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रेज्डबेड बुआई से कम पानी में सोयाबीन का बेहतर उत्पादन संभव

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शाजापुर। प्रकृति की बेरूखी को देख शाजापुर के किसानों ने समय के साथ खुद को बदला और विपरीत मौसम में भी बेहतर उत्पादन करने का कमाल कर दिखाया है। इस साल रेज्ड बेड पद्धति से फसल बुआई करने वाले किसानों का आंकड़ा हजारों में पहुंच गया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जी.आर. अम्बावतिया ने बताया कि इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्र शाजापुर द्वारा रेज्डबेड बुआई की मशीन खरीदने वाले 70 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है एवं जिले में रेज्डबेड मशीनों की संख्या 200 से अधिक हो गई है। इस कारण के तीन हजार हेक्टेयर में किसानों ने इस बार इसी तरीके से बुआई की।
केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ एस.एस. धाकड़ ने बताया कि इस बार कृषि विज्ञान केन्द्र ने गोपीपुर गांव के कृषक जितेन्द पाटीदार, गोवर्धन पाटीदार, जयप्रकाश पाटीदार, डेकडी गांव के कृषक श्री प्रेम सिंह सोन्ती, हिन्दु सिंह सोन्ती एवं मंडलखॉ गांव के श्री शरद भंडावद सहित 10 कृषकों के खेतों पर रेज्डबेड पद्धति पर प्रक्षेत्र परीक्षण आयोजित किये एवं अल्प वर्षा की स्थिति में भी सोयाबीन की फसल अच्छी स्थिति में है। कृषि विज्ञान केन्द्र, शाजापुर के प्रक्षेत्र परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि रेज्डबेड पद्धति से 2015 एवं 2016 में अधिक वर्षा की स्थिति में भी सोयाबीन का उत्पादन 50 प्रतिशत से अधिक हुआ था एवं अल्पवर्षा की स्थिति में वर्ष 2014 में भी सोयाबीन का उत्पादन 33 प्रतिशत से अधिक पाया गया था।

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