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एफसीआई सायलो से बढ़ाएगा भंडारण क्षमता

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नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गेहूं और चावल के लिए अपनी पारंपरिक भंडारण क्षमता को साइलो स्टोरेज के जरिए 20 लाख टन और बढ़ाएगा। अगले तीन-चार साल में इनके निर्माण पर 2000 करोड़ रुपए निवेश करने की जरूरत होगी। इनका निर्माण जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत किया जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने गत दिनों यह जानकारी दी। उन्होंने बताया साइलो स्टोरेज स्टील ढांचा होता है। इसमें चार बेलनाकार बड़े टैंक होते हैं। हर टैंक की क्षमता 12500 टन होती है। इनमें बिना बोरी के अनाज लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इनका निर्माण निजी भागीदार द्वारा किया जाएगा। इसके लिए फाइनेंस और इन्हें ऑपरेट करने का काम भी वही देखेगा, जबकि इन पर स्वामित्व एफसीआई का होगा। निगम इन पर 30 साल के लिए किराये की गारंटी मुहैया कराएगा।
साइलो के फायदे- एक अत्याधुनिक साइलो में रेलवे साइडिंग के जरिये बड़ी मात्रा में अनाज की लोडिंग/अनलोडिंग की जा सकती है। इससे भंडारण और परिवहन के दौरान होने वाले अनाज के नुकसान में काफी कमी आती है।
इन जगहों पर बनेंगे – एफसीआई ने देश में विभिन्न जगहों पर ऐसे 11 साइलो बनाने के बारे में अध्ययन किया है। इनमें से पांच के लिए जल्द आवेदन मंगाए जाएंगे। इनमें शामिल हैं । साहनेवाल, कोटकपूरा (पंजाब), नरेला (दिल्ली), कटिहार (बिहार), और चांगसारी (असम) शामिल हैं। साइलो कॉम्प्लेक्स के साथ रेलवे को जोडऩा जरूरी होगा। देश के पास इस समय 710 लाख टन भंडारण क्षमता है। इसमें 330 लाख टन क्षमता एफसीआई के पास और शेष राज्य की एजेंसियों और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (सीडब्ल्यूसी) के पास है।

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