Advertisement8
Advertisement
पशुपालन (Animal Husbandry)

मत्स्य पालन में वैज्ञानिक सुझाव समाहित करने की आवश्यकता

09 सितम्बर 2024, भोपाल: मत्स्य पालन में वैज्ञानिक सुझाव समाहित करने की आवश्यकता – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में 9 सितम्बर 2024 को वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ I उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया जा रहा है |  

इस प्रशिक्षण में भागलपुर जिले के करीब सभी प्रखंडों से कुल 30 किसान भाग ले रहे हैं, जो मत्स्य पालन के साथ-साथ मुर्गी पालन, बत्तख पालन, बकरी पालन, कृषि, बागवानी, मशरूम उत्पादन में भी अपनी अभिरुचि रखते हैं । इसमें कुछ ऐसे नवयुवक प्रशिक्षु हैं, जो मत्स्य पालन को एक व्यापक व्यवसाय का रूप देकर अपना उद्यम शुरू करना चाहते हैं। अतः किसानों की अभिरुचि और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डॉ. विवेकानंद भारती, वैज्ञानिक-सह- पाठ्यक्रम निदेशक ने मत्स्य पालन की विभिन्न तकनीकियों के साथ-साथ मुर्गी पालन, बत्तख पालन, बकरी पालन, कृषि तथा बागवानी को भी प्रशिक्षण-पाठ्यक्रम में समाहित किया है।

Advertisement
Advertisement

डॉ. कमल शर्मा,प्रभागाध्यक्ष, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन ने प्रशिक्षण का उदेश्य और इसके प्रत्येक क्रियाकलापों का पूर्वाभास किसानों को कराया। डॉ. आशुतोष उपाध्याय, प्रभागाध्यक्ष, भूमि एवं जल प्रबंधन ने समेकित मत्स्य पालन के महत्त्व को बड़े ही सरल भाषा में किसानों को समझाया। उन्होंने समेकित मत्स्य पालन में सम्मिलित मुख्य अवयवों का वर्णन कर उनके लाभकारी बिंदुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार ने मत्स्य पालन में वैज्ञानिक सुझाव को समाहित कर किसानों की आय वृद्धि पर जोर डाला। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी सभी समयस्याओं का जिक्र इस संसथान के वैज्ञानिकों के साथ प्रशिक्षण के दौरान करें, ताकि प्रशिक्षण के बाद किसानों को मत्स्य पालन में किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। डॉ. तारेश्वर कुमार, वैज्ञानिक ने मत्स्य पालन हेतु उपयुक्त प्रजातियों के आहार और उनके पोषण के प्रबंधन के बारे में किसानों को अवगत कराया। उद्घाटन समारोह के दौरान, प्रशिक्षण के समन्वयक के रूप में डॉ. पी. सी. चंद्रन, प्रधान वैज्ञानिक तथा अन्य वैज्ञानिकगण एवं कर्मचारीगण मौजूद थे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement