गुलाबों की नगरी बना गुना: अब विदेशी बाजार में बिखरेगी खुशबू, किसानों को मिलेगा बड़ा मुनाफा
30 जून 2025, गुना: गुलाबों की नगरी बना गुना: अब विदेशी बाजार में बिखरेगी खुशबू, किसानों को मिलेगा बड़ा मुनाफा – मध्यप्रदेश के गुना जिले के किसानों की मेहनत अब अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर बढ़ रही है। “गुलाबों की नगरी” के रूप में प्रसिद्ध हो रहे गुना में फूलों की खेती को नई उड़ान देने की तैयारी की जा रही है। यहां के गुलाब अब न केवल जयपुर और दिल्ली जैसे बड़े बाजारों में महक रहे हैं, बल्कि अब उन्हें लंदन और पेरिस जैसे विदेशी बाजारों तक पहुंचाने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।
वर्तमान में जिले के करीब 20-25 किसान उद्यानिकी विभाग और नेशनल बॉर्डर कमिशन (NBC) के सहयोग से लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में गुलाब की खेती कर रहे हैं। एक किसान गुलाब की खेती से प्रति एकड़ सालाना 10 से 12 लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमा रहा है।
एमपीआईडीसी दे रहा साथ
गुलाबों की खेती को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) भी सामने आया है। 16 जुलाई को MPIDC की एक्सपर्ट टीम गुना आएगी और किसानों को एक्सपोर्ट की संभावनाएं, आवश्यक फॉर्मेलिटीज और अन्य तकनीकी पहलुओं की जानकारी देगी। साथ ही, किसानों को एक्सपोर्टर्स से जोड़ने में भी मदद की जाएगी।
पॉलीहाउस से बढ़ेगी खेती
गुलाब उत्पादन को और बढ़ाने के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा 2025-26 में 50 एकड़ में पॉलीहाउस तैयार कर 150 किसानों को गुलाब की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। अगले 5 वर्षों में इसे बढ़ाकर 500 एकड़ तक ले जाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
एक पॉलीहाउस 2500 स्क्वायर फीट का होता है, जिसकी लागत करीब 25 लाख रुपये आती है। सरकार इस पर 50 प्रतिशत (12.5 लाख रुपये) का अनुदान दे रही है, जिससे किसानों को लागत का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर भी मिल चुकी है पहचान
गुना के गुलाब ने अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। यही नहीं, इन गुलाबों को स्कॉच राष्ट्रीय अवार्ड 2025 की “Because of Hope” श्रेणी में भी नामांकित किया गया है।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
गुलाब की खेती में दक्षता बढ़ाने के लिए किसानों के एक दल को महाराष्ट्र के पुणे और तलेगांव भेजने की योजना बनाई गई है। वहां किसान पॉलीहाउस में गुलाब उत्पादन की बारीकियों और आधुनिक तकनीकों को सीखेंगे।
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