State News (राज्य कृषि समाचार)

बालाघाट में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से बिक रहा धान बीज

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बालाघाट में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से बिक रहा धान बीज

जांच के नाम पर भारी वसूली कर रहा कृषि विभाग

02 जुलाई 2020, बालाघाट। बालाघाट में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से बिक रहा धान बीज वर्षा ऋतु के प्रारंभ होते ही किसानों ने खेती की ओर अपना रूख करके फसलों की बोनी की तैयारी कर रहे है। कृषक अच्छे से अच्छे और प्रमाणित बीजों के लिए कृषि केंद्रों पर जा रहे हैं। किन्तु जिले में देखा जा रहा है कि जगह-जगह कुकुरमुत्ते की तरह कृषि केंद्र भी दिखाई दे रहे हैं। जो बिना लाइसेंस के संचालित कर शासन को तो धोखा दे ही रहे हैं वहीं किसानों को भी इनके द्वारा ठगा जा रहा है।

कृषि विभाग के कथित सहयोग से आदिवासी क्षेत्र बिरसा, बैहर एवं परसवाड़ा के साथ-साथ पूरे बालाघाट जिले में तहसील मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाके तक गली-गली धान बीज की दुकानें बिना लाइसेंस के नियम के विरुद्ध खुल गई हैं। जहां किसानों को दिनदहाड़े चूना लगाया जा रहा है। कृषि केंद्रों के द्वारा ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोकल बीज का विक्रय किया जा रहा है। इन कंपनियों के पास मध्यप्रदेश में विक्रय करने की परमिशन भी नहीं है।

उसके बावजूद भी कृषि केंद्रों के द्वारा इन बीजों को सर्वोत्तम बीज बता कर बेचा जा रहा है वह भी बिना पक्के बिल के। जो कृषि विभाग के अधिकारियों का अनौपचारिक सहयोग बता रहा है। ज्यादा उत्पादन के चक्कर में किसान आज हाइब्रिड बीज पर निर्भर हो गया है जिससे किसानों के पास से देशी बीज समाप्त हो चुका है। और वह पूर्णता बीज के लिए कृषि केंद्रों पर निर्भर है। यदि ऐसे में गुणवत्ता हीन बीज कृषि केंद्रों के माध्यम से बिना पक्के बिल के विक्रय किया जाता है और किसी कारणवश बीज का अंकुरण नहीं होता तो इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी ? यह एक बहुत गंभीर विषय है किंतु कृषि विभाग और जिला प्रशासन गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। जिसके दुष्परिणाम यहां के किसानों ने पहले भी भुगत चुका है।

ज्यादा उत्पादन पाने के लिए सर्वोत्तम बीज की जरूरत होती है यदि ऐसे में चंद पैसों के लिए कृषि विभाग अमानक बीजों का विक्रय करवाता है तो इससे किसानों की 1 वर्ष की मेहनत बर्बाद हो जाती है और वह दाने-दाने के लिए मोहताज होकर गलत कदम उठाता है। जिसका परिणाम हमने पहले भी देखा है। वैसे तो कृषि विभाग के द्वारा संपूर्ण जिले के लिए जांच दल गठित की गई है। किंतु इसके बावजूद भी नियम के विरुद्ध कृषि केंद्रों का संचालन होना कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शा रहा है। यदि जिले के कृषि केंद्रों की जांच उच्च अधिकारियों से करा दी जाए तो यहां के तमाम अधिकारियों की पोल खुल जाएगी ।

कृषि विभाग के उपसंचालक श्री सी. आर. गौर ने कहा कि ऐसी शिकायत अभी हमारे पास किसी के द्वारा आई नहीं है यह जानकारी हमें आपके द्वारा संज्ञान में आई है नियम के विरुद्ध चल रहे कृषि केंद्र और हमारे विभाग का यदि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत इसमें पाई जाती है तो नियम के अनुसार उन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

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