Uncategorized

कृषि में युवा वैज्ञानिकों की अहम भूमिका : प्रो. तोमर

Share

ग्वालियर। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये पूर्व कुलपति प्रो. व्ही.एस. तोमर ने कहा कि पौध प्रजनन और कृषि प्रबंधन में उत्कृष्ट अनुसंधान का लाभ कृषि विकास में मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं ने देश के कृषि क्षेत्र के समक्ष जो चुनौतियाँ खड़ी की हैं, उनका निराकरण कर देश को कृषि क्षेत्र में विश्व अग्रणी बनाने में हमारे युवा कृषि वैज्ञानिक पूर्णत: सक्षम हैं।
समापन सत्र में प्रो. जावेद अहमद ने आयोजन की सफलता के विषय में बताते हुये कहा कि प्रस्तुत शोध पत्रों और पोस्टर का स्तर तथा संगोष्ठी में विद्यार्थियों की सहभागिता अच्छे भविष्य का संकेत देती है।
पादप प्रजनन एवं आण्विक जीवविज्ञान विषय पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. नागेन्द्र कुमार सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनआरसीवी, नई दिल्ली द्वारा की गई। इसमे एक की नोट एड्रेस डॉ.ए.के.सिंह, विभागाध्यक्ष, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, द्वारा दिया गया, जिसमें परिवर्तनशील जलवायु हेतु प्रमुख धान की किस्मों के बारे में नवीनतम अनुसंधानों की जानकारी दी गई। सीमिट संस्थान, नई दिल्ली के डॉ. ए.के. जोशी एवं डॉ. सांई प्रसाद द्वारा गेहंू की विभिन्न वातावरणीय चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में पादप प्रजनन की आवश्यकताओं के बारे में बताया गया।
दूसरा सत्र जैव प्रोद्योगिकी विषय पर केंद्रित था। जिसकी अध्यक्षता रा.वि.सिं. कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति प्रो. एस के राव एवं भा.कृ.अ.प. के पादप अनुवांशिकी के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. सिंह ने संयुक्त रूप से की।
तीसरे कृषि विज्ञान से संबंधित सत्र की अध्यक्षता प्रो. अनिल कुमार सिंह पूर्व कुलपति, रा.वि.सिं. कृषि विश्वविद्यालय तथा सचिव नास, नई दिल्ली ने की। इस सत्र में प्रमुख व्याख्यान में कुलपति प्रो. एस. के. राव ने विभिन्न फसलों के उत्थान में जैव विविधता का संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु नवीनतम तकनीकी के बारे में बताया।
चौथा एवं पॉचवा संयुक्त सत्र फसल विज्ञान एवं फसल संरक्षण विषय पर आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता पूर्व कुलपति डॉ. ए. एस. तिवारी ने की। जिसमें प्रमुख व्याख्यान प्रो. वी. एस. तोमर पूर्व कुलपति द्वारा परिवर्तनशील वातावरणीय भूमि एवं जल प्रबंधन विषय पर दिया गया। संगोष्ठी का संचालन डॉ. वाय.डी.मिश्रा ने किया एवं अंत में आभार आयोजन सचिव डॉ. आर.एस. तोमर ने जताया। संगोष्ठी में देश भर से आये 300 कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों ने भाग लिया।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *