राज्य कृषि समाचार (State News)

भुगतान होने की राह देख रहे प्रदेश के हजारों किसान 

मूंग खरीदी तो कर ली लेकिन भुगतान नहीं हो सका, सीएम भी दे चुके है सात दिनों में भुगतान करने का निर्देश

04 सितम्बर 2024, भोपाल: भुगतान होने की राह देख रहे प्रदेश के हजारों किसान – प्रदेश के ऐसे कई किसान है जो अभी भी मूंग खरीदी होने के बाद अपने भुगतान होने का इंतजार कर रहे है। बता दें कि सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की थी लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा है जबकि सूबे के सीएम डॉ. मोहन  यादव अफसरों को यह निर्देश दे चुके है कि सात दिनों में किसानों को भुगतान कर दिया जाए बावजूद  इसके किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है।

राजधानी के ही पड़ोसी जिले सीहोर की बात करें तो इस वर्ष समर्थन मूल्य पर मूंग का विक्रय करने के लिए 29448 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 27301 किसानों ने स्लॉट बुक कराए थे। इनमें से 26022 किसानों ने 7,17,340 क्विंटल मूंग समर्थन मूल्य पर बेचा भी। इस दौरान मूंग की खरीदी के लिए अंतिम तारीखों में भी वृद्धि की गई।

किसानों को लग रहा था कि सरकार किसानों के खातों में सात दिन के अंदर उपज का भुगतान भी कर देगी। लेकिन मूंग को बेंचे हुए अब एक माह का समय होने जा रहा है , लेकिन अभी तक उनके खातों में एक ढेला भी नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों को नई फसल के लिए इधर-उधर से पैसों की तो जुगाड़़ करनी ही पड़ रही है साथ ही उन्हें पैसों के आने के इंतजार में बैंकों के भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अहम बात यह है कि संबधित अफसर भी उन्हें यह नहीं बता रहे हैं कि आखिर उनके खातों में पैसा कब आएगा।  

गौरतलब है कि इस वर्ष प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत शासन द्वारा 24 जून से 31 जुलाई तक ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन मूंग उपार्जन का कार्य खरीदी का काम 15 दिन की देरी से शुरू हुआ। इसके चलते किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ा। खरीदी शुरू भी हुई और किसानों ने स्लॉट बुकिंग भी की, लेकिन गोदामों पर स्लॉट बुकिंग फुल होने से कई किसान अंतिम तिथि तक मूंग का विक्रय करने से वंचित रह गए। जिन किसानों ने मूंग का विक्रय किया इनमें से आधे किसानों के खातों में ही मूंग का भुगतान हो सका है। 

इस वर्ष एनसीसीएफ द्वारा मूंग की खरीदी की गई, जिसमें केंद्र सरकार का लक्ष्य सीहोर जिले में 4 लाख क्विंटल तय किया गया था। लेकिन किसानों के विरोध के बाद तिथि में संशोधन कर पांच दिन और खरीदी की गई, जिससे खरीदी का आंकड़ा 7 लाख क्विंटल को पार कर गया। केंद्र सरकार द्वारा तय लक्ष्य के अनुसार किसानों को 61.48 फीसदी यानी 613 करोड़ में से 377 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। अब भी 236 करोड़ का भुगतान किसानों को होना शेष है। ऐसे में किसान लगातार बैंकों में अपने खातों की जानकारी ले रहा है, लेकिन खातों में राशि न आने से वह मायूस दिखाई दे रहा है। किसानों को भुगतान कब तक प्राप्त होगा, इस बारे में अधिकारी भी किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। मूंग का विक्रय कर भुगतान का इंतजार कर रहे किसानों का कहना है कि हमने खरीदी शुरू होने के 10 दिन के अंदर ही मूंग का विक्रय केंद्रों पर कर दिया। हमारे बाद जिन किसानों ने मूंग तुलाया उनके खातों में मूंग की राशि आ चुकी है, लेकिन हमारे खाते अब भी खाली है।

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