राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

नवीनतम रिपोर्ट में पाया खर्च आय से अधिक है किसानों की

20 दिसंबर 2024, भोपाल: नवीनतम रिपोर्ट में पाया खर्च आय से अधिक है किसानों की – संसद की कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में पाया है कि किसानों की आय भले ही बढ़ रही हो, लेकिन खर्च आय से अधिक है। इससे किसान परिवारों को अधिक उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।  

नाबार्ड द्वारा 2022-23 के लिए ग्रामीण वित्तीय समावेश पर हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में कहा गया था कि परिवारों की औसत मासिक आय में पांच साल की अवधि में 57.6 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। यह 2016-17 में 8,059 रुपए से बढ़कर 2021-22 में 12,698 रुपए हो गई।  यह वृद्धि 57.6 प्रतिशत रही। लेकिन यहां ध्यान रखना होगा कि औसत मासिक व्यय और भी तेजी से बढ़ा। इसी अवधि में यह 6,646 से बढ़कर 11,262 रुपए (69.4 प्रतिशत की वृद्धि) हो गई। इससे असंतुलन पैदा हो गया। समिति का कहना है कि वर्तमान स्थिति में सावधानीपूर्वक निगरानी और लक्षित हस्तक्षेप की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान अपनी कृषि गतिविधियों में निवेश जारी रखते हुए अपनी उधारी का स्थाई रूप से प्रबंधन कर सकें और साथ ही विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि किसान भारी कर्ज के दुष्चक्र में न फंस जाएं। इसके अलावा किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं का भी जमीनी स्तर पर अधिकतर किसानों को लाभ पहुंच सके। संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में कृषि विभाग का नाम भी बदलने की बात कही है। अब तक विभाग का  नाम कृषि और किसान कल्याण विभाग था, इसे बदलकर अब कृषि, किसान और खेत मजदूर कल्याण विभाग करने का सुझाव दिया गया है। समिति का कहना है कि इससे खेतिहर मजदूरों पर अधिक ध्यान केंद्रित हो सकेगा।

Advertisement
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement