Reliance Foundation (रिलायंस फाउंडेशन)

रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह 16 -22 मार्च 2020

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  • फसलों की कटाई के बाद नरवाई (यानी फसल के ठंूठ या अवशेष) खेत में न जलायें बल्कि खेत में जीवांश बढ़ायें। फसल अवशेषों में आग लगाने से भूमि में जीवांश की कमी होती है। साथ ही खेत में उपलब्ध लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु एवं मित्र कीट नष्ट होते हैं, जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति में कमी आती है, और प्रकृति तथा पर्यावरण में प्रदूषण भी बढ़ता है।
  • गेंहू की कटाई के बाद फसल के ठूंठ या अवशेष का ट्रैक्टर चालित भूसा बनाने वाली मशीन से भूसा बना सकते है एवं खेत में ट्रैक्टर चालित रोटावेटर से जुताई करने से फसल अवशेष बारीक हो कर मिट्टी में मिल जाते है, जिससे फसल अवशेष खेत में सड़कर खाद का काम करेगी।
  • अप्रैल में ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई तीन साल में एक बार जरूर करें। गहरी जुताई करने से मृदा में हवा का आवागमन तथा मिट्टी में जल धारण क्षमता बढ़ती है एवं हानिकारक कीट, फफूंद एवं खरपतवार नष्ट होते हैं।
  • खेत का पानी खेत में व गाँव का पानी गाँव में के तहत खेत की मेड़ बंदी करें एवं गाँव के आसपास के नालों में जगह-जगह बोरी बंधान कर जल संरक्षण का कार्य करें।
  • रबी फसलों की गहाई के बाद विशेषकर चना, मसूर एवं गेंहू को तरपोलीन या प्लास्टिक की चादरों पर फैलाकर, तेज धूप में 2 से 3 दिन तक अच्छी तरह सुखा लें, ताकि दानों में नमी की मात्रा 12 प्रतिशत से कम हो जाए। दानों को दांत से दबाने पर कट की आवाज आये तब भंडारण करें।
  • भंडारण से पहले बीज में मिले हुये डंठल, मिट्टी, पत्तियां तथा खरपतवार के बीजों को भली-भांति साफ कर लें एवं तेज धूप में 2-3 दिन तक सुखा कर 8 से 10 प्रतिशत नमी होने पर भंडारण करें।
  • गर्मी की मूंग फसल में सफेद मक्खी एवं रसचूसक कीटों के प्रकोप की संभावना है, इनके द्वारा पीला मोजेक वाइरस फैलता है। नियंत्रण के लिए इथोफेनप्रॉक्स 10 ईसी एक लीटर दवा (25 से 30 मिली प्रति पम्प) 500 लीटर पानी के साथ मिला कर प्रति हेक्टर छिड़काव करें।

उद्यानिकी

  • भिंडी में रसचूसक सफ़ेद-मक्खी, जेसिड आदि के नियंत्रण के लिए डायमिथिएट 30 ईसी की 1 से 1.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।
  • कद्दूवर्गीय एवं सब्जी फसलों में लाल भृंग कीट के प्रकोप की सम्भावना है। कीट अंकुरित एवं नई पत्तियों को खाकर छलनी कर देता है। इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर ऐसीफेट 75 एस.पी. आधा ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

पशुपालन

  • पशुओं को तेज धूप से बचायेे एवं इस समय पशुओं को हवादार स्थान पर बांधें व दिन में तीन बार स्वच्छ ताजा पानी पिलायें। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु साफ दाना व हरे एवं शुष्क चारे के मिश्रण के साथ खिलायें।
    अधिक जानकारी के लिए सुबह 9:30 से शाम 7:30 के मध्य टोल फ्री नं 18004198800 पर संपर्क करें।

कृषि, पशुपालन, मौसम, स्वास्थ, शिक्षा आदि की जानकारी के लिए जियो चैट डाउनलोड करें-डाउनलोड करने की प्रक्रिया:-

  • गूगल प्ले स्टोर से जियो चैट एप का चयन करें और इंस्टॉल बटन दबाएं।
  • जियो चैट को इंस्टॉल करने के बाद, ओपन बटन दबाएं।
  • उसके बाद चैनल बटन पर क्लिक करें और चैनल Information Services MP का चयन करें।
  • या आप नीचे के QR Code को स्कैन कर, सीधे Information Services MP चैनल का चयन कर सकते हैं।

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टोल फ्री नं.18004198800 पर
संपर्क करें सुबह 9.30 से शाम 7.30 बजे तक
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