राजस्थान: किसानों को राहत, भण्डारण शुल्क में 60-70% की छूट, लेकिन क्या हैं चुनौतियाँ?
03 मई 2025, जयपुर: राजस्थान: किसानों को राहत, भण्डारण शुल्क में 60-70% की छूट, लेकिन क्या हैं चुनौतियाँ? – राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम ने किसानों के लिए भण्डारण शुल्क में छूट की घोषणा की है। सामान्य श्रेणी के किसानों को 60%, अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को 70%, और सरकारी संस्थाओं को 10% की छूट दी जाएगी। यह कदम किसानों को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन निगम की वित्तीय स्थिति और भण्डारगृहों की उपयोगिता को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं।
छूट का लाभ और निगम की स्थिति
निगम के मुताबिक, भण्डारण शुल्क उसकी आय का प्रमुख स्रोत है। हालाँकि, भण्डारगृहों की उपयोगिता और लाभ में कमी को देखते हुए, निगम ने पारंपरिक जमाकर्ताओं के साथ-साथ नए व्यापारिक अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया है। निगम का दावा है कि इसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2024-25 में उसकी स्थिति में सुधार हुआ है। इस वर्ष निगम की अनुमानित आय 168 करोड़ रुपये, अनुमानित लाभ 42 करोड़ रुपये, और भण्डारगृहों की उपयोगिता 47% रहने की उम्मीद है।
इसके अलावा, निगम ने पुराने बकाया भण्डारण शुल्क की वसूली के लिए भी कदम उठाए हैं। 2 मई 2025 को 2018-19 से बकाया 1.97 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई।
भण्डारगृहों की क्षमता और सुविधाएँ
राजस्थान में निगम 37 भण्डारगृहों का संचालन करता है, जिनकी कुल भण्डारण क्षमता 17.20 लाख मेट्रिक टन है। किसानों की सुविधा के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 60,000 मेट्रिक टन क्षमता के नए गोदामों का निर्माण किया गया है। ये भण्डारगृह समर्थन मूल्य पर खरीदी गई कृषि जिन्सों, भारतीय खाद्य निगम, नैफेड, राजफैड, और व्यापारियों के खाद्यान्न, बीज, उर्वरक आदि के वैज्ञानिक भण्डारण की सुविधा प्रदान करते हैं।
चुनौतियाँ और सवाल
भण्डारण शुल्क में छूट निश्चित रूप से किसानों के लिए राहत की खबर है, लेकिन भण्डारगृहों की केवल 47% उपयोगिता इस बात की ओर इशारा करती है कि इन सुविधाओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि भण्डारगृहों की कम उपयोगिता और निगम की वित्तीय निर्भरता भण्डारण शुल्क पर सवाल खड़े करती है। साथ ही, नए गोदामों के निर्माण के बावजूद, क्या ये सुविधाएँ ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों तक आसानी से पहुँच पा रही हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है।
किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुल्क में छूट एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन निगम को भण्डारगृहों की उपयोगिता बढ़ाने और छोटे किसानों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए और प्रयास करने होंगे। साथ ही, बकाया राशि की वसूली और नए व्यापारिक अवसरों की खोज निगम की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगी।
क्या यह छूट किसानों की वास्तविक समस्याओं को हल कर पाएगी, या यह केवल एक अस्थायी राहत है? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में निगम इस दिशा में क्या कदम उठाता है।
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