 1.5, सिटी – 0.6),बाणसागर – 14.2, पेंच – 0.1 मिमी वर्षा दर्ज़ की गई।

    मौसम केंद्र ने शहडोल, जबलपुर,नर्मदापुरम और ग्वालियर संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर और रीवा, सागर, भोपाल ,इंदौर,चंबल और उज्जैन संभागों  के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है, जबकि इन्हीं संभागों के अलावा छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में कहीं -कहीं बिजली चमकने और गिरने की संभावना व्यक्त की गई है।

    महत्वपूर्ण खबर: कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

  • कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

    कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज


    2 अगस्त 2022, इंदौर:
    कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज – कृषक जगत किसान सत्र – खरीफ 2022 के अंतर्गत सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर आज 2 अगस्त मंगलवार को शाम 4 बजे  से आयोजित वेबिनार में डॉ. अमरनाथ शर्मा, सेवानिवृत्त प्रधान वैज्ञानिक, भा कृ अ प – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर, प्रमुख वक्ता के रूप में किसानों को मार्गदर्शन देंगे।

    कृषक जगत का सोयाबीन में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर वेबिनार आज

    इस वेबिनार में विद्वान वैज्ञानिक श्री शर्मा द्वारा सोयाबीन की फसल में लगने वाले कीटों और उसके नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। डॉ शर्मा द्वारा कम लागत में सोयाबीन का अधिक उत्पादन लेने के गुर भी बताए जाएंगे। इस किसान सत्र में कृषकों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया जाएगा। किसान भाइयों से अनुरोध है कि इस वेबिनार में अवश्य शामिल होकर इस सुविधा का लाभ उठाएं । ऑन लाइन होने वाले इस वेबिनार के लिए इच्छुक व्यक्ति अपना पंजीकरण निम्न तरीके से करा सकते हैं –

    *पंजीकरण करायें -अग्रिम पंजीयन
    https://forms.gle/PoLhSWSRQYpPh6s76

    फेसबुक के माध्यम से मीटिंग में शामिल होने के लिए-
    https://www.facebook.com/krishakjagatindia/live_videos/

    जूम के माध्यम से मीटिंग में शामिल होने के लिए-
    https://us02web.zoom.us/j/85068569319?pwd=QmJMMVhqMjhuZmtNZzNsaEJpTjhOUT09

    इस कार्यक्रम की मीटिंग आईडी : 850 6856 9319  है, तथा पास कोड 12345  है।

    महत्वपूर्ण खबर: सिंचाई उपकरण हेतु 27 जुलाई से 4 अगस्त तक आवेदन पत्र आमंत्रित

  • प्राकृतिक खेती पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

    प्राकृतिक खेती पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

    2 अगस्त 2022, आगर-मालवा: प्राकृतिक खेती पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित – जिले के विकासखंड आगर के ग्राम कुंडला में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा योजना अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया। जिसमें कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी ने मार्गदर्शन दिया।

    कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरपीएस शक्तावत ने बताया कि वर्तमान में खेती में अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशी का उपयोग होने के कारण मृदा की उर्वरकता शक्ति समाप्त होने के साथ-साथ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है,  इसको दृष्टिगत रखते हुए जिले के कृषकों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि किसान प्रशिक्षित होकर प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो। उन्होंने रसायन एवं कीटनाशक के विकल्प के रूप में प्राकृतिक कृषि के अंतर्गत शून्य बजट पर आधारित जीवामृत, घनामृत, निमास्त्र एवं अन्य विधियों के बारे में कृषकों को विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया। बीटीएम श्री वेद प्रकाश सेन द्वारा कृषकों को कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी आर एस भूरे एवं कृषक उपस्थित थे ।

    महत्वपूर्ण खबर: सिंचाई उपकरण हेतु 27 जुलाई से 4 अगस्त तक आवेदन पत्र आमंत्रित

  • राज्य में 31 लाख 38 हजार हेक्टेयर में हो चुकी खरीफ फसलों की बुआई

    राज्य में 31 लाख 38 हजार हेक्टेयर में हो चुकी खरीफ फसलों की बुआई

    1 अगस्त 2022, रायपुर । राज्य में 31 लाख 38 हजार हेक्टेयर में हो चुकी खरीफ फसलों की बुआई – राज्य में खरीफ फसलों की 31 लाख 37 हजार 860 हेक्टेयर बुआई हो चुकी है, जो निर्धारित लक्ष्य का 65 प्रतिशत है। अब तक खरीफ फसलों के तहत सर्वाधिक 21 लाख 64 हजार 710 हेक्टेयर में धान की बोता बोनी हुई है, जबकि 44 हजार 530 हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। इसके अलावा मोटे अनाज की 2 लाख 16 हजार 890 हेक्टेयर में, दलहन की 1 लाख 40 हजार 580 हेक्टेयर में, तिलहन की 82 हजार 930 हेक्टेयर में तथा सब्जी एवं अन्य फसलों की 87 हजार 450 हेक्टेयर में बुआई पूरी कर ली गई है।

    कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में धान की 2 लाख 61 हजार हेक्टेयर में, मक्का की 1 लाख 66 हजार 20 हेक्टेयर में, कोदो-कुटकी की 49 हजार 730 हेक्टेयर में, रागी की 1140 हेक्टेयर में इस प्रकार अनाज की कुल बोनी 28 लाख 26 हजार 900 हेक्टेयर में पूरी हो चुकी है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 74 प्रतिशत है। राज्य में दलहन फसलों की कुल बोनी एक लाख 40 हजार 580 हेक्टेयर में हुई है, जिसमें अरहर 85 हजार 720, मूंग 8160 हेक्टेयर में, उड़द 46 हजार 350 हेक्टेयर में तथा कुल्थी की 350 हेक्टेयर में बुआई शामिल है। तिलहन फसलों की बोनी 82 हजार 930 हेक्टेयर में हुई है, जिसमें मुंगफली 38 हजार 310 हेक्टेयर में, तिल 8210 हेक्टेयर, सोयाबीन 36 हजार 410 शामिल है। साग-सब्जी और अन्य फसलों की बुआई 87 हजार 485 हेक्टेयर में पूरी कर ली   गई है।

    राज्य में चालू खरीफ सीजन में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की प्रचलित किस्मों के स्थान पर सुगंधित धान, जिंक धान, जैविक धान, मक्का, कोदो-कुटकी, दलहन और तिहलन की फसलों के साथ-साथ गन्ना की खेती को बढ़ावा देने के विशेष कार्यक्रम संचालित है। एक लाख 88 हजार 356 हेक्टेयर में प्रचलित धान के बदले अन्य फसलों के खेती के लिए 3 लाख 54 हजार 868 किसानों ने सहमति दी है। अब तक 38 हजार 442 किसानों द्वारा 25 हजार 549 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना एवं अन्य उद्यानिकी फसलों की बुआई भी पूरी कर ली गई है।

    महत्वपूर्ण खबर:मध्य प्रदेश के लिए सोयाबीन की अनुशंसित उन्नत किस्में

  • किसानों को 7 लाख 89 हजार 804 क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित

    किसानों को 7 लाख 89 हजार 804 क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित

    1 अगस्त 2022, रायपुर । किसानों को 7 लाख 89 हजार 804 क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित – राज्य में चालू खरीफ सीजन में शासन के विभिन्न संस्थान एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से प्रमाणित बीज वितरित किए जाने की प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी है। जिसके तहत किसानों को अब तक विभिन्न खरीफ फसलों के 7 हजार 89 हजार 804 क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किया गया है। चालू खरीफ सीजन में बीज वितरण की यह मात्रा निर्धारित लक्ष्य 10 लाख 5 हजार क्विंटल की तुलना में 77 प्रतिशत है।

    कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी संस्थाओं सहित निजी क्षेत्रों में अब तक कुल 8 लाख 68 हजार 429 क्विंटल प्रमाणित बीज का भण्डारण किया गया है, जोकि लक्ष्य का 86 प्रतिशत है। भण्डारित प्रमाणित बीजों में 8 लाख 7 हजार 529 क्विंटल धान, 28 हजार 357 क्विंटल मक्का, 4452 क्विंटल अरहर, 15027 क्विंटल सोयाबीन तथा 13064 क्विंटल अन्य फसलों के बीज शामिल हैं। किसानों द्वारा अब तक सहकारी समितियों, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र उत्पादन कार्यक्रम सहित निजी क्षेत्रों से 7 लाख 33 हजार 299 क्विंटल धान, 26 हजार 990 क्विंटल मक्का, 3751 क्विंटल अरहर, 14 हजार 871 क्विंटल सोयाबीन तथा 10 हजार 853 क्विंटल अन्य खरीफ फसलों के बीज का उठाव किया गया है।

    महत्वपूर्ण खबर:मध्य प्रदेश के लिए सोयाबीन की अनुशंसित उन्नत किस्में

  • राज्य में खाद-बीज और औषधियों की गुणवत्ता की जांच अभियान जारी

    राज्य में खाद-बीज और औषधियों की गुणवत्ता की जांच अभियान जारी

    1 अगस्त 2022, रायपुर । राज्य में खाद-बीज और औषधियों की गुणवत्ता की जांच अभियान जारी कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के निर्देशानुसार खाद-बीज एवं पौध संरक्षण औषधि की गुणवत्ता की जांच का अभियान राज्य के सभी जिलों में जारी है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में लगातार बीज, खाद और औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। चालू खरीफ सीजन में अब तक  बीज के 80 नमूने तथा रासायनिक उर्वरक के 62 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके लाट के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के साथ ही संबंधित फर्मों को नोटिस जारी किया गया है।

    कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू खरीफ सीजन में बीज के अब तक 2686 नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजे गए हैं, जिसमें से 2554 सैंपल मानक स्तर के तथा 80 सैम्पल अमानक पाए गए हैं। बीज के 52 नमूनों का परीक्षण अभी प्रक्रिया में हैं। इसी तरह रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच-पड़ताल के लिए कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षकों द्वारा राज्य के विभिन्न उर्वरक विक्रेता फर्मों से अब तक 1472 नमूने लिए गए हैं, जिसमें से 1135 नमूनों की जांच में 1073 नमूने मानक स्तर के तथा 62 अमानक पाए गए हैं। शेष 315 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है। अमानक बीज एवं खाद के लाट के विक्रय को विभाग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के साथ संबंधित संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी तरह कीटनाशक औषधियों के 23 नमूने लिए गए है, जिसमें से 17 नमूने की रिपोर्ट मानक पायी गई है। शेष 4 सेम्पल निरस्त हो गए हैं, जबकि 2 नमूने की गुणवत्ता रिपोर्ट प्राप्त होना बाकी है।

    महत्वपूर्ण खबर:मध्य प्रदेश के लिए सोयाबीन की अनुशंसित उन्नत किस्में