राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान-उद्योग जगत परिचर्चा सम्पन्न

13 मार्च 2025, इंदौर: सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में अनुसंधान-उद्योग जगत परिचर्चा सम्पन्न –  राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन केंद्र द्वारा अनुसंधान–उद्योग जगत परिचर्चा पर संवाद कार्यक्रम में भाकृअप  के उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), डॉ डी. एस. यादव वर्चुअल रूप से तथा संस्थान के निदेशक डॉ. कुंवर हरेन्द्र सिंह , इन्क्यूबेशन के प्रभारी डॉ. महावीर शर्मा सहित देश के विभिन्न क्षेत्र से लगभग 49 उद्यमी-नवउद्योजक, संस्थान के सोया वैज्ञानिक सहित लगभग 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

डॉ यादव ने संस्थान में चल रहे सोयाबीन प्रजनन कार्यक्रम, जीनोम एडिटिंग जैसे अनुसंधान कार्यक्रमों की सराहना की और फसल संरक्षण तकनीक पर जोर दिया। आपने वर्तमान में सोयाबीन में लगने वाली प्रमुख बीमारियां जैसे चारकोल रॉट एवं राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट की समस्या का नियंत्रण अत्यंत आवश्यक बताते हुए  सोया-प्रोटीन पर उद्योग जगत के साथ चर्चा-सत्र के माध्यम से रोडमैप बनाने का आह्वान किया। इस दौरान संस्थान द्वाराAICRPS के माध्यम से विकसित ट्रेट स्पेसिफिक 92 सोया किस्मों के बारे में अवगत कराया गया।  संस्थान  प्रमुख डॉ. सिंह ने सोयाबीन की खेती का देश में परिदृश्य प्रस्तुत  किया और  कहा कि सोयाबीन की आर्थिकी को निर्यात निर्भरता से धीरे-धीरे कम करने एवं सोयाबीन के खाद्य पदार्थ या सोया खली के देश में ही उपभोग  बढ़ने  से किसानों को मिलने वाले बाजार मूल्य में स्थिरता आएगी । सोयाबीन के बाजार मूल्य में स्थिरता हेतु प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन को आवश्यक बताया और सोयाबीन से प्रोटीन युक्त लगभग 350 पदार्थ बनाये जाने के बारे में बताया । डॉ.  शर्मा ने आगंतुकों को सोया कुकीज, टोफू, सोया दूध, सोया नमकीन जैसे सोया आधारित खाद्य पदार्थों के साथ-साथ सोयाबीन की खेती में नाइट्रोजन, फास्फोरस व जस्ता घोलक जीवाणु मिश्रित तरल जैव पदार्थों का प्रदर्शन व इनके निर्माण की विधि पर तकनीकी जानकारी दी।

Advertisement
Advertisement

बैठक में बी विस्टा साउथ एशिया कार्यालय, पुणे के डॉ. दिनेश भोंसले; सोया फ़ूड प्रोग्राम, सोया काऊ सेंटर,गाज़ियाबाद के निदेशक डॉ रतन शर्मा; नेक्स्ट नोड इंडिया प्रा  लि कड़ी, गुजरात के कार्यकारी निदेशक डॉ दीपक कुमार; हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट अनुसन्धान संस्थान के एग्री बिजनेस प्रभारी डॉ जे.स्टैनले; MSME, इंदौर के सहायक निदेशक डॉ निलेश त्रिवेदी के साथ संस्थान के डॉ मृणाल कुचलन ने प्रमुख रूप से चर्चा सत्र में व्याख्यान दिया।  इस अवसर पर आयोजित एक प्रदर्शनी में संस्थान के इन्क्यूबेशन केंद्र से प्रशिक्षित फार्म मेसर्स बायो टेक्नोलॉजी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा विकसित माइकोराइजा कवक फार्मूलेशन जारी किया गया।  इससे पूर्व सभी ने नवउद्योजकों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसी आयोजन में मप्र के इंदौर , उज्जैन और भोपाल  संभाग के 18  जिलों में गत दिनों आयोजित  ‘मध्यप्रदेश में सोयाबीन-  गेहूं  फसल प्रणाली की उत्पादकता वृद्धि हेतु उत्पादन तकनीकी’  विषय पर प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी समापन किया गया।  जिसमें कृषि विभाग से जुड़े 34 कृषि विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया। इन्हें  राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान एवं क्षेत्रीय गेहूं अनुसन्धान केंद्र इंदौर के वैज्ञानिकों द्वारा सोयाबीन एवं गेहूं की विभिन्न प्रजातियाँ, उत्पादन एवं प्रसंस्करण  तकनीक , कीट रोग एवं खरपतवार प्रबंधन हेतु विभिन्न पद्धतियाँ जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया ।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement