– हंसराम बघेल, रीवा
समाधान – गुलाब पर भी अन्य फसलों की तरह गेरूआ रोग आता है जो एक प्रकार की फफूंद ‘फ्रेगमीडियम मुक्रनेटस’ के कारण आती है अधिक आद्र्रता भरपूर ठंडक से यह रोग बढ़ जाता है। निम्न लक्षण से पहचाने-
1. पत्तियों पर निचली सतह पर नारंगी भूरे रंग के स्पॉट दिखते हैं।
2. छूने पर रोरी ऊंगली पर उभर आती है अन्य साधारण पत्तियों के धब्बों में ‘रोरी’ नहीं लगती है।
3. पत्तियों की ऊपरी त्वचा फट जाती है तथा पौधों को श्वसन तथा पोषक तत्वों के संचार में बाधा पड़ती है।
4. प्रभावित पौधों में अधखिले फूल खिलते हैं।
5. नियंत्रण के लिये घुलनशील गंधक 2 ग्राम/लीटर पानी में घोल बनाकर दो छिड़काव 15 दिनों के अंतर से करें।
6. अथवा डायथेन एम 45 की 2 ग्राम मात्रा/लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
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