गर्मियों में पालतू कुत्तों की देखभाल और प्रबंधन
लेखक: डॉ. महेन्द्र सिंह मील और डॉ. श्रुति गर्ग वेटरनरी कॉलेज, नवानिया, वल्लभनगर, उदयपुर
05 मई 2025, भोपाल: गर्मियों में पालतू कुत्तों की देखभाल और प्रबंधन – गर्मियों का मौसम पालतू कुत्तों के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आता है। अत्यधिक गर्मी, डिहाइड्रेशन, सनस्ट्रोक, पैरों के जलने, त्वचा संबंधी समस्याओं और आहार में आवश्यक परिवर्तनों के कारण उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सही देखभाल और प्रबंधन से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
गर्मी में कुत्तों के स्वास्थ्य पर प्रभाव
गर्मियों में कुत्तों के शरीर के तापमान को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मनुष्यों की तुलना में कुत्तों के शरीर में पसीने की ग्रंथियाँ सीमित होती है. जिससे वे अधिक गर्मी सहन नहीं कर पाते। अगर उनकी सही देखभाल न की जाए, तो वे हीट स्ट्रेस और हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों का शिकार हो सकते हैं।
गर्मियों में होने वाली मुख्य समस्याएँः
- हीट स्ट्रोकः जब शरीर का तापमान 40°C से अधिक हो जाता है, तो यह जानलेवा हो सकता है।
- डिहाइडशनः पर्याप्त पानी न मिलने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है।
- त्वचा संबंधी समस्याएंः गर्म और नमी वाले वातावरण में फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण बढ़ जाते है।
- पंजों का जलनाः गर्मी के कारण कंक्रीट और टाइल्स बहुत गर्म हो जाते हैं, जिससे कुत्तों के पंजे जल सकते हैं।
गर्मी में कुत्तों की देखभाल के प्रमुख उपाय
- पानी और हाइड्रेशन पर विशेष ध्यान दें
- कुत्ते के लिए हमेशा ताजे और ठंडे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- यदि संभव हो तो दिन में एक या दो बार पानी में इलेक्ट्रोलाइट मिलाकर दें।
- बर्फ के टुकड़े या ठंडे पानी से हल्का स्नान कराएँ ताकि शरीर की गर्मी कम हो सके।
- कुत्तों को तरबूज, खीरा और दही जैसी हाइड्रेटिंग चीजें खाने को दें।
उचित आहार का चयन करें
- गर्मियों में हल्का और सुपाच्य आहार दें।
- प्रोसेस्ड और फैटी फूड कम मात्रा में दें, क्योंकि यह पाचन में अधिक समय लेता है।
- ताजा और घर का बना भोजन, जैसे उबले हुए चिकन, चावल, दही और सब्जियों अधिक उपयुक्त होते हैं।
- सूखा भोजन (ड्राई फूड) कम मात्रा में दें और साथ में पर्याप्त पानी भी उपलब्ध कराएँ।
आवास और पर्यावरण का ध्यान रखें
- कुत्ते को छायादार और हवादार स्थान पर रखें।
- यदि कुत्ता घर के बाहर रहता है, तो उसकी केनल को ठंडी जगह पर रखें और उसके ऊपर छाया की व्यवस्था करें।
- कमरे में कूलर या पंखा उपलब्ध कराएँ, लेकिन एसी का अत्यधिक उपयोग न करें, क्योंकि इससे तापमान में अचानक परिवर्तन हो सकता है।
- गर्म फर्श पर चलने से बचाने के लिए घर के अंदर नमीयुक्त कपड़ा या गीली चटाई बिछाएँ।
व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ
- अत्यधिक गर्मी में व्यायाम से बचें।
- सुबह जल्दी या शाम को सूर्यास्त के बाद ही टहलाने ले जाएँ।
- धूप में अधिक देर तक रहने से पंजे जल सकते हैं, इसलिए टहलाने से पहले हाथ से जमीन का तापमान चेक करें।
- कुत्ते को पानी में खेलने या तैरने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे उनका शरीर ठंडा रहेगा।
गर्मियों में कुत्तों की त्वचा और बालों की देखभाल
नियमित ग्रूमिंग करें
- गर्मी में कुत्ते के बालों को हल्का ट्रिम करें, लेकिन पूरी तरह शेव न करें, क्योंकि बाल उनकी त्वचा को धूप से बचाने में मदद करते हैं।
- कुत्ते के शरीर को नियमित रूप से गीले तौलिए से साफ करें।
- हफ्ते में 1-2 बार ठंडे पानी से नहलाएँ, लेकिन बहुत ज्यादा शैम्पू का उपयोग न करें।
त्वचा संक्रमण और परजीवियों से बचाव
- गर्मी में नमी और पसीने के कारण बैक्टीरिया और फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
- कुत्ते के शरीर में पिस्सू, टिक्स और कीड़ों की जाँच करें और आवश्यक दवाओं का प्रयोग करें।
- त्वचा में खुजली या जलन होने पर तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें।
हीट स्ट्रोक से बचाव और उपचार
हीट स्ट्रोक के लक्षण पहचानें
- अत्यधिक हाँफना और लार टपकना
- तेज दिल की धड़कन और कमजोरी
- उल्टी और दस्त
- बेहोशी या भ्रम की स्थिति
प्राथमिक उपचार
- कुत्ते को तुरंत छायादार और ठंडी जगह पर ले जाएँ।
- गीले तौलिए से शरीर को ढककर ठंडा करने की कोशिश करें।
- ठंडे पानी से पंजे और सिर गीला करें, लेकिन बर्फ का उपयोग न करें।
- पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
गर्मी में सफर के दौरान कुत्तों की देखभाल
- कुत्ते को कभी भी गाड़ी में अकेला न छोड़ें, क्योंकि इससे हीट स्ट्रोक हो सकता है।
- यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी और ठंडी जगह की व्यवस्था करें।
- एयर कंडीशनर चालू रखें, लेकिन सीधा ठंडा हवा न लगने दें।
गर्मियों में पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता होती है। सही आहार, पानी, ठंडी जगह, त्वचा की देखभाल और गर्मी से बचाव के उपाय अपनाकर हम उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं। उनकी जरूरतों को समझकर और मौसम के अनुसार उचित बदलाव करके हम उनके जीवन को आरामदायक बना सकते हैं।
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