पराली जलाने पर योगी सरकार सख्त, यूपी में पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से की जा रही निगरानी
10 अक्टूबर 2025, भोपाल: पराली जलाने पर योगी सरकार सख्त, यूपी में पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से की जा रही निगरानी – पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए विशेष व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने बताया है कि प्रदेश में पराली व फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है, इसलिए अब इस पर कोई ढील नहीं मिलेगी। सरकार ने सेटेलाइट तकनीक की मदद से पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही, उन्होंने जिला अधिकारियों को इस संवेदनशील मद्दे पर फोकस रखने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए है।
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी खुद फील्ड में जाकर देखें और किसानों को पराली प्रबंधन के दूसरे तरीके बताएं। सरकार चाहती है कि किसानों को सिर्फ सजा न मिले, बल्कि उन्हें सही समाधान भी मिले ताकि वे पराली न जलाएं और दूसरे विकल्प अपनाएं।
डिजिटल क्रॉप सर्वे में भी तेजी
पराली नियंत्रण के साथ-साथ सरकार ने डिजिटल क्रॉप सर्वे को भी तेज कर दिया है। मुख्य सचिव के मुताबिक, इससे सरकार को वास्तविक फसल की स्थिति का पता चलेगा और नीतियां ज्यादा सही बनेंगी। आंकड़ों के अनुसार, अभी राज्य के 90,153 गांवों में से 87,203 गांवों में सर्वे शुरू हो चुका है, जबकि करीब 20,257 गांवों में सर्वे पूरा भी हो गया है।
डिजिटल सर्वे में मीरजापुर सबसे आगे है। यहां 100% काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा एटा (97.72%), लखनऊ (97.57%), बाराबंकी (97.36%), कन्नौज (97.23%), खीरी (96.29%), औरैया (96.17%), बरेली (95.87%) और बिजनौर (95.85%) जैसे जनपद भी शीर्ष 10 में शामिल हैं। मुख्य सचिव ने साफ चेतावनी दी है, अगर सर्वे में किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी पाई गई, तो जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
पराली जलाने की आशंका वाले जिलों में प्रशासन को खास सतर्क रहने के लिए कहा गया है। गांव-गांव जाकर किसानों को बताया जा रहा है कि पराली जलाने से क्या नुकसान होते हैं और क्या-क्या विकल्प हैं। कृषि, राजस्व और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल की बात भी कही गई है ताकि नियम सही तरीके से लागू हों।
कुल मिलाकर योगी सरकार का यह रुख दिखाता है कि उनके एजेंडे में पर्यावरण सुरक्षा और किसानों की भलाई दोनों ही सबसे ऊपर हैं। नई तकनीक से निगरानी और फटाफट कार्रवाई के जरिए सरकार पराली जलाने पर रोक लगाने और किसानों को बेहतर विकल्प देने की कोशिश कर रही है।
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