भारत की काली मिर्च और इलायची की खुशबू ने विदेशी रसोइयों को बनाया दीवाना
12 जून 2025, भोपाल: भारत की काली मिर्च और इलायची की खुशबू ने विदेशी रसोइयों को बनाया दीवाना – भारत में उत्पादित काली मिर्च और इलायची के साथ ही अन्य मसालों ने दुनिया भर में अपनी लोकप्रियता हासिल की है और इन मसालों की खुशबू ने विदेशी रसोइयों को अपना दीवाना बना रखा है।
हल्दी, जीरा, काली मिर्च और इलायची की खुशबू ने न सिर्फ़ विदेशी रसोइयों को दीवाना बनाया, बल्कि देश की कमाई को भी नई ऊंचाई दी। इस साल 2024-25 में मसालों का निर्यात 4.72 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले साल से 6% ज्यादा है। मेहनती किसान, जिनके खेतों में ये मसाले उगते हैं, इस सफलता की असली ताकत हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक मसाला निर्यात 10 अरब डॉलर और 2047 तक 25 अरब डॉलर तक ले जाएँ। मिर्च भारत के मसाला निर्यात का सबसे बड़ा सितारा है। ये कुल निर्यात का एक-चौथाई हिस्सा है। इस साल मिर्च का निर्यात 1.34 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल के 1.50 अरब डॉलर से 11% कम है। कीमतों में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन मिर्च की माँग दुनिया में कम नहीं हुई। इस साल 7.15 लाख टन मिर्च विदेश भेजी गई, जो पिछले साल से 19% ज़्यादा है। जीरा मसाला निर्यात में दूसरा बड़ा नाम है। इस साल 732.35 मिलियन डॉलर का जीरा विदेश भेजा गया, जो पिछले साल से 5% ज़्यादा है। 6.17 लाख टन जीरा निर्यात हुआ, यानी मात्रा में 6% की बढ़ोतरी। हल्दी ने तो और भी कमाल किया। इसके स्वास्थ्य लाभों की वजह से दुनिया में इसकी माँग आसमान छू रही है। 341 मिलियन डॉलर की हल्दी निर्यात हुई, जो 51% की ज़बरदस्त उछाल है। 1.76 लाख टन हल्दी विदेश गई, जो 9% की बढ़ोतरी है। किसानों के लिए ये मौका है कि हल्दी और जीरे की खेती को और बढ़ाएँ, क्योंकि इनकी माँग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। काली मिर्च और छोटी इलायची ने भी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया। काली मिर्च का निर्यात 40% बढ़कर 124.54 मिलियन डॉलर हो गया, और 20,830 टन माल विदेश गया। छोटी इलायची ने 53% की उछाल के साथ 184.65 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, और 6,727 टन माल भेजा गया। इन मसालों की खास सुगंध और स्वाद की वजह से विदेशी बाजारों में भारत की साख बढ़ रही है। किसान भाई, जो इन मसालों को उगाते हैं, उनकी मेहनत अब दुनिया भर में मशहूर हो रही है।
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