सेंसर बेस्ड ऑटोमेशन फर्टीगेशन सिस्टम उद्यानिकी फसलों के लिए वरदान: अपर मुख्य सचिव
28 अगस्त 2025, भोपाल: सेंसर बेस्ड ऑटोमेशन फर्टीगेशन सिस्टम उद्यानिकी फसलों के लिए वरदान : अपर मुख्य सचिव – भोपाल के बरखेड़ी स्थित राज्य कृषि विकास विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में मंगलवार को “उद्यानिकी फसलों के लिए सूक्ष्म सिंचाई एवं सेंसर बेस्ड ऑटोमेशन फर्टीगेशन सिस्टम” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने कहा कि यह आधुनिक तकनीक उद्यानिकी फसलों के लिए एक वरदान साबित होगी। इसके माध्यम से सिंचाई में जल और उर्वरकों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा।
सचिव राजन ने कहा कि प्रदेश में उद्यानिकी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को साकार करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई और सेंसर आधारित फर्टिगेशन सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। यदि यह प्रणाली सफल होती है तो उद्यानिकी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि योजना को और बेहतर बनाने के लिए लगातार फीडबैक लिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उसमें सुधार किया जाएगा।
आधुनिक तकनीक से बागवानी में क्रांति संभव
कार्यक्रम में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की आयुक्त प्रीति मैथिल ने बताया कि यह तकनीक आधुनिक बागवानी खेती के लिए बहुत लाभकारी है। इसे दुनिया के कई देशों में अपनाया जा चुका है और अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। अब इस तकनीक को प्रदेश के किसानों तक पहुँचाने के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा।
विशेषज्ञ एम.डी. डैनी और वैज्ञानिक डॉ. योगेश राजवाड़े ने कार्यशाला में बताया कि सूक्ष्म सिंचाई और फर्टीगेशन प्रणाली में कौन-कौन से घटक शामिल होते हैं और किस प्रकार के सेंसर उर्वरक के लिए उपयोग किए जाते हैं। उन्होंने सेंसर तकनीक की कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
किसानों और कंपनियों ने देखा सजीव प्रदर्शन
कार्यशाला के दौरान सेंसर आधारित फर्टीगेशन सिस्टम की कई निर्माता कंपनियों ने अपने सिस्टम का लाइव प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम की शुरुआत में अपर संचालक डॉ. के.एस. किराड़ ने कार्यशाला के उद्देश्यों और इसकी कार्यप्रणाली की जानकारी दी।
इस अवसर पर विभागीय अधिकारी, प्रगतिशील किसान और ऑटोमेशन कंपनियों के विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। इस तकनीक से बागवानी क्षेत्र में उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार की पूरी संभावना है।
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