राज्य कृषि समाचार (State News)

स्व-सहायता समूह से मिली नई राह, जैविक खेती से मंजूलता की आमदनी में हुआ इजाफा

08 नवंबर 2024, भोपाल: स्व-सहायता समूह से मिली नई राह, जैविक खेती से मंजूलता की आमदनी में हुआ इजाफा –  मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास जारी है। इस पहल से कटनी जिले के ग्राम बंडाट की मंजूलता हल्दकार की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। मंजूलता, जो पहले मजदूरी कर अपना जीवन यापन करती थीं, अब समूह से जुड़कर खेती से अच्छी आय अर्जित कर रही हैं।

मंजूलता बताती हैं कि समूह में शामिल होने से पहले आर्थिक संकट से जूझना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। किसी भी आपात स्थिति में पैसों की कमी के कारण उन्हें महंगी ब्याज दरों पर कर्ज लेना पड़ता था। स्व-सहायता समूह के फायदों को समझते हुए मंजूलता ने अपने गांव की 14 महिलाओं के साथ मिलकर “जागृति स्व-सहायता समूह” का गठन किया। इस समूह ने हर सप्ताह 10 रुपये की बचत शुरू की और प्रथम ग्रेडिंग के तहत 14 हजार रुपये की राशि प्राप्त की। इसके बाद ग्राम संगठन से सीआईएफ राशि के रूप में 50 हजार रुपये भी मिले, जिससे मंजूलता ने अपने कृषि कार्यों का विस्तार किया।

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मंजूलता ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण लिया और अपनी जमीन पर टमाटर, बैगन, मिर्च, लौकी, खीरा, हल्दी और अदरक जैसी फसलों की जैविक खेती शुरू की। इससे उनकी आमदनी में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी। अब मंजूलता अपनी फसल से होने वाली आय से अपने परिवार का बेहतर तरीके से पोषण कर पा रही हैं और उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है।

आज मंजूलता न केवल अपने परिवार की आय में योगदान कर रही हैं, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी सब्जी उत्पादन और जैविक खेती के लाभ समझाकर प्रेरित कर रही हैं। इस तरह स्व-सहायता समूह ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ ही गांव में भी खेती के प्रति एक नई सोच को बढ़ावा दिया है।

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