एग्रीकल्चर मशीन (Agriculture Machinery)

एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने लॉन्च किया आधुनिक ‘PRO588i-G’ हार्वेस्टर, अब कटाई होगी आसान

18 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने लॉन्च किया आधुनिक ‘PRO588i-G’ हार्वेस्टर, अब कटाई होगी आसान – भारत के प्रमुख कृषि मशीनरी निर्माता एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने पंजाब और हरियाणा में एक नया और अत्याधुनिक कंबाइन हार्वेस्टर ‘PRO588i-G’ लॉन्च किया है। इस मशीन को विशेष रूप से किसानों की पारंपरिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जापान की एडवांस्ड तकनीक से तैयार किया गया है। यह हार्वेस्टर फसल की कटाई को न सिर्फ आसान बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने और किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।

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कटाई में पूरी भूसे की बचत, पराली जलाने का विकल्प

‘PRO588i-G’ हार्वेस्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फसल की कटाई के दौरान डंठल को जड़ के पास से काटता है। इससे पूरा भूसा (लंबा स्टॉ) सुरक्षित रहता है, जिसे किसान पशुओं के चारे के रूप में या बायोमास प्लांट्स में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पराली जलाने के मुकाबले एक बेहतर और टिकाऊ विकल्प है, जिससे उत्तर भारत में हर साल बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, इससे किसान अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं।

बासमती चावल की बनी रहेगीगुणवत्ता 

इस हार्वेस्टर में विशेष रूप से तैयार की गई जापानी थ्रेशिंग मैकेनिज्म लगाई गई है, जो बासमती चावल के लंबे और नाजुक दानों को टूटने से बचाती है। पारंपरिक हार्वेस्टरों में यह एक आम समस्या रही है कि कटाई के दौरान दाने टूट जाते हैं, जिससे बाजार में चावल की कीमत घट जाती है। लेकिन ‘PRO588i-G’ की नई तकनीक से दानों की गुणवत्ता बनी रहती है, जिससे न केवल बाजार मूल्य बढ़ता है, बल्कि निर्यात क्षमता में भी इज़ाफा होता है।

हल्का वजन, खेत की सेहत को नुकसान नहीं

‘PRO588i-G’ का वजन केवल 2700 किलोग्राम है, जबकि सामान्य कंबाइन हार्वेस्टर का वजन करीब 9000 किलोग्राम होता है। इसका मतलब यह है कि यह मशीन खेत की मिट्टी पर बहुत कम दबाव डालती है। मिट्टी का दबाव कम होने से अगली फसल के लिए जुताई और भूमि की तैयारी में मेहनत और लागत दोनों कम हो जाते हैं। इससे खेती ज्यादा टिकाऊ और मुनाफेदार बनती है।

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गीली जमीन पर भी काम करता है ये हार्वेस्टर

यह नया हार्वेस्टर एक क्रॉलर सिस्टम (रेंगने वाले पहियों) से लैस है, जिससे यह गीली जमीन पर भी आसानी से चल सकता है। खासकर धान की कटाई के समय, जब खेतों में नमी अधिक होती है, वहां यह मशीन बिना फंसे बेहतर प्रदर्शन करती है। इसकी एर्गोनॉमिक डिजाइन किसानों को लंबे समय तक काम करने में मदद करती है और थकान को भी कम करती है।

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कंपनी नेतृत्व का बयान

एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर निखिल नंदा ने इस मौके पर कहा, “हमारी यह नई मशीन न केवल किसानों के लिए मुनाफे का जरिया बनेगी बल्कि उत्तर भारत में प्रदूषण की समस्या को भी कम करने में मदद करेगी।”

वहीं कंपनी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर अकीरा काटो ने कहा, “यह तकनीक भारतीय खेती को नई दिशा देगी। इससे उत्पादन बढ़ेगा, लागत घटेगी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।”

खेती में नई क्रांति की शुरुआत

‘PRO588i-G’ हार्वेस्टर को एस्कॉर्ट्स कुबोटा ने भारतीय परिस्थितियों के अनुसार डिजाइन किया है। यह मशीन खेती को आधुनिक, पर्यावरण-संवेदनशील और आर्थिक रूप से फायदेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में जहां धान की खेती प्रमुख है, वहां यह मशीन किसानों को कटाई में सुविधा और लाभ देने के साथ-साथ पराली जलाने की समस्या का भी प्रभावी समाधान पेश करती है।

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