राज्य सरकार योजनाओं के लिए और अपने स्वयं के प्रयासों और इस जिले की कड़ी मेहनत के किसानों के साथ लाभ उठाते हुए इस जिले को कृषि के क्षेत्र में एक अनूठी पहचान दी है। अब इस जिले के कई किसानों को उनकी परंपरागत खेती के साथ-साथ वन औषधीय पौधों की खेती के लिए ब्याज ले रहे हैं।
इस जिले के 20 गांवों के लगभग 300 किसानों को जमीन के 60 एकड़ क्षेत्र में वन ‘तुलसी’ की खेती शुरू कर दिया है। सिंहनिवास ,अमरपुर, गोपालपुर, मुधेरी आदि इस जिले की तरह गांवों के कई किसानों को अब अपने परंपरागत फसलों के साथ-साथ ‘वान तुलसी’ खेती करने के लिए रुचि रखते हैं। इन किसानों ने राज्य सरकार के बागवानी विभाग की ओर से ‘वान तुलसी’ के बीज के किट हो रही है। एक प्रायोगिक आधार पर शुरू की, पहले साल में, किसानों के वान तुलसी ‘की लगभग 12 क्विंटल का उत्पादन किया।
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