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भोपाल जिले में मिट्टी की रसायनिक गुणवत्ता का अध्ययन

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मैपकॉस्ट ने इसरो के साथ पहली बार किया प्रयोग

भोपाल। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट), भोपाल ने भारतीय अनुसंधान संगठन ‘इसरो’ के अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र ‘सेक’ के साथ मिलकर भोपाल जिले में फसलों एवं मिट्टी में विद्यमान रसायनों की गुणवत्ता का वैज्ञानिक अध्ययन किया है। यह अध्ययन जिस सेंसर के द्वारा किया गया है, उसका नाम एयर बॉर्न विजिबल/इन्फ्रॉरेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर-न्यू जनरेशन है। इसे संक्षेप में ‘एविरिस-एनर्जी’ कहते हैं।
‘एविरिस-एनर्जी’ विज्ञान प्रोजेक्ट, इसरो-नासा अंतरिक्ष एजेंसियों के अनुसंधान कार्यक्रम का हिस्सा है। इस अध्ययन के तहत गत दिनों भोपाल जिले में फसलों एवं मिट्टी की रसायनिक गुणवत्ता का वैज्ञानिक अध्ययन करने के उद्देश्य से वायुयान द्वारा (ऑप्टिकल वेवलैंथ :400-2500 एनएम) चित्र लिये गये हैं।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मैपकॉस्ट) भोपाल के मृदा एवं कृषि डिवीजन के प्रमुख तथा वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जी. डी. बैरागी ने बताया कि मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जिससे मृदा एवं कृषि की रसायनिक विशिष्टताओं के अध्ययन के लिये उपयोगी इलेक्ट्रो मेग्नेटिक स्पेक्ट्रम को जाना जा सकेगा।
इस अध्ययन के आधार पर इसरो भविष्य में उपयुक्त ऑप्टिकल वेवलैंथ का उपग्रह अथवा सैटेलाइट प्रक्षेपित कर सकेगा। इससे ग्राम स्तर पर मिट्टी एवं फसलों की गुणवत्ता का पता लगाने में मदद मिलेगी। भविष्य में फसलों में जैविक एवं अजैविक प्रभावों के सूक्ष्म अध्ययन में भी यह अनुसंधान मददगार होगा।

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