राजस्थान में रबी बुवाई जोरों पर, ‘सुपर’ उर्वरक से किसानों को मिलेगा बढ़िया फायदा
16 अक्टूबर 2025, जयपुर: राजस्थान में रबी बुवाई जोरों पर, ‘सुपर’ उर्वरक से किसानों को मिलेगा बढ़िया फायदा – राजस्थान के हुमानगढ़ जिले में रबी सीजन की बुवाई का कार्य तेजी से प्रगति पर है। सरसों सहित चना और अन्य प्रमुख रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है। बुवाई के साथ ही किसान डीएपी, एसएसपी, एनपीके, यूरिया और पोटाश जैसे आवश्यक उर्वरकों की खरीद कर रहे हैं। जिले में लगातार डीएपी और अन्य फास्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारी वितरण प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसानों को आवश्यकतानुसार खाद की उपलब्धता सुगमता से सुनिश्चित हो सके।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि किसानों को तिलहन एवं दलहनी फसलों में तेल और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने हेतु सल्फर युक्त उर्वरक सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) के उपयोग की सलाह दी जा रही है। इस उर्वरक के प्रयोग से फसलों को फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर और कैल्शियम तत्व भी प्राप्त होते हैं, जिससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
उन्होंने बताया कि डीएपी उर्वरक के प्रत्येक बैग में 23 किलोग्राम फास्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन पाया जाता है, जबकि एसएसपी के प्रति बैग में 8 किलोग्राम फास्फोरस और 5.5 किलोग्राम सल्फर पाया जाता है। यदि किसान डीएपी के स्थान पर 3 बैग एसएसपी और एक बैग यूरिया का उपयोग करें, तो इससे नाइट्रोजन और फास्फोरस की पर्याप्त पूर्ति कम लागत पर हो सकती है, साथ ही मिट्टी को अतिरिक्त पोषक तत्व सल्फर और कैल्शियम भी मिलते हैं।
सिंगल सुपर फॉस्फेट एकमात्र ऐसा फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16 प्रतिशत फास्फोरस, 11 प्रतिशत सल्फर और 21 प्रतिशत कैल्शियम पाया जाता है। सल्फर की उपलब्धता के कारण यह उर्वरक तिलहनी और दलहनी फसलों के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है, जिससे उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
डॉ. प्रमोद कुमार ने किसानों से अपील की कि वे डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट (जिसे सामान्य भाषा में “सूपर” कहा जाता है) का अधिकाधिक उपयोग करें। इससे न केवल फसल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि भूमि की उर्वरता और भौतिक संरचना में भी दीर्घकालिक सुधार सुनिश्चित होगा।
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