राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में चावल की गुणवत्ता पर सख्ती: जांच दल गठित

18 अप्रैल 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में चावल की गुणवत्ता पर सख्ती: जांच दल गठित – मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल के परिवहन और भंडारण की गुणवत्ता को लेकर अब कड़ी निगरानी होगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव (खाद्य) रश्मि अरुण शमी को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के पालन की जमीनी हकीकत जांचने के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने को कहा है।

मंत्री राजपूत ने कहा, “यदि एसओपी का पालन नहीं हुआ, तो अमानक चावल जमा होने की आशंका रहती है, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है और शासन की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ सकता है।” इस जांच दल का काम प्रदेश के विभिन्न जिलों में चावल के परिवहन और भंडारण की प्रक्रिया का औचक निरीक्षण करना होगा।

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जांच दल का दायित्व

जांच दल रैंडम आधार पर जिलों में जाकर प्रेषण और प्राप्ति रजिस्टर, परिवहन अनुबंध, गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट और भंडारण स्थलों का भौतिक सत्यापन करेगा। यह दल यह सुनिश्चित कर परिवहन और भंडारण से जुड़े सभी दस्तावेजों की पड़ताल करेगा। यदि कहीं कोई अनियमितता पाई गई, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जांच दल को अपना विस्तृत प्रतिवेदन निर्धारित समय में जमा करना होगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच दल को पूर्ण सहयोग दें और जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएं।

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चावल का परिवहन मध्यप्रदेश में रेक और एलआरटी के जरिए होता है, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अहम हिस्सा है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। राजपूत ने कहा, “एसओपी का पालन सभी जिलों के लिए अनिवार्य है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

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सरकार का दावा

खाद्य मंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उपलब्ध कराने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम खाद्य नीति और वितरण व्यवस्था को और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

यह कदम उपभोक्ताओं के लिए कितना कारगर साबित होगा, यह जांच दल की रिपोर्ट और उस पर होने वाली कार्रवाई पर निर्भर करेगा। फिलहाल, चावल की गुणवत्ता और भंडारण की प्रक्रिया पर नजर रखने की यह पहल व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगाती है।

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