उदयपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ, पशुपालन महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता पर जोर
13 नवंबर 2025, उदयपुर: उदयपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ, पशुपालन महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता पर जोर – राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद), केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में कृषि व पशुपालन उद्यमिता पर उदयपुर में आयोजित हो रही तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेन्स का कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने मंगलवार को शुभारंभ किया। कार्यशाला में देशभर से विषेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्यमी तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोग कृषि ,पशुधन और उद्यमिता से ग्रामीण आजीविका के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने को लेकर मंथन कर रहे हैं।
कार्यशाला में डॉ़ किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए केंद्र व राज्य सरकारं निरंतर प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ग्रामीण विकास एवं राजीविका विभाग की पूरी बागडोर महिला अधिकारियों को सौंप कर सकारात्मक संदेश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखपति दीदी कार्यक्रम के माध्यम से देशभर में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल की है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्पना महिला सशक्तीकरण से ही सार्थक होगी।
डॉ. मीणा ने कहा कहा कि राजीविका का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक उन्नति के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन करना है। राज्य में 50.69 लाख ग्रामीण परिवारों को 4.25 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31 हजार ग्राम संगठन एवं 1074 सीएलएफ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से जोडकर उन्हें वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से उनकी आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। आजीविका संवर्धन के अन्तर्गत लगभग 39.38 लाख परिवार कृषि एवं पशुपालन आधारित गतिविधियों से जुड़कर काम कर रहे हैं। राजीविका के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रू. 2099.95 करोड़ रूपये आजीविका संवर्धन हेतु एवं . 10342.96 करोड़ रूपये बैंक ऋण दिया गया है। महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग व बिक्री बढ़ाने के लिए जैम,ं अमेजन, फ्लिपकार्ट, ई-सरस का उपयोग किया जा रहा है।
डॉ. मीणा ने कहा कि 7037 महिला बिजनेस कॉरेस्पोडेंस द्वारा गाँवो में डोर स्टेप बैंकिंग सर्विस पहुंचायी जा रही हैं जिसमें खाते खोलना, रकम निकासी एवं जमा करना इत्यादि गतिविधियां शामिल हैं। विभिन्न जिला एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर 254 कैंटीन प्रारम्भ की गई हैं, जिनका संचालन राजीविका की महिलाओं द्वारा किया जा रहा हैं। उद्यम प्रोत्साहन के अन्तर्गत 54 हजार से अधिक महिला उद्यमों को स्थापित (सिलाई, ब्यूटी पार्लर, मसाला उधोग, हस्तशिल्प, किराना एवं लेडिज स्टोर इत्यादि) कर प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे महिलाओं की आजीविका में वृद्धि हुई। 18,346 कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से सोयाबीन व धनिया वैल्यचैन विकसित करने हेतु 17.39 करोड़ रूपये की लागत से हाड़ौती महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन करके बारां एवं कोटा जिले के 18345 परिवारों को लाभान्वित किया गया हैं। कृषि एवं पशुपालन एवं गैर-कृषि गतिविधियों को बढावा देने हेतु 3366 उत्पादक समूहों का गठन किया गया, जिसके माध्यम से 1.89 लाख परिवारों को कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों में जोड़ा गया हैं। स्वयं सहायता समूहों की बिक्री को बढाने हेतु जयपुर, चुरू, श्रीगंगानगर, उदयपुर, अजमेर, अलवर, डुगरपुर, राजसमन्द, जोधपुर एवं कोटा जिलों में रिटेल स्टोर प्रारम्भ किए गए हैं।
डॉ. मीणा ने कहा कि लखपति दीदी योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार अभी तक 796 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किया जा चुके हैं, इन लखपति मास्टर ट्रेनर द्वारा 19.45 लखपति सीआरपी को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है। वर्तमान में 11.02 लाख महिलाओं को लखपति दीदी का प्रशिक्षण दिया जा चुका हैं। राजस्थान महिला निधि के माध्यम से 39118 स्वयं सहायता समूहों की 125786 महिलाओं को राशि 555.77 करोड का ऋण उपलब्ध कराया गया। राजीविका अन्तर्गत ग्राम स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन के सभी कार्य समूह की महिलाओं द्वारा ही किये जाते हैं, इन महिलाओं को कम्युनिटी कैडर कहा जाता है। उन्होंने मिशन पंच रत्न, वनधन विकास योजनाओं और इनसे लाभान्वितों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
जनजाति क्षेत्र में एसएचजी आत्मनिर्भरता की राह में सहायक- डॉ. मीणा ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खेती योग्य भूमि की कमी है। पशुपालन भी विकसित नहीं है। ऐेसे में लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। स्वयं सहायता समूह की अवधारणा इस क्षेत्र के लिए वरदान है। उन्होंने सभी राजस्थान सहित देशभर से आए अधिकारियों का आह्वान किया कि जनजाति बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं।
उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा कि अन्त्योदय का भाव अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उत्थान है। लखपति दीदी कार्यक्रम का मूल मंत्र अन्त्योदय ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से महिला सशक्तीकरण के साथ आर्थिक उन्नयन को बढ़ावा दिया है। कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास, श्रेया गुहा, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा, राजीविका की राज्य मिषन निदेशक नेहा गिरि, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी, मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री तथा इंडियन बैंक के एमडी शिवबजरंगसिंह भी उपस्थित रहे।
पुस्तिका का विमोचन, पोर्टल लॉंच- कार्यक्रम में अतिथियों ने लखपति दीदी कार्यक्रम की सफलता की कहानियों पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया तथा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की सुविधा के लिए विकसित पोर्टल लॉंच किया।
एमओयू पर हस्ताक्षर- कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सुविधा के लिए इंडियन बैंक और राजीविका के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राजीविका की ओर से राज्य मिषन निदेशक श्रीमती नेहा गिरि तथा इंडियन बैंक की ओर से एमडी श्री शिवबजरंगसिंह ने हस्ताक्षर किए।
पहले दिन नवाचार और दिशा पर चर्चा-
शुभारंभ समारोह के बाद “पशुधन क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का रूपांतरण”, “प्रोड्यूसर कलेक्टिव से बिजनेस कलेक्टिव तक ग्रामीण उद्यमों का विस्तार’’ थीम पर प्रस्तुतीकरण हुआ।
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