राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रचलित भावों पर 1503395 करोड़ पहुंच गया प्रदेश का सकल घरेलू उत्‍पाद

12 मार्च 2025, भोपाल: प्रचलित भावों पर 1503395 करोड़ पहुंच गया प्रदेश का सकल घरेलू उत्‍पाद – मध्य प्रदेश का सकल घरेलू उत्‍पाद वर्ष 2024-25 प्रचलित भावों पर रुपये 1503395 करोड़ पहुंच गया है, जो वर्ष 2023-24 में रुपये 1353809 करोड़ था। पिछले वित्तीय वर्ष से 11.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ने वर्ष 2028-29 तक राज्‍य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

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विधान सभा में प्रस्तुत मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2024-25 के अनुसार मध्य प्रदेश का सकल घरेलू उत्‍पाद वर्ष 2024-25 में स्थिर भावों पर जीएसडीपी 712260 करोड़ रुपये है जो वर्ष 2023-24 में 671636 करोड़ रहा। यह 6.05 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि दिखाता है।

मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2024-25 प्रचलित भावों पर रूपये 152615 हो गई है। स्थिर भाव पर वर्ष 2024-25 में प्रति व्‍यक्ति आय रूपये 70434 है । मध्‍यप्रदेश के सकल मूल्य वर्धन में प्रचलित भावों पर वर्ष 2024-25 में क्षेत्रवार हिस्‍सेदारी क्रमश: प्राथमिक क्षेत्र में 44.36 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 19.03 प्रतिशत तथा तृतीयक क्षेत्र में 36.61 प्रतिशत रही है।

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मध्‍यप्रदेश ने लोक वित्त में अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रभावी कदम उठाये गये है। वित्‍तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अधिशेष रूपये 1700 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.11 प्रतिशत तक सीमित रहेगा। राजस्‍व प्राप्तियां रुपये 263344 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

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आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार कृषि फसल क्षेत्र का प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत योगदान वर्ष 2024-25 में 30.90 प्रतिशत रहा लेकिन प्रचलित भाव पर यह 10.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि स्थिर भाव में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी तरह पशुधन क्षेत्र में 7.45 प्रतिशत का योगदान रहा । इसकी वृद्धि स्थिर भाव पर क्रमश: 11.93 प्रतिशत एवं 8.39 प्रतिशत रही। “विकसित भारत” की कल्पना के अनुरूप “विकसित मध्यप्रदेश के रूप में राज्य अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करेगा। प्रदेश की मजबूत बैंकिंग प्रणाली और वित्तीय समावेश की शक्ति से आर्थिक तंत्र निरंतर सशक्त हो रहा है।

कृषि और कृषि प्रसंस्करण के माध्यम से आय के स्रोतों में वृद्धि हो रही है, जबकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, बड़ी अधोसंरचनात्मक परियोजनाएं, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विस्तार, और ऊर्जा उपलब्धता में बढ़ोतरी जैसे महत्वपूर्ण घटक एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में प्रदेश की प्रगति को दर्शाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक और सामाजिक समावेश तथा महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने से आर्थिक और सामाजिक उन्नति में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।

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