गर्मियों में दुधारू पशुओं के हीट स्ट्रोक (लू लगना) का इलाज कैसे करें
28 मई 2024, भोपाल: गर्मियों में दुधारू पशुओं के हीट स्ट्रोक (लू लगना) का इलाज कैसे करें – हीटस्ट्रोक (लू लगना) के घरेलू उपाय अक्सर फायदेमंद होते हैं। पानी में बर्फ डालें, बीमार पशु को बार-बार उस ठंडे पानी से धोएं, या ठंडे पानी में बोरी या कपड़ा भिगोकर शरीर पर रखें। जिससे त्वचा के नीचे की नसें सिकुड़ेंगी और पशु हीट स्ट्रोक से बचे रहेंगे।
यदि उपलब्ध हो तो पंखे लगा देना चाहिए। रोगग्रस्त पशु को ठंडे एवं खुले स्थान पर रखना चाहिए। रोगग्रस्त पशु की त्वचा को मलना चाहिए जिससे बुखार उतर जाता है और शरीर के ऊपरी भाग में ठंडा रक्त प्रवाहित होने लगता है। बीमार पशु को पीने के लिए भरपूर पानी दें।
सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सूर्य की किरणों से बचाना चाहिए। 50 मिली प्याज का रस और 10 ग्राम जीरा पाउडर और 50 ग्राम पिसी हुई चीनी मिलाएं। हरे आम को पानी में उबालकर पानी में थोड़ा सा नमक और चीनी मिलाकर पीने से अच्छा लाभ मिलता है।
लू लगने के मुख्या लक्षण – जिस पशु को लू लगती हैं उसे शुरू में बैचेनी होती हैं, पशु अति उत्तेजित होता हैं। अगर लू की सान्द्रता कम है तो उसके शरीर के कुछ विशिष्टï स्नायविक हिस्सों में लकवा मार जाता है। उसे सांस लेने में कठिनाई होती हैं या साँसों की गति कम हो जाती है. कुछ पशुओं में सांसे लेना बंद होकर पशु की मृत्यु हो जाती है। पशुओं के मस्तिष्क में खून का संचय होने से उनके शरीर में खून का दबाव बढ़ जाता है जिससे वे या तो लडख़ड़ाते हुए चलते हैं या जमीन पर धड़ाम से गिर जाते हैं. उन्हें झटके आते हैं. पशुओं को 108 डिग्री फारेनहिट तक बुखार हो जाता हैं तथा उन्हें जबरदस्त थकान हो जाती है। उनकी चमड़ी सूख जाती हैं. उनकी प्यास में बढ़ोत्तरी होकर वे ज्यादा मात्रा में पानी पीते हैं। उनके शरीर का तापमान अत्यधिक बढऩे पर वे बेहोश हो जाते हैं या उनकी मृत्यु भी हो सकती है.