राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन की फसल बचाने के लिए बारिश में क्या करें? जानिए कृषि विभाग की सलाह

20 अगस्त 2024, विदिशा: सोयाबीन की फसल बचाने के लिए बारिश में क्या करें? जानिए कृषि विभाग की सलाह – मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री केएस खपेड़िया द्वारा जिले के ऐसे कृषक बंधु जो सोयाबीन की खेती कर रहे हैं उन्हें उपयोगी सलाह दी गई है। उन्होंने कृषक बंधुओं को सलाह देते हुए बताया है कि ई क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा होने की सूचनायें प्राप्त हुई हैं, जलभराव से होने वाले नुकसान से सोयाबीन फसल को बचाने हेतु अतिरिक्त जल- निकासी सुनिश्चित करें।

लगातार बारिश होने वाले क्षेत्रों में एन्थ्रा क्रोज रोग की सम्भाकवना अधिक होती है अतः इसके प्रारंभिक लक्षण देखे जाने पर कृषकों को सलाह है कि इसके नियंत्रण हेतु शीघ्राति शीघ्र टेबूकोनाजोल 25.9 ई.सी.(625मिली, हे) या टेबूकोनाजोल 38.39 एस.सी.(625मिलीध्हे.) या टेबूकोनाजोल 10 प्रतिशत़सल्फघर 65 प्रतिशत डब्ल्यू जी (1.25किग्रा.ध्हे.) या कार्बेन्डाीजिम 12 प्रतिशत़मेन्कोाजेब 63 डब्लूसय.पी.(125 किग्रा ध्हे)से फसल पर छिडकाव करें।

कृषक भाई अपने खेतों की नियमित निगरानी करें एवं खेत में जाकर 3-4 स्थानों के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या खेत में किसी इल्ली, कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि है तो कीडों की अवस्था क्या है ? तदानुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।

चक्र भृंग के लक्षण दिखाई देने पर प्रारंभिक अवस्था  में ही इसके नियंत्रण हेतु थायक्लोधप्रिड 21.7 एस.सी.(750 मिलीध्हे.) या इमामेक्टिन बेन्जो एट(425 मिलीध्हे.) या आइसोसायक्लातसरम 9.2 प्रतिशत डब्ल्यूध्डब्ल्यू डीसी (600 मिलीध्हे) या कार्टाप हाइड्रो क्लोकराइड 04प्रतिशत़फिप्रोनिल सीजी प्रतिशत 00.50 (200 मिली ध्हे.) या एसिटोमीप्रीड 25 प्रतिशत़बायफेंथ्रिन 25 प्रतिशत डब्ल्यू जी (250 ग्रा. ध्हे.)या ट्रेटानिलिप्रोल 18.18 एस.सी.18.50 प्रतिशत एससी (150 मिलीध्हे.) का छिडकाव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था् में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोडकर नष्ट कर दें।

सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें

क्लोतरएन्ट्रावनिलिप्राल 18.5 एस.सी. (150 मि.लीध्हे.) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली.ध्हे.) या ब्रोफलानिलाइड 300 ग्रा.ध्ली एस.सी. (42-62 ग्रामध्हे) या फलूबेडियामाइड 20 डब्यूंत् जी (250-300 ग्रामध्हे) या फलूबेडियामाइड 39.35 एससी (150 मिली)या एसीटीमोप्रिड25 प्रतिशत़बायफेनथिरिन 25 प्रतिशत डब्ल्यू जी (250ग्रा0ध्हे0) या इन्डोहक्सासकार्ब 15.8 एससी (333 मिली ध्हे0) या लेम्डाीसाय हेलोथ्रिन 04.90 सीएस (300 मिलीध्हे.)या प्रोफेनो फास 50 ईसी (1लीध्हें.) या ट्रेटानिलीप्रोल 18.18 एससी (250-300 मिलीध्हे.) या पूर्व मिश्रित बीटा सायफलू थ्रिऩइमिडाक्लोेप्रिड  (350 मिलीध्हे. ) या नोवाल्यू-रॉन ़इंडोक्साडकार्ब 04.50 प्रतिशत एससी (825-875 मिलीध्हे.) या पूर्व मिश्रित थायमिथाक्सीम़ लेम्डाथसाय हेलोथ्रिन( 125मिली./ हे0) या क्लोरएन्ट्रािनिलिप्राल 09.30 प्रतिशत़ लेम्डा साय हेलोथ्रिन 04.60 प्रतिशत जेडसी (200 मिली हे0.) का छिडकाव करें।

पीला मोजेकध्सोयबीन मोजेक रोग के लक्षण दिखने पर प्रारंभिक अवस्था् में ही रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाडकर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फैलाने वाल वाहक सफेद मक्खी 2ध्एफिड की रोकथाम हेतु एसिटेसीप्रीड 25 प्रतिशत़बायफेंथ्रिन 25 प्रतिशत डब्ल्यू जी (24ग्रा0 ध्हे0) का छिडकाव करें इसके स्था2न पर पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोंमिथोक्सरम़लैम्डाडो सायहेलोथ्रिन (125 मिली/ हे0) या बीटासायफलुथ्रिऩ इमिडाक्लांप्रिड (350 मिली/ हे0) का भी छिडकाव किया जा सकता है इनके छिडकाव से तना मक्खी सी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु कृषक भाई अपने खेतों में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

सोयाबीन फसल पर पौध संरक्षण के लिए अनुशंसित रसायनों के छिडकाव में पर्याप्त्प पानी की मात्रा (नेप्सेसक स्प्रायेर या ट्रैक्टिर चलित स्प्रीयेर से 450लीटर,हे0 पॉवर स्प्रेयर से 125 लीटर, हे.न्यूननतम) का उपयोग करें।

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