राज्य कृषि समाचार (State News)

आत्मा योजना अंतर्गत चिया के लिए किया नवाचार

30 दिसंबर 2024, जबलपुर: आत्मा योजना अंतर्गत चिया के लिए किया नवाचार – कृषि विभाग के अधिकारियों ने गत दिनों  ग्राम मादा के किसान श्री कैलाश यादव द्वारा अपने खेत में की जा रही चिया की खेती का निरीक्षण किया।

उपसंचालक कृषि डॉ  एस के निगम ने बताया कि आत्मा योजना अंतर्गत नवाचार से प्रारंभ चिया की खेती जिले में लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2020 में किसानों द्वारा 5 एकड़ से प्रारंभ चिया अब जिले में लगभग 150 एकड़ में फैल चुकी है। जिले से लगे अन्य जिले के किसानों ने भी ग्राम मादा के किसानों से बीज खरीद कर चिया की खेती करना शुरू कर दिया है।

अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने बताया  कि  कृषक श्री यादव एफपीओ के माध्यम से चिया की पैकिंग एवं ब्रांडिंग कर अन्य जिलों में भी अपना उत्पाद बेच रहे हैं। किसान श्री कैलाश यादव के ने बताया चिया की खेती के लिए एक एकड़ में 3 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। चिया का बीज बहुत छोटा एवं हल्का होने के कारण बोवनी करने के लिए रेत या वर्मी कंपोस्ट मिलाकर करनी पड़ती है। बोनी करने के तुरंत बाद पाटा चला कर हल्की सिंचाई करना पड़ता है। इसमें किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही में रोग एवं कीट का प्रकोप भी नहीं होता। चिया के उत्पादन के लिए चार महीने सिंचाई की आवश्यकता होती है और यह 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है। चिया 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त होती है।

किसान कैलाश यादव ने बताया कि गेहूं की फसल लगाने में जहां 28 हजार रुपए प्रति एकड़ शुद्ध आय प्राप्त होती है। वहीं चिया की खेती से 48 से 50 हजार शुद्ध लाभ प्राप्त होता है साथ ही जिस खेत में चिया की फसल लेते हैं, उसी खेत में आगामी वर्ष में दूसरी फसल में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है एवं कीट बीमारियों का प्रकोप भी कम होता है। निरीक्षण के दौरान कृषि विस्तार अधिकारी श्री देव आनंद  सिंह  एवं कृषक श्री विपिन यादव, श्री राधेश्याम कुशवाहा,श्री  राजेश यादव, श्री मुन्ना यादव,श्री  सूरज कुशवाहा एवं अन्य किसान उपस्थित थे।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements