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जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ‘सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन’ से सम्मानित

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जबलपुर। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने भारत में सोयाबीन के स्वर्णिम विकास एवं उल्लेखनीय वृद्धि में विशेष योगदान दिया है। इसी तारतम्य में गोविन्द वल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में संपन्न 47वीं अखिल भारतीय समन्वित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना की वार्षिक समूह समिति की बैठक में सोयाबीन अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान एवं वृहद प्रजातियों के विकास के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को ”सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान  डॉ. ए.एन. श्रीवास्तव को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेशक (तिलहन एवं दलहन) डॉ. एस.के. चतुर्वेदी एवं भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. व्ही.एस. भाटिया की उपस्थिति में दिया गया।
इस अवसर पर दूसरी बड़ी उपलब्धि यह रही कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्म जे.एस. 20-98 को मध्य क्षेत्र (मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान) के लिए समिति द्वारा चिन्हित किया गया। इस प्रजाति का विकास डॉ. ए.एन. श्रीवास्तव के नेतृत्व में उनके सह वैज्ञानिक डॉ. स्तुति मिश्रा, डॉ. आर.के. वर्मा एवं श्री दिनेश के. पंचेश्वर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. डी.के. मिश्र के विशेष प्रयास से सम्पन्न हुआ। इस विशेष उपलब्धियों में कुलपति प्रो. विजय सिंह तोमर, पूर्व संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. एस.एस. तोमर व डॉ. एस.के राव एवं वर्तमान संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. धीरेन्द्र खरे का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

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