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समन्वित फसल पद्धति से आय बढ़ायें : डॉ. भदौरिया

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उज्जैन। कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने हेतु विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केन्द्र उपस्थित हुए। कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ. यूपीएस भदौरिया, संयुक्त संचालक विस्तार सेवायें राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर, मुख्य अतिथि क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केन्द्र आईएआरआई डॉ. एस.व्ही. सांईप्रसाद, कृषि महाविद्यालय इन्दौर के अधिष्ठाता डॉ. अशोक कृष्णा, संयुक्त संचालक उज्जैन श्री डी.के. पाण्डे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
डॉ. भदौरिया संयुक्त संचालक विस्तार सेवाएं, रा.वि.सि. कृ.वि.वि ग्वालियर द्वारा जिले के कलस्टर अनुसार मृदा का फर्टिलिटी मेप बनाने हेतु सुझाव दिया। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रमुख डॉ. आर.पी. शर्मा द्वारा कृषि में लागत कम करके आय अधिक बढ़ाने की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया।
डॉ. अशोक कृष्णा ने मृदा परीक्षण आधारित खाद एवं उर्वरकों को बढ़ावा देने हेतु वैज्ञानिकों एवं प्रसार कार्यकर्ताओं से आव्हान किया।
डॉ. साईंप्रसाद द्वारा गेहूं की नवीन प्रजातियों पर अधिक प्रदर्शन डालने बीज ग्राम योजना को बीज प्रमाणीकरण एवं कृषि विज्ञान के्द्र के वैज्ञानिकों के समन्वय से चलाने पर प्रकाश डाला। श्री डी.के. पाण्डे संयुक्त संचालक द्वारा फसल के विविधिकरण को बढ़ाने का सुझाव दिया। उपसंचालक पशुपालन डॉ. एच.आर. त्रिवेदी ने उन्नत कृत्रिम गर्भाधान एवं विदेशों से आयातित सीमन का उपयोग के प्रचार हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा की।
कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. डी.एस. तोमर द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के श्री महेश कुमार श्रीवास्तव, श्री डी.के. सूर्यवंशी, डॉ. एस.के. कौशिक, डॉ. रेखा तिवारी, श्री एच.आर. जावट, इंजी. एल.के. जैन, श्रीमती गजाला खान, श्री राजेन्द्र गवली तथा श्री अजय कुमार गुप्ता तथा प्रगतिशील कृषक श्री निहाल सिंह भी उपस्थित थे।

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