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मोटे अनाजों की उपज बढ़ाने बनेगा कदन्न मिशन

800 करोड़ खर्च होंगे

(विशेष प्रतिनिधि)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कदन्न वर्ष में केन्द्र सरकार ज्वार, रागी, बाजरा, कंगणी समेत पौष्टिक रूप से समृद्ध अनाज को बढ़ावा देने के लिए एक मिशन मोड अपनाने का प्रस्ताव रखने जा रही है। कृषि मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में अगले 2 वर्षों में 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आने वाले केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत कदन्न मिशन की रूपरेखा पर घोषणा कर सकते हैं।
प्रस्तावित कदन्न मिशन देश के कदन्न उत्पादक 16 राज्यों में संचालित होगा। किसानों को तकनीकी जानकारी के साथ यह मिशन प्रोसेसिंग, संग्रहीकरण, मूल्य संवर्धन और बाजारों से जोडऩे में भी मदद करेगा। इसके अतिरिक्त मोटा अनाज उपजाने वाले राज्यों में बीज केन्द्र की योजना भी है और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद के भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान में अति आधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना भी की जा रही है। भारत में मोटे अनाजों की 6 से अधिक प्रजातियां लगाई जाती हैं और 2 करोड़ टन से अधिक का उत्पादन होता है जो कुल खाद्यान्न उत्पादन का 7 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि भारत में साढ़े सत्ताइस करोड़ टन कुल खाद्यान्न का प्रति वर्ष उत्पादन होता है। देश में बाजरा 90 लाख टन, ज्वार 60 लाख टन, रागी लगभग 20 लाख टन और अ्रन्य कदन्न में कंगणी, कोदो का लगभग 20 लाख टन उत्पादन होता है। गत सप्ताह बेंगलुरू में जैविक एवं कदन्न अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भी कृषि सचिव श्री एस.के. पटनायक ने कहा कि नीति आयोग ने भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में मोटे अनाजों को शामिल करने की सिफारिश की है। श्री पटनायक ने यह भी कहा कि कदन्न को स्कूलों की मध्यान्ह भोजन योजना, आंगनबाड़ी योजना में शामिल किया जा सकता है, जिससे कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी।

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भारत में कदन्न उत्पादन
बाजरा
90 लाख टन
ज्वार
60 लाख टन
रागी
20 लाख टन

 

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