किसानों की आय दोगुना करने हेतु वैज्ञानिकों का विशेष व्याख्यान
06 जून 2025, टीकमगढ़: किसानों की आय दोगुना करने हेतु वैज्ञानिकों का विशेष व्याख्यान – कलेक्टर श्री विवेक श्रोत्रिय के आदेशानुसार कृषि विज्ञान केंद्र एवं किसान कल्याण व कृषि विकास टीकमगढ़ के द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत कृषि प्रचार दल द्वारा ग्राम पंचायतों में जाकर किसानों महिलाओं एवं युवाओं को कृषि, उद्यानकी, पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन एवं मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन आदि विभाग के अधिकारी राज्य एवं केंद्र सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।
अभियान की प्रतिदिन के सफल क्रियान्वयन की निगरानी डॉ. बी.एस किरार प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख और अशोक कुमार शर्मा उपसंचालक कृषि कर रहे हैं तथा अभियान का मुख्य बिंदु कृषि को लाभ का धंधा बनाने और कृषि से किसानों की आय दोगुना करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। इसी क्रम में कृषि प्रचार के पहले दल में वैज्ञानिक डॉ. यू.एस. धाकड़, डॉ. आई.डी. सिंह, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अनुराग तिवारी, उद्यानिकी, पशु, मत्स्य एवं म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन आदि के अधिकारी जतारा वि.ख. के लिधौराताल और चंदेरा खास गांव गए। दूसरे दल में वैज्ञानिक डॉ. एस.के. सिंह, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री आई.पी. तिवारी, सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकीश्री डिलेश्वर बन्देवार, पशु चिकित्सक, मत्स्य निरीक्षक, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी टीकमगढ़ वि.ख. के चरपुवां और माडूमरखास गांव गए। तीसरे दल में वैज्ञानिक डॉ. एस.के. जाटव, संचालक आत्मा परियोजना श्री भारत राजवंशी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री विष्णु पाटीदार, रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के वैज्ञानिक, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी निवाड़ी वि.ख. के करगुंवा और बिजौर गांव गए।
वैज्ञानिकों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसानों को खरीफ फसलों की उन्नत तकनीक, मिट्टी परीक्षण, श्री अन्न फसलों, प्राकृतिक खेती, आदि के बारे में विस्तार से तकनिकी जानकारी दी जा रही है और जिले में दलहन, तिलहन, प्राकृतिक खेती एवं श्री अन्न फसलों के क्षेत्रफल में वृद्धि करने तथा किसानों की आय दोगुना करने हेतु किसानों में जागरूकता लाई जा रही है। दलहन में उड़द और मूंग तथा तिलहन में सोयाबीन, तिल, मूंगफली की उन्नत किस्में, बीजदर, संतुलित उर्वरक, समय पर निंदाई-गुड़ाई एवं कीट प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किये गए। कृषि, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, पशु, मत्स्य, म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन, आदि के अधिकारियों द्वारा शासन की किसान कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया गया।
इस दौरान प्रगतिशील कृषक श्री देवी सिंह ठाकुर ने अपने नवाचार खेती के बारे में बताया। सोयाबीन की उन्नत किस्में आर.वी.एस.एम. 11-35, जे.एस. 20-98, आर.वी.एस. 24; मूंगफली की नई किस्में कादरी (लेपाक्षी), जी.जे.जी. 32, गिरनार 4, गिरनार 5; उड़द की उन्नत किस्में इंदिरा उर्द प्रथम, आई.पी.यू. 13-1, कोटा उर्द-3, आई.पी.यू. 10-26, आई.पी.यू. 11-02; एवं तिल की उन्नत किस्में जी.टी. 4, जी.टी. 5, टी.के.जी. 306, टी.के.जी. 308 आदि अधिक उत्पादन देने वाली किस्में हैं। किसान भाई अधिक उत्पादन हेतु बुवाई से पूर्व बीज का फफूंद नाशक एवं कीटनाशक दवा से बीजोपचार करें तथा सीड ड्रिल या रिज्ड फरो या बी.बी.एफ. मशीन से कतार में बुवाई करें और बीज अनुशंसित मात्रा में ही बोयें। फसल में निंदा नियंत्रण हेतु चयनित दवा का 15 से 25 दिन के अंदर ही छिड़काव करें।
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